सोमवार, नवम्बर 3, 2025
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Ankylosing Spondylitis Treatment : भारत में क्यों चुनौती है? WHO मानकों पर भारत की हकीकत

भारत जैसे विशाल देश जहां की सरकार विश्व की सबसे बडी स्वास्थ्य बीमा योजना चला रही है, आखिर उस देश के नीति निर्माताओं का ध्यान अबतक Ankylosing Spondylitis जैसी बीमारी और उसके उपचार की रणनीति बनाने की तरफ क्यों नहीं गया है?

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Highlights

Ankylosing Spondylitis के इलाज में क्यों इतना पिछड रहा है दमदार भारत?

Ankylosing Spondylitis Treatment : AS कोई आम पीठ दर्द नहीं, बल्कि यह रीढ़ की हड्डी और शरीर के बडे जॉइंट्स को स्थायी रूप से प्रभावित कर कम उम्र में ही विकलांगता की ओर धकेलने वाली गंभीर बीमारी है।
भारत जैसे विशाल देश जहां की सरकार विश्व की सबसे बडी स्वास्थ्य बीमा योजना चला रही है, आखिर उस देश के नीति निर्माताओं का ध्यान अबतक Ankylosing Spondylitis जैसी बीमारी और उसके उपचार (Ankylosing Spondylitis Treatment) की रणनीति बनाने की तरफ क्यों नहीं गया है? अब इसे नीतिगत विफलता न माना जाए तो और क्या कहा जाए?

Ankylosing Spondylitis Treatment : WHO मानक कहते हैं…

  • WHO के अनुसार, हर एक लाख जनसंख्या पर कम से कम 1 Rheumatologist होना चाहिए, ताकि समय रहते Autoimmune बीमारियों का निदान हो सके।
  • भारत में यह अनुपात 1:10 लाख से भी कम है।
  • देश के 70% Rheumatologist केवल महानगरों तक सीमित हैं।

Ankylosing Spondylitis Treatment : क्या कहते हैं आंकड़े? (Data Based Critique)

पैरामीटरWHO मानकभारत की स्थिति
Rheumatologists का अनुपात1 प्रति 1 लाख1 प्रति 10 लाख
शुरुआती निदान की अवधि3-6 महीने3-5 साल
बायोलॉजिक्स की उपलब्धताअनिवार्यसिर्फ प्राइवेट अस्पतालों में
औसत इलाज खर्च₹1,500/माह₹15,000-₹50,000/माह

🗣️ मरीजों की जुबानी: “हमारा दर्द सिस्टम नहीं समझता”

💬 राकेश यादव (29 वर्ष, कानपुर)

“जब डॉक्टरों ने बताया कि यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, तब तक मैं तीन साल से दर्द से जूझ रहा था। सरकारी अस्पताल में इलाज मिल नहीं रहा और निजी अस्पताल में खर्च बर्दाश्त से बाहर है।”

💬 नीलिमा शर्मा (35 वर्ष, भोपाल)

“हमारे शहर में कोई Rheumatologist नहीं है। सालों झोलाछाप डॉक्टरों ने इलाज (Ankylosing Spondylitis Treatment ) किया, जिससे बीमारी बिगड़ गई।”

💬 निलेश ठाकुर (32 वर्ष, समस्तीपुर, बिहार)

“सरकारी सिस्टम को हमारी बीमारी की गंभीरता का अंदाजा ही नहीं है। इलाज नहीं, सहायता नहीं, बस दर्द और बेबसी है।”


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Ankylosing Spondylitis Treatment : सरकारी योजनाएं : सिर्फ कागजों में?

