कैंसर के उपचार (Cancer Treatment) में साइड इफेक्ट से बचाएगी नई थेरेपी
Cancer treatment 2025, Latest Cancer Treatment : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी (IIT Guwahati) और बोस इंस्टीट्यूट कोलकाता (Bose Institute Kolkata) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक बहु-संस्थागत शोध (Multi-institutional research) किया गया। इसमें कैंसर उपचार (Cancer Treatment) के लिए एक उन्नत इंजेक्टेबल हाइड्रोजेल थेरेपी (Advanced Injectable Hydrogel Therapy) विकसित करने में सफलता हासिल की है। यह थेरेपी ट्यूमर साइट पर सीधे कैंसर विरोधी दवाओं (anticancer drugs) को पहुंचाने में मदद करती है, जिससे पारंपरिक कैंसर उपचारों से जुड़े दुष्प्रभावों में काफी कमी आती है।
Cancer Treatment : कैंसर ट्यूमर तक दवा पहुंचाने में मिलेगी मदद
इस शोध के निष्कर्ष रॉयल सोसाइटी ऑफ केमिस्ट्री (Royal Society of Chemistry) की एक पत्रिका, प्रतिष्ठित मैटेरियल्स होराइजन्स (Materials Horizons) में प्रकाशित हुए हैं। इस पेपर के सह-लेखक प्रोफेसर देबप्रतिम दास (Professor Debapratim Das) हैं, साथ ही उनके शोध विद्वान आईआईटी गुवाहाटी की तनुश्री दास और ऋत्विका कुशवाह और बोस इंस्टीट्यूट कोलकाता के सहयोगी डॉ. कुलदीप जाना (Dr. Kuldeep Jana), सत्यजीत हलदर और अनूप कुमार मिश्रा भी हैं। कैंसर एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है।
जिससे दुनिया भर में लाखों मरीज प्रभावित हैं। कीमोथेरेपी (Chemotherapy) और सर्जिकल हस्तक्षेप (Surgical Intervention) जैसे वर्तमान उपचारों (Cancer Treatment) में अक्सर गंभीर सीमाएं होती हैं। आंतरिक अंगों में से ट्यूमर को शल्य चिकित्सा द्वारा हटाना कई बार संभव नहीं होता।
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जबकि कीमोथेरेपी की प्रणालीगत डिलीवरी (Systemic delivery of chemotherapy) अक्सर कैंसरग्रस्त और स्वस्थ कोशिकाओं दोनों को प्रभावित करके हानिकारक दुष्प्रभावों का कारण बनती है। आईआईटी गुवाहाटी में रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर देबप्रतिम दास और उनकी टीम ने एक हाइड्रोजेल थेरेपी (Hydrogel Therapy) डिजाइन करके इन चुनौतियों का समाधान किया जो ट्यूमर साइट पर सटीक रूप से दवा पहुंचाता है। जिससे स्थानीयकृत क्रिया (Localized action) सुनिश्चित होती है।
Cancer Treatment : कैसे काम करती है नई थेरेपी (Hydrogel Therapy)
हाइड्रोजेल पानी आधारित, तीन आयामी बहुलक नेटवर्क (Three-dimensional polymer networks) हैं, जो तरल पदार्थ को अवशोषित करने और बनाए रखने में सक्षम हैं। उनकी अनूठी संरचना जीवित ऊतकों (Living Tissues) की नकल करती है, जिससे वे बायोमेडिकल अनुप्रयोगों (Biomedical applications) के लिए उपयुक्त हो जाते हैं। यह नव विकसित हाइड्रोजेल थेरेपी (Newly Developed Hydrogel Therapy) कैंसर रोधी दवाओं के लिए एक स्थिर भंडार (Stationary stores) के रूप में कार्य करता है और ट्यूमर माइक्रोएन्वायरमेंट (Microenvironment) में विशिष्ट स्थितियों पर प्रतिक्रिया करते हुए उन्हें नियंत्रित तरीके से छोड़ता है।
