गुरूवार, जुलाई 31, 2025
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Costochondritis : हार्ट अटैक की तरह पसलियों में दर्द महसूस होता है? ऐसे पाएं राहत

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Costochondritis : पसलियों के कार्टिलेज में सूजन के कारण होता है असहनीय दर्द

नई दिल्ली।टीम डिजिटल : Costochondritis : हार्ट अटैक की तरह पसलियों में दर्द महसूस होता है? सीने में उठने वाला हर दर्द हार्ट अटैक नहीं होता। कुछ समस्याएं ऐसी भी होती हैं, जो हार्ट अटैक की तरह ही लक्षण पैदा करती हैं लेकिन उनका कारण कुछ और ही होता है। ऐसे ही एक समस्या का नाम है कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस (costochondritis) जिसमें छाती की पसलियों में दर्द महसूस होती है।

कई बार तो यह दर्द सहनीय होता है तो कई बार इतना असहनीय हो सकता है कि सांस लेने में भी दर्द का अहसास होता है। गठिया और जोडों में सूजन से संबंधित अन्य रोग जैसे एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) के मरीजों को भी कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस (costochondritis) परेशान कर सकता है। यहां हम आपको इस समस्या के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

क्या है कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस (costochondritis)

यह कार्टिलेज में सूजन होने की वजह से होती है। कार्टिलेज पसली को ब्रेस्टबोन (स्टरनम) से जोड़ता है। जिन क्षेत्रों में ऊपरी पसलियां ब्रेस्टबोन को होल्ड करने वाले कार्टिलेज से जुड़ती हैं, इसे कॉस्टोकोंड्रल जंक्शन कहते हैं। इस स्थिति को चेस्ट वॉल पेन सिंड्रोम, कॉस्टोस्टर्नल कोंड्रोडायनिया या कॉस्टोस्टर्नल सिंड्रोम भी कहते हैं। कई बार कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस भी सूजन के साथ होता है, जिसे टिट्ज़ सिंड्रोम कहते हैं।

कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस और टिट्ज़ (Tietze) सिंड्रोम के लक्षण काफी मिलते-जुलते होते हैं। टिट्ज़ सिंड्रोम सूजन संबंधी विकार है, जिसमें पसलियों को ब्रेस्टबोन से जोड़ने वाले ऊतकों में सूजन पैदा हो जाती है। टिट्ज़ सिंड्रोम को कोस्टोकॉन्ड्रल जंक्शन सिंड्रोम भी कहा जाता है। इसमें अक्सर दूसरी और तीसरी पसलियां प्रभावित होती है। इन दोनों सिंड्रोम को बिनाइन भी कहा जाता है।

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कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस के लक्षण

  • छाती के बाईं ओर तेज दर्द
  • दर्द का पेट के ऊपरी हिस्से, पीठ, हाथ और कंधों तक फैलना
  • खांसने, छींकने, गहरी सांस लेने या छाती के आसपास मूवमेंट के कारण दर्द बढना
  • दर्द एक या एक से अधिक पसलियों में महसूस होना
  • दवा लेने के बाद भी मतली, चक्कर आना और सांस लेने में परेशानी
  • कई मामलों में तेज बुखार और पसली के जोड़ों के आसपास मवाद निकल सकता है

इन कारणों से हो सकता है कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस

  • चेस्ट वॉल पर बार-बार चोट
  • शरीर के किसी हिस्से में विकसित ट्यूमर जो छाती की ओर बढ रहा हो
  • रूमेटोइड गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस
  • वायरल संक्रमण और दुर्लभ फंगल संक्रमण
  • ऊपरी छाती के क्षेत्र में सर्जरी के बाद IV दवाओं के लगातार उपयोग के कारण जीवाणु संक्रमण

जोखिम कारक

costochondritis : हार्ट अटैक की तरह पसलियों में दर्द महसूस होता है? ऐसे पाएं राहत
costochondritis : हार्ट अटैक की तरह पसलियों में दर्द महसूस होता है? ऐसे पाएं राहत | Photo : freepik

कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस ज्यादातर बच्चों और किशोरों को प्रभावित करता है। इसके अलावा 40 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को भी कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस होने का जोखिम बना रहता है। विशेषज्ञों के मुताबिक वयस्क महिलाओं की तुलना में पुरूषों को यह अधिक प्रभावित करता है। पॉलीकॉन्ड्राइटिस, प्रतिक्रियाशील गठिया, फाइब्रोमायल्गिया, एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस से पीडित मरीजों में स्टोकॉन्ड्राइटिस होने के उच्च जोखिम होते हैं।

कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस के घरेलू उपचार

कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस (costochondritis) स्ट्रेच:

साइड स्ट्रेच, गले में खिंचाव, वॉल साइड, स्टर्नम दर्द के प्रबंधन में फायदेमंद हो सकते हैं। फिजियोथेरेपी भी एक बेहतर विकल्प है।

ठंडी गर्म सिकाई :

सूजन वाली जगह को हीट पैड या बर्फ से बारी-बारी से सेंकना दर्द और सूजन की स्थिति से आराम दिला सकता है। ठंडी या गर्म सिकाई 15 मिनट से अधिक न करें।

सामयिक (topical) दर्द निवारक:

सूजनरोधी जेल, पैच और स्प्रे

एंटी-इंफ्लेमेटरी आहार:

सूजनरोधी सब्जियां जैसे – अदरक, हल्दी, हरी पत्तेदार सब्जियां, बोक चोय, चेरी, एवेकाडो, ड्रैगन फ्रूट, घीया, भिंडी आदि।

आराम करें:

अत्यधिक कसरत, बाहों की जरूरत से अधिक मूवमेंट, ज्यादा वजन उठाने, भारी गतिविधियों से बचें।

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कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस के दौरान यह खाएं

  1. नियमित रूप से सूजन रोधी आहार लें।
  2. नियमित रूप से एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार- जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां लें।
  3. नियमित रूप से सेब, अनार, ड्रैगन फ्रूट, एवेकाडो आदि फल का सेवन करें।
  4. कैमोमाइल, अदरक, सौंफ, हल्दी, लहसुन, चिया सीड्स को आहार में शामिल करें।
  5. ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर भोजन जैसे तैलीय मछली, अखरोट, अलसी, दूध और अंडे भोजन में शामिल करें।

कॉस्टोकॉन्ड्राइटिस के दौरान यह न खाएं

  1. परिष्कृत चीनी और प्रसंस्कृत मांस
  2. सूजन को ट्रिगर करने वाले भोजन
  3. डीप फ्राई भोजन (ट्रांस-फैट)
  4. ग्लूटेन युक्त भोजन जैसे – केक, कुकीज, पास्ता, नूडल्स
  5. उच्च कैलोरी वाले आहार जैसे – चिप्स और कुकीज़
  6. शराब
  7. कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ
  8. कैंडीज, आइसक्रीम, पैनकेक, केक मीठे व्यंजन
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अस्वीकरण (Disclaimer)


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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