योजनाकवरेजAS के लिए प्रावधान
Ayushman Bharat PM-JAY₹5 लाख तक मुफ्त इलाजRheumatological बीमारियां पैकेज में नहीं
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशनप्राथमिक स्वास्थ्य सेवाAutoimmune रोगों का कवरेज शून्य
Disability Benefitsगंभीर विकलांगता परकेवल स्थायी जकड़न पर लाभ

इन योजनाओं में Ankylosing Spondylitis जैसे रोगों का स्पष्ट जिक्र नहीं है, जिससे मरीजों को उनका हक नहीं मिल पाता।

Ankylosing Spondylitis Treatment : भारत में क्यों चुनौती है? WHO मानकों पर भारत की हकीकत
Ankylosing Spondylitis Treatment : भारत में क्यों चुनौती है? WHO मानकों पर भारत की हकीकत


 

 ग्रामीण भारत की त्रासदी

🏥 70% मरीज गांवों में

जहां न Rheumatologist हैं, न MRI जैसी जरूरी सुविधा

🚗 62% को 150+ किमी सफर

इलाज के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है

💸 45% इलाज छोड़ देते हैं

यात्रा, दवा और छुट्टी का खर्च  वहन नहीं कर पाते

❝ Autoimmune रोग ग्रामीण भारत के लिए ‘दिखाई न देने वाली आपदा’ बनते जा रहे हैं। ❞


 

💰 निजी इलाज = दिवालापन

💉 Biologic Therapy खर्च

Private Hospitals में 6 महीने के इलाज की कीमत ₹2–3 लाख तक

🏚️ आर्थिक संकट की हकीकत

Gill et al. (2023): 38% मरीजों के परिवार को लेनी पड़ी या जमीन बेचनी पड़ी

❝ “AS जैसे रोग भारत में Chronic Illness से ज्यादा आर्थिक तबाही बन चुके हैं।” ❞


Dr. R P Parasher

“यह बीमारी सिर्फ दर्द ही नहीं देती है बल्कि सीधे तौर पर मरीजों की जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक, समाजिक और निजी जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित करती है।”

– डॉ. आर पी पाराशर, दिल्ली

Dr. Gaurav Sharma

“भारत में AS के इलाज (Ankylosing Spondylitis Treatment) में देरी का सबसे बड़ा कारण यह है कि हम अब भी इसे पीठ दर्द समझ कर नजरअंदाज करते हैं। मरीजों को सही विशेषज्ञ तक पहुँचने में सालों लग जाते हैं।”

– डॉ. गौरव शर्मा, दिल्ली


 नीतिगत चूक: RMDs को नजरअंदाज किया गया

🏥 नीति प्राथमिकता का अंतर

भारत में अब भी TB और Diabetes को नीति प्राथमिकता मिलती है, लेकिन RMDs को ‘लाइफस्टाइल समस्या’ मानकर नजरअंदाज किया जाता है।

— Pathak et al., 2021 (PMC)

💰 बजट आवंटन

RMDs के लिए <0.3% स्वास्थ्य बजट आवंटन, नीति निर्माताओं की प्राथमिकताओं की गंभीर असमानता दर्शाता है।

❝ Rheumatic रोगों को ‘मूक आपदा’ समझा जाए, ना कि जीवनशैली की भूल ❞


 

📌 क्या होना चाहिए : नीति सिफारिशें

जिला स्तर पर Rheumatologist की नियुक्ति अनिवार्य हो

अभी केवल 8 राज्यों में 3rd-tier rheumatology care उपलब्ध है।

बायोलॉजिक्स की सरकारी खरीद और सब्सिडी योजना बने

Central Medical Services Society के तहत Bulk Purchase Model लाना चाहिए।

PM-JAY में Autoimmune रोगों को शामिल किया जाए

Clear ICD-10 कोडिंग के तहत AS को “Chronic Disease” मान्यता मिले।

मेडिकल शिक्षा पाठ्यक्रम में Autoimmune Disorders को प्रमुखता मिले

ताकि PHC स्तर पर ही सही रेफरल हो सके।

 


Ankylosing Spondylitis Treatment:  जिज्ञासा

Q1. भारत में Ankylosing Spondylitis की शुरुआती पहचान में देरी क्यों होती है?