हाइड्रोजेल, अल्ट्रा-शॉर्ट पेप्टाइड्स (Ultra-short peptides) – प्रोटीन के बायोकम्पैटिबल (biocompatible) और बायोडिग्रेडेबल बिल्डिंग ब्लॉक्स (Biodegradable Building Blocks) से बना है – जैविक तरल पदार्थों (biological fluids) में अघुलनशील (insoluble) रहने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि यह इंजेक्शन साइट पर स्थानीयकृत (Localized) रहे।
यह ट्यूमर कोशिकाओं में प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले अणु ग्लूटाथियोन (GSH) के उच्च स्तर पर प्रतिक्रिया करता है। उच्च GSH स्तरों का सामना करने पर, हाइड्रोजेल सीधे ट्यूमर में एक नियंत्रित दवा रिलीज को ट्रिगर करता है, जिससे स्वस्थ ऊतकों के साथ इसकी पहुंच कम हो जाती है और प्रणालीगत दुष्प्रभाव (Systemic side effects) कम हो जाते हैं।
“यह कार्य इस बात का उदाहरण है कि वैज्ञानिक नवाचार (Scientific innovations) कैंसर के उपचार (Cancer Treatment)की तत्काल आवश्यकताओं को कैसे संबोधित कर सकते हैं। हाइड्रोजेल के अनूठे गुण इसे जैविक वातावरण के साथ सामंजस्य में काम करने की अनुमति देते हैं, जहाँ इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है, वहाँ सटीकता प्रदान करते हैं। हम स्थानीयकृत दवा वितरण के बारे में अपने विचारों को बदलने की इसकी क्षमता से उत्साहित हैं।”प्रो. देबप्रतिम दास, रसायन विज्ञान विभाग, IIT गुवाहाटी (IIT Guwahati)
स्तन कैंसर (Breast Cancer) परीक्षण में मिले आशाजनक परिणाम
स्तन कैंसर (Breast Cancer) के एक म्यूरिन मॉडल (Murine models) पर प्रीक्लिनिकल परीक्षणों में, हाइड्रोजेल ने उल्लेखनीय प्रभावकारिता दिखाई। कीमोथेरेपी दवा डॉक्सोरूबिसिन (Doxorubicin) से भरे हाइड्रोजेल के एक इंजेक्शन के प्रभाव से 18 दिनों के भीतर ट्यूमर के आकार में 75 प्रतिशत की कमी आई। महत्वपूर्ण बात यह है कि हाइड्रोजेल ट्यूमर साइट पर स्थानीयकृत रहा, जिससे अन्य अंगों पर पता लगाने योग्य दुष्प्रभाव पैदा किए बिना समय के साथ दवा (Cancer Treatment) को लगातार जारी किया गया।
यह अभिनव वितरण प्रणाली (Innovative delivery system) आवश्यक खुराक को कम करते हुए दवा की प्रभावशीलता को बढ़ाती है, जिससे विषाक्तता (Toxicity) कम होती है। प्रयोगशाला अध्ययनों ने आगे दिखाया कि हाइड्रोजेल कैंसर कोशिकाओं द्वारा दवा के अवशोषण (Absorption) में सुधार करता है, कोशिका चक्र (cell cycle) को रोकता है, और क्रमादेशित कोशिका मृत्यु (Programmed cell death) को बढ़ावा देता है, जिससे कई मोर्चों पर ट्यूमर पर हमला होता है।
एक खुराक से ट्यूमर के आकार में अधिकतम कमी का पता लगाने के लिए आगे के अध्ययन चल रहे हैं। इसके अलावा, अन्य प्रकार के कैंसर ट्यूमर को ध्यान में रखते हुए अध्ययन करने पर विचार किया जा रहा है। एक बार सभी अध्ययन पूरे हो जाने के बाद, वैज्ञानिक नैदानिक परीक्षण के लिए सामग्री प्राप्त करने के लिए आवेदन करेंगे और ऐसा करने के लिए एक उपयुक्त भागीदार की तलाश कर रहे हैं। जिसके बाद इस मामले में आगे के शोध और अध्ययन कार्यों की योजना तैयार की जाएगी।