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AIIMS CT scan: OPD मरीजों को अब 4 दिन से कम वेटिंग!

Delhi AIIMS ने OPD मरीजों की CT Scan में वेटिंग कम करने के लिए नया प्रयोग ​किया है। माना जा रहा है कि इससे जांच के इंतजार में कमी आएगी।

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🖊️ Edited by: Pooja Mishra

AIIMS OPD मरीजों को अब लंबी वेटिंग से राहत

नई दिल्ली। AIIMS CT scan : दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में इलाज के लिए आने वाले ओपीडी मरीजों को सीटी स्कैन (CT Scan) जैसी महत्वपूर्ण जांच के लिए अब लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
मरीजों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए संस्थान ने 2 दिसंबर 2025 को प्रतिष्ठित प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर्स से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) मांगा है, ताकि सब्सिडी वाली दरों पर शीघ्र जांच (AIIMS CT scan) उपलब्ध हो सके।
इससे न केवल मरीजों का समय बचेगा, बल्कि अस्पताल पर बोझ भी कम होगा। यह कदम गंभीर रोगियों की जांच में होने वाली देरी को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
पहले जहां वेटिंग (CT scan) महीनों तक चलती थी, अब यह चार दिनों के अंदर सीमित रहेगी। इसलिए, रोजाना हजारों मरीजों का दबाव झेल रहे एम्स के लिए यह बड़ी राहत साबित हो सकता है।

AIIMS CT Scan : प्राइवेट सेंटर्स का पैनल और भुगतान प्रक्रिया

एम्स द्वारा चुने गए प्राइवेट जांच केंद्रों पर ओपीडी मरीजों की सीटी स्कैन जांच के लिए अधिकतम चार दिनों की वेटिंग सुनिश्चित की जाएगी।
ये केंद्र सीजीएचएस (CGHS) द्वारा निर्धारित दरों से अधिक शुल्क नहीं वसूल सकेंगे, जो 2024-25 में अपडेट हो चुकी हैं। मरीजों को सीधे प्राइवेट सेंटर में भुगतान नहीं करना होगा, बल्कि निर्धारित राशि एम्स में ही जमा करनी होगी।
जांच पूरी होने की पुष्टि के बाद एम्स हर महीने संबंधित केंद्रों को भुगतान जारी करेगा। इसलिए, मरीजों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि पारदर्शी व्यवस्था से विश्वास भी बढ़ेगा।
इस योजना से अस्पताल में बढ़ते मरीजों के दबाव को कम करने में मदद मिलेगी क्योंकि आंतरिक संसाधनों पर अतिरिक्त भार न पड़े, तो सेवाओं की गुणवत्ता बनी रहेगी।

गरीब मरीजों के लिए मुफ्त जांच और तकनीकी एकीकरण

एम्स और प्राइवेट सेंटर्स मिलकर एक सिस्टम तैयार करेंगे, जिसमें मरीजों को ई-हॉस्पिटल सिस्टम (e-hospital system) के जरिए अपॉइंटमेंट (AIIMS appointment) मिल सके। पैनल में शामिल केंद्रों को निर्धारित संख्या में गरीब मरीजों की जांच बिना किसी शुल्क के करनी होगी।
इसके अलावा, जांच के दौरान मरीज को बेहोश करने (Sedation) के लिए कोई अतिरिक्त राशि नहीं ली जाएगी। चयनित सेंटर्स एम्स से मात्र 10 किलोमीटर के दायरे में होने चाहिए।
ताकि मरीजों को आने-जाने में असुविधा न हो। दो साल के अनुबंध में पहले छह महीने पायलट चरण के रूप में चलेंगे। जिससे व्यवस्था की प्रभावशीलता का परीक्षण हो सके।
इस तरह, योजना न केवल त्वरित है, बल्कि समावेशी भी बनेगी। और वंचित वर्ग के लिए बड़ी सहायता साबित होगी।

एम्स बनेगा वैश्विक रिसर्च हब

एम्स दिल्ली को देश ही नहीं, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल रिसर्च और प्रैक्टिस संस्थान बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
नीति आयोग (Niti Ayog) के सदस्य डॉ. वीके पॉल (Dr. VK Paul) की अगुआई में फरवरी 2025 में गठित उच्च स्तरीय समिति मौजूदा सिस्टम और प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा करेगी। यह समिति व्यापक सुधारों का रोडमैप तैयार करेगी।
जिसमें समयबद्ध लक्ष्य शामिल होंगे। इससे संस्थान की क्षमता बढ़ेगी। और रोगियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। डॉ. पॉल ने कहा, “एम्स को वैश्विक स्तर का बनाना हमारा लक्ष्य है।”
इस प्रयास से न केवल क्लिनिकल सेवाएं मजबूत होंगी। बल्कि रिसर्च में भी नई ऊंचाइयां छुएंगे। इसलिए, AIIMS CT scan जैसी सुविधाओं के साथ रिसर्च हब की यात्रा तेज होगी।
 
यह नई पहल एम्स को और सशक्त बनाएगी। जहां ओपीडी मरीजों को AIIMS CT scan जैसी जांच में तत्काल राहत मिलेगी। आगे के अपडेट्स से योजना का विस्तार स्पष्ट होगा। जो स्वास्थ्य सेवाओं में सकारात्मक बदलाव लाएगा।

जिज्ञासा

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Kavya Singh
Kavya Singhhttps://www.caasindia.in
Kavya Singh: Blending Poetry with Journalism, Flavor with Stories : Kavya Singh is not just a journalist she's a storyteller who weaves facts with feelings and sprinkles creativity into everything she writes. With dual degrees in Journalism and Home Science, Kavya brings a rare blend of sharp narrative skills and deep cultural understanding to the world of feature writing.While most journalists chase the conventional beats of politics or crime, Kavya follows a road less traveled feature journalism. She believes that the most meaningful stories are found not in headlines but in the everyday rhythm of life.
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