भारत में रूमेटोलॉजिस्ट की भारी कमी, लक्षणों को नजरअंदाज करना और डायग्नोस्टिक सुविधाओं की असमान पहुंच इसके पीछे प्रमुख कारण हैं। इससे रोग की पहचान 5–7 साल तक टल सकती है।

Q2. क्या Ankylosing Spondylitis के लिए भारत में कोई स्थायी इलाज उपलब्ध है?

नहीं, यह एक क्रॉनिक ऑटोइम्यून रोग है जिसका कोई स्थायी इलाज (ankylosing spondylitis treatment) नहीं है। लेकिन सही समय पर इलाज और भौतिक चिकित्सा (physiotherapy) से रोग की प्रगति को धीमा किया जा सकता है।

Q3. WHO की नजर में Ankylosing Spondylitis के इलाज में न्यूनतम क्या सुविधाएं होनी चाहिए?

WHO के मानकों के अनुसार, मरीजों को early diagnosis, biologic drugs, और सघन पुनर्वास सेवाएं मिलनी चाहिए। भारत में ये सभी सुविधाएं अब भी असमान रूप से उपलब्ध हैं।

Q4. क्या सरकारी योजनाएं Ankylosing Spondylitis के मरीजों को राहत देती हैं?

अधिकतर राज्य योजनाओं में यह रोग स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध नहीं है। आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं में भी biologic treatment या long-term physiotherapy का समावेश सीमित है।

Q5. भारत में Ankylosing Spondylitis के लिए कौन-से प्रमुख अस्पताल या केंद्र मौजूद हैं?

दिल्ली AIIMS, PGI चंडीगढ़, CMC वेल्लोर, और NIMS हैदराबाद जैसे केंद्रों में सीमित विशेषज्ञता उपलब्ध है। लेकिन मरीजों की संख्या की तुलना में ये सुविधाएं बेहद अपर्याप्त हैं।

Q6. भारत में Ankylosing spondylitis Treatment के लिए health insurance की सुविधा उपलब्ध है?

नहीं, भारत में AS सहित कई ऑटोइम्यून बीमारियों के उपचार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा उपलबध नहीं है।

निष्कर्ष: जब तक नीति नहीं बदलेगी, दर्द बढ़ता रहेगा

Ankylosing Spondylitis एक ऐसी बीमारी है जो मरीजों के जीवन को कई स्तरों पर प्रभावित करता है। यह बीमारी युवा अवस्था में विकलांगता की स्थिाति की ओर ले जाता है। धीरे-धीरे मरीज सामाजिक जीवन से अलग होने लगता है। भारत जैसे देश में जहां स्वास्थ्य सेवा एक बडी चुनौति है, वहां इस बीमारी की अनदेखी नीतिगत विफलता की गवाही देती है। भारत को चाहिए कि वह WHO मानकों के अनुसार, Rheumatology को स्वास्थ्य नीति के केंद्र में लाए, ताकि कोई और नीलिमा या राकेश इलाज के अभाव में दर्द से टूट न जाए।

अस्वीकरण (Disclaimer)


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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Ankur Shukla
Ankur Shuklahttps://caasindia.in
Ankur Shukla: The Journalist Who Strikes a Chord with Words and MusicWith over 13 years of rich experience in journalism, Ankur Shukla has carved a niche for himself as a trusted senior journalist, having served with distinction in several leading dailies. His in-depth reporting, especially on the health beat, has earned him prestigious honors like the Indraprastha Gaurav Award and the Swami Vivekananda Award and many more.But Ankur’s talents go far beyond the newsroom. A passionate Indian classical vocalist and a skilled sitar player he effortlessly blends the art of storytelling with the soul of music. And beyond pen and performance, he wears yet another hat — that of a committed social contributor, working actively for the welfare of autoimmune disease patients across the country.
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