भारत में Organ Transplant की बढ़ती जरूरत: क्या आंकड़े चिंताजनक हैं?
भारत में हर साल हजारों मरीज ऐसे हैं जिन्हें किडनी, लिवर, हार्ट या लंग ट्रांसप्लांट (Organ Transplant) की आवश्यकता होती है। लेकिन इन जरूरतों को पूरा करने के लिए अंगदान (organ donation) की दर अब भी बेहद कम है।
- WHO के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 2 लाख किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, लेकिन केवल 10,000 केस ही हो पाते हैं।
- लिवर ट्रांसप्लांट के लिए लगभग 50,000 मरीज इंतज़ार करते हैं, लेकिन केवल 3-4% को ही अंग मिल पाते हैं।
- भारत में हार्ट और लंग ट्रांसप्लांट की संख्या सालाना 1000 से भी कम है।
*(Source: National Organ and Tissue Transplant Organization – NOTTO)
अंगदान की मानसिकता और जागरूकता की कमी
भारत में अंगदान को लेकर कई सामाजिक, धार्मिक और भावनात्मक मिथक जुड़े हुए हैं।
- 80% लोग अंगदान के लिए सहमत नहीं होते, चाहे ब्रेन डेड स्थिति क्यों न हो।
- अंगदान को लेकर मेडिकल मिथकों (जैसे कि मृत्यु के बाद शरीर को नुकसान) के कारण लोग निर्णय लेने से कतराते हैं।
- NOTTO और MOHFW द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों के बावजूद, ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में जागरूकता की दर बेहद कम है।
Organ Transplant तकनीक में भारत की स्थिति
हालांकि भारत में तकनीकी रूप से कई प्रतिष्ठित सेंटर हैं, जैसे कि AIIMS, Apollo, Fortis, Narayana Health, लेकिन पूरे देश के लिए यह संख्या बेहद सीमित है।

- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों में अधिकांश ट्रांसप्लांट सेंटर हैं।
- ग्रामीण भारत में लगभग ट्रांसप्लांट की कोई सुविधा नहीं है।
- भारत में ट्रांसप्लांट सर्जरी की सफलता दर 85-90% तक है, लेकिन पोस्ट-ऑपरेटिव केयर की कमी के कारण कई केस असफल हो जाते हैं।
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NOTTO और ORBO की पहल
1. NOTTO (National Organ and Tissue Transplant Organization)
NOTTO भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) के अधीन एक राष्ट्रीय स्तर की संस्था है। इसका उद्देश्य ऑर्गन डोनेशन और Organ Transplant की निगरानी, समन्वय और प्रमोशन करना है।
मुख्य कार्य:
- सभी राज्यों में Organ Transplant की रजिस्ट्री बनाए रखना
- ऑर्गन एलोकेशन और डिस्ट्रिब्यूशन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना
- आम जनता को अंगदान के प्रति जागरूक करना
2. ORBO (Organ Retrieval Banking Organization):
ORBO की स्थापना AIIMS, New Delhi में की गई है और यह विशेष रूप से ऑर्गन डोनेशन की सुविधा, रिकवरी, बैंकिंग और जागरूकता के लिए काम करता है। यह संस्था ऑर्गन रिट्रीवल एंड बैंकिंग की एक यूनिक और समर्पित इकाई है।
मुख्य कार्य:
- मृतकों से ऑर्गन रिट्रीवल (निकासी) की प्रक्रिया को सुगम बनाना
- ऑर्गन बैंकिंग और ट्रांसप्लांटेशन में मेडिकल सहयोग देना
- डोनर कार्ड और प्रचार के माध्यम से सामाजिक भागीदारी को बढ़ावा देना
निजी अस्पतालों की भूमिका और खर्च
निजी अस्पतालों में ट्रांसप्लांट संभव है, लेकिन खर्च बेहद अधिक है:
- किडनी ट्रांसप्लांट की कीमत: INR 5-10 लाख
- लिवर ट्रांसप्लांट: INR 20-30 लाख
- हार्ट ट्रांसप्लांट: INR 20 लाख+
- कीमत अनुमानित
यह खर्च आम जनता के लिए असहनीय है, और बीमा कंपनियों की सीमित कवरेज और क्लेम की प्रक्रिया इस समस्या को और बढ़ाती है।
मेडिकल टूरिज्म और भारत की संभावना
- भारत मेडिकल टूरिज्म के लिए एक उभरता हब है।
- अफ्रीकी, मध्य एशियाई और खाड़ी देशों से मरीज भारत में इलाज के लिए आते हैं।
- कम कीमत, उच्च गुणवत्ता और अंग्रेज़ी भाषा की सहजता भारत को एक पसंदीदा स्थान बनाती है।
- लेकिन इसका एक साइड इफेक्ट यह है कि घरेलू मरीजों को प्राथमिकता नहीं मिलती।
क्या भारत तैयार है? विशेषज्ञों की राय

“भारत में Organ Transplant के तकनीकी संसाधन मौजूद हैं लेकिन व्यवस्था, नीति और जनमानस को एकजुट करने की जरूरत है।”– डॉ. आरएन सिंह (AIIMS)“अगर अंगदान को लेकर स्कूल स्तर से जागरूकता लाई जाए तो 5 साल में स्थिति पूरी तरह बदल सकती है।”– डॉ. कविता शर्मा (Apollo Hospitals)
समाधान की दिशा में जरूरी कदम
1. राष्ट्रीय स्तर पर स्कूल-कोलेज पाठ्यक्रम में अंगदान शामिल किया जाए।
2. हर अस्पताल में Organ Transplant को-ऑर्डिनेटर की नियुक्ति अनिवार्य हो।
3. प्राइवेट हॉस्पिटल्स को सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत सीमित संख्या में फ्री ट्रांसप्लांट करने का प्रावधान हो।
4. सरकारी अस्पतालों को अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और प्रशिक्षित स्टाफ से लैस किया जाए।
5. NOTTO द्वारा एक पारदर्शी और रियल टाइम अंग वितरण प्रणाली बनाई जाए।
निष्कर्ष:
organ transplant in india पर नजर डालें तो यह स्पष्ट है कि देश में स्वास्थ्य तकनीक है, इच्छाशक्ति है, लेकिन चुनौती है जागरूकता, सुविधा और समानता की। अगर सही दिशा में नीति और समाज दोनों मिलकर चलें तो भारत ट्रांसप्लांट क्रांति के अगले चरण में प्रवेश कर सकता है।