Ankylosing spondylitis infection risk : क्या बायोलॉजिक्स ही हैं फेफड़ों संक्रमण की असली वजह?
Ankylosing spondylitis (AS) एक inflammatory बीमारी है, जो immune system को लम्बे समय तक प्रभावित करती है। इससे शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कुछ हद तक कम हो सकती है ...
Ankylosing spondylitis मरीजों को संक्रमण का जोखिम क्यों सताता है? जानिए पूरा संदर्भ
Ankylosing Spondylitis Infection Risk, विषय पर अक्सर यह चर्चा होती है कि क्या बायोलॉजिक दवाएं ही मुख्य दोषी हैं या खुद बीमारी भी संक्रमण को जन्म देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों ही स्थितियों में संक्रमण का जोखिम बना रहता है। भारत जैसे देशों में, जहां TB का प्रचलन पहले से अधिक है, वहाँ यह सवाल और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
Anti-TNF और IL‑17 inhibitors जैसी बायोलॉजिक दवाएं शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कुछ हद तक दबा देती हैं, जिससे latent TB जैसे संक्रमण पुनः सक्रिय हो सकते हैं। हालांकि इन दवाओं के इस्तेमाल से पहले TB स्क्रीनिंग और इलाज संभव है, लेकिन जोखिम बना रहता है।
Ankylosing Spondylitis Infection Risk : खुद बीमारी भी संक्रमण की वजह बन सकती है
Ankylosing spondylitis (AS) एक inflammatory बीमारी है, जो immune system को लम्बे समय तक प्रभावित करती है। इससे शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कुछ हद तक कम हो सकती है, खासकर उन मरीजों में जो NSAIDs या स्टेरॉयड्स का लंबे समय तक सेवन करते हैं।
रिसर्च क्या कहती है? जब दवा भी कारण है और बीमारी भी
स्वीडिश स्टडी: बिना बायोलॉजिक वाले भी जोखिम में
एक अध्ययन के अनुसार, स्वीडन में AS/SpA मरीजों में TB का स्तर 2.7/100,000 पाया गया। यह सामान्य जनसंख्या (2.4/100,000) के करीब था। यह बताता है कि सिर्फ बायोलॉजिक दवा लेना ही जोखिम का कारण नहीं है।
मेटा एनालिसिस: बायोलॉजिक से 6 गुना बढ़ सकता है TB
Ankylosing spondylitis infection risk : क्या बायोलॉजिक्स ही हैं फेफड़ों संक्रमण की असली वजह?
एक बड़े meta-analysis में पाया गया कि TNF‑α आधारित बायोलॉजिक लेने वाले SpA मरीजों में TB का Odds Ratio \6.17 था, यानी जोखिम छह गुना तक बढ़ सकता है। IL‑17 inhibitors जैसे विकल्पों में यह जोखिम कम पाया गया।
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NSAIDs और स्टेरॉयड भी इम्यून को करते हैं कमजोर
NSAIDs और स्टेरॉयड का लंबे समय तक उपयोग भी इम्यून रिस्पॉन्स को कमजोर कर सकता है। यह संक्रमण के प्रति संवेदनशीलता बढ़ा सकता है।
Ankylosing Spondylitis Infection Risk : IL-17 inhibitors से TB का खतरा कम क्यों?
IL-17 inhibitors शरीर की immune pathway को TNF blockers की तरह suppress नहीं करते, जिससे latent TB को reactivation की संभावना कम होती है। यही कारण है कि कई डॉक्टर TB prevalent क्षेत्रों में इन्हें प्राथमिकता देते हैं।
बचाव के उपाय: TB और अन्य संक्रमणों से कैसे बचें?
Latent TB स्क्रीनिंग: कब और कैसे?
इलाज शुरू करने से पहले IGRA या TST टेस्ट जरूरी है
भारत जैसे देशों में स्क्रीनिंग हर साल दोहराई जा सकती है
Prophylaxis: TB को रोकने का सही तरीका
यदि latent TB पाया जाए तो Isoniazid या Rifampicin से प्रोफिलैक्सिस करें
उपचार की पूर्ण अवधि (6–9 माह) जरूरी है, तभी बायोलॉजिक थेरेपी शुरू होनी चाहिए
बायोलॉजिक चयन करते समय क्या ध्यान रखें?
TB जोखिम को ध्यान में रखते हुए IL-17 inhibitors जैसे विकल्प चुनना लाभदायक हो सकता है। हमेशा डॉक्टर से व्यक्तिगत केस के आधार पर परामर्श लें
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Ankylosing spondylitis infection risk : AS मरीजों में फेफड़ों की स्थिति कैसी होती है?
कुछ AS मरीजों में रीढ़ की हड्डियों की कठोरता के कारण छाती की क्षमता कम हो जाती है, जिससे फेफड़ों में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
भारत जैसे देशों में खास सतर्कता क्यों जरूरी है?
भारत में TB का सामुदायिक प्रसार अधिक है। यहाँ latent TB के केस बहुत आम हैं, इसलिए AS मरीजों को screening और बचाव ज्यादा गहनता से करना होता है।
निष्कर्ष
ankylosing spondylitis infection risk केवल दवा पर निर्भर नहीं है, बीमारी की मूल प्रकृति भी इसका कारण बन सकती है। Anti-TNF बायोलॉजिक TB के जोखिम को बढ़ाते हैं, लेकिन IL-17 inhibitors से यह खतरा कम होता है।
सबसे अहम है—screening, सही दवा चयन, और प्रोफिलैक्सिस। TB जैसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए यह तीन-स्तरीय रणनीति हर मरीज के लिए जीवनरक्षक हो सकती है।
यदि आप या आपके किसी परिचित को AS है, तो डॉक्टर, फिजियोथेरेपिस्ट और इन्फेक्शन विशेषज्ञ की सलाह से उपचार शुरू करें। TB-endemic देश में रहते हुए सतर्क रहना ही सुरक्षा है।
सामान्य सवाल जो हर AS मरीज के मन में होते हैं
Q1. क्या सिर्फ बायोलॉजिक लेने से TB का जोखिम बढ़ता है?
हाँ, बायोलॉजिक लेने से जोखिम बढ़ सकता है, लेकिन प्रोफिलैक्सिस और स्क्रीनिंग से इसे काफी हद तक रोका जा सकता है।
Q2. IL‑17 inhibitors सुरक्षित क्यों माने जाते हैं?
क्योंकि ये latent TB को re-activate करने में TNF blockers से कम सक्षम होते हैं।
Q3. बायोलॉजिक न लेने वाले AS मरीजों को क्या करना चाहिए?
नियमित चेकअप, इन्फेक्शन लक्षणों पर ध्यान, और NSAIDs का सीमित उपयोग।
Q4. TB प्रोफिलैक्सिस में क्या सावधानियाँ जरूरी हैं?
दवाओं को नियमित समय तक लेना, लीवर फंक्शन की निगरानी, और बायोलॉजिक तभी शुरू करना जब TB का खतरा समाप्त हो जाए।
अस्वीकरण (Disclaimer)
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