Delhi Aiims Skin Donation Training/Awareness Program
Delhi Aiims News, New Delhi Aiims, Aiims delhi news : एम्स (Delhi AIIMS Hospital) में शुरू की गई स्किन बैंक (Delhi Aiims Skin Transplant/Skin Bank) का फायदा अब दिखने लगा है। स्किन बैंक (New Delhi Aiims Skin Bank) स्थापित होने के बाद एम्स (Aiims Delhi) में 22 स्किन ट्रांसप्लांट (Skin Transplant) किए जा चुके हैं। इस पहल का 6 मरीजों को लाभ मिला है।
एम्स के विशेषज्ञों (Delhi Aiims Skin Transplant Experts) ने त्वचा दान (Skin Donation) के प्रति व्यापक जागरूकता (Mass Campaign) बढाने की जरूरत जताई है। त्वचा दान जीवन की रक्षा के लिए अंगदान (Organ Donation) के समान ही एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल (Social Initiatives) है लेकिन अंगदान के मुकाबले त्वचा दान (Skin donation compared to organ donation) को लेकर सामजिक स्तर पर जागरूकता की बेहद कमी है।
Delhi Aiims Skin Transplant : त्वचा दान (Skin Donation) पर प्रशिक्षण कार्यक्रम
त्वचा दान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एम्स के प्लास्टिक सर्जरी विभाग (AIIMS Plastic Surgery Department) और ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग संगठन (Organ Retrieval Banking Organization) ने रोटरी क्लब दिल्ली वेस्ट (Rotary Club Delhi West) के सहयोग से त्वचा दान पर प्रशिक्षण कार्यक्रम (Training Program on Skin Donation) आयोजित किया।
इस कार्यक्रम के जरिए त्वचा दान करने के लिए लोगों को प्रेरित करने और जागरुकता बढाने की पहल की गई। कार्यक्रम में एम्स निदेशक प्रो. एम. श्रीनिवास (AIIMS Director Prof. M. Srinivas) ने त्वचा दान के प्रति व्यापक जागरुकता अभियाने चलाने और इसके लिए लोगों को प्रेरित करने की जरूरत बताई।
इस कार्यक्रम में त्वचा दान पर आधारित एक सूचनात्मक पुस्तिका का अंक भी जारी किया गया। सत्र का उद्घाटन ओआरबीओ की प्रभारी प्रोफेसर डॉ. आरती विज (Dr. Aarti Vij, Professor in charge of ORBO AIIMS) ने किया।
त्वचा दान और प्रत्यारोपण (Skin donation and transplantation) से संबंधित इस कार्यक्रम में डॉ. शशांक चौहान (Dr. Shashank Chauhan), डॉ. शिवांगी साहा (Dr. Shivangi Saha), डॉ. नंदिनी सिंह तंवर (Dr. Nandini Singh Tanwar), डॉ. मंजू आर (Dr. Manju R), डॉ. तनु सागर (Dr. Tanu Sagar), डॉ. अभिलाष एस (Dr. Abhilash S) ने त्वचा दान से संबंधित विभिन्न चरणों (Different stages of skin donation) के बारे विस्तार से बताया। इस प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम में त्वचा दान से संबंधित कई जानकारियां (Information related to skin donation) भी दी गई।
मृत्यु के छह घंटे के भीतर शव से त्वचा (Skin) निकाली जा सकती है। फिर त्वचा को लगभग तीन महीने तक संसाधित (Process) किया जाता है। जिसके बाद इसे पांच साल तक संग्रहीत (Store) किया जा सकता है। इसकी मदद से गंभीर रूप से जलने या दर्दनाक चोटों वाले रोगियों (Patients with Burns or Traumatic Injuries) में जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।प्रोफेसर मनीष सिंघल, प्रमुख, प्लास्टिक सर्जरी विभाग, दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS)
किन्हें मिलता है त्वचा दान से फायदा (Who Benefits From Skin Donation)
त्वचा (Skin) शरीर का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह बाहरी वातावरण से मिलने वाली चुनौतियों से शरीर की रक्षा करता है। जब कोई व्यक्ति गंभीर रूप से जल (Severely burned patients) जाता है, किसी की त्वचा दर्दनाक चोट की वजह से विकृत या नष्ट हो जाती है (Patients with deformed skin due to traumatic injury) या किसी व्यक्ति को त्वचा से सबंधित कोई ऐसा रोग (Skin Disease Related Patients) होता है, जिससे उसकी त्वचा विकृत हो जाती है, ऐसे में उसके उपचार और रिकवरी के लिए त्वचा प्रत्यारोपण की प्रक्रिया (Skin Graft Procedure