इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी (IO) जैसी कैंसर दवाइयों (Cancer Medicine) का प्रभाव हो सकता है और बेहतर
Cancer Treatment 2025, New Cancer Medicine, Immuno-oncology : कैंसर के उपचार (Cancer Treatment) की तस्वीर क्या बदल जाएगी? अगला 5 वर्ष कैंसर के दवाओं के इनोवेशन (innovation in cancer drugs) का गवाह बनेगा? यह सारे सवाल हाल ही में एक रिपोर्ट आने के बाद जानकारों के मन में उठने लगे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले पांच वर्ष में सबसे बडा इनोवेशन इम्यूनो-ऑन्कोलॉजी (IO) दवाइयों में हो सकता है। कैंसर की यह दवाइयां इम्यून थेरेपी (Immune Therapy) पर आधारित होती है। बताया जा रहा है कि इस थेरेपी को कैंसर के इलाज (Cancer Treatment) को बदलने की क्षमता प्रदान की जाएगी।
इस रिपोर्ट को ग्लोबल डाटा (Global Data) ने जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इम्यूनोथेरेपी चेकपॉइंट इनहिबिटर (Immunotherapy checkpoint inhibitors), सीएआर-टी सेल थेरेपी (CAR-T cell therapy) और कैंसर वैक्सीन (Cancer Vaccine) जैसे नवीन तकनीकों की अहम भूमिका होगी। रिपोर्ट को 128 फार्मा उद्योग के पेशेवरों के सर्वे के नतीजों के विश्लेषण के आधार पर तैयार किया गया है। जिससे कैंसर के उपचार में नए रास्ते (New avenues in cancer treatment) खुलने की आशा बंधी है।
ग्लोबल डाटा के हेल्थकेयर डिवीजन के वरिष्ठ निदेशक उर्टे जैकीमाविसियुटे के मुताबिक, इम्यूनोथेरेपी क्षेत्र के विकास (Developments in the field of immunotherapy) से कैंसर के उपचार के तरीके में भारी परिवर्तन संभव हो सकता है।
उनका मानना है कि भविष्य में यह क्षेत्र अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत उपचार (personalized treatment) के रास्ते खोल सकता है। इससे कैंसर के उपचार (cancer Treatment) में क्रांतिकारी परिवर्तन हो सकते हैं। जैकीमाविसियुटे के मुताबिक, कैंसर के इलाज के लिए प्रभावी दवाओं की जरूरत लगातार महसूस की जा रही है।
इम्यूनो ऑन्कोलॉजी (Immuno-Oncology) इस तरह के समाधान को देने में सक्षम हो सकता है। ऐसी दवाएं कैंसर की चरणबद्ध उपचार प्रक्रिया (Phased treatment process) में उपयोग की जा रही है और इससे कैंसर के उपचार की प्रक्रिया को और अधिक बल मिल रहा है।
मोटापा-रोधी दवाएं भी महत्वपूर्ण
ग्लोबल बीमारी साबित हो रहे मोटापे के उपचार (Obesity treatments) में भी फार्मा उद्योग को नवचार की बेहतर संभावनाएं नजर आ रही है। जीएलपी-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट (GLP-1 receptor agonists) जैसी दवाएं मोटापे को नियंत्रित करने में भूमिका निभाती है।
वहीं, इस वैश्विक स्वास्थ्य संकट के समाधान के रूप में उभर रही हैं। इस सर्वे में यह भी स्पष्ट हुआ है कि इन दवाओं का बजार तेजी से बढ रहा है। वहीं, इनके जरिए मोटापे से संबंधित अन्य बीमारियों के उपचार की भी संभावनाएं तलाशी जा रही है।
चिंताजनक हैं कैंसर के बढते मामले
इस समय कैंसर एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य संकट (Global health crisis) का रूप ले चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, वर्ष 2022 में दुनियाभर में लगभग 2 करोड कैंसर के नए मामले रिकॉर्ड किए गए थे। इनमें करीब 97 लाख लोगों ने इस बीमारी से अपनी जान गंवाई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, फेफड़ों, स्तन और कोलोरेक्टल कैंसर (colorectal cancer) के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है और इनके मामले भी सबसे अधिक पाए जा रहे हैं। यह आंकड़े 85 देशों और 36 कैंसर प्रकारों के डेटा पर आधारित हैं।
कैंसर के इलाज (Cancer Treatment) के लिए तलाशने होंगे नए विकल्प
रिपोर्ट में इस बात की चर्चा है कि प्रत्येक 5 में से 1 व्यक्ति को उनके जीवनकाल में कभी न कभी कैंसर का सामना करना पड सकता है। वहीं, 9 में से 1 पुरुष और 12 में से एक महिलाओं की मौत इस बीमारी की वजह से हो जाती है। यह आंकडे इस बात की तस्दीक करते हैं कि कैंसर के उपचार में नवीन और प्रभावी दवाओं की किस कदर आवश्यकता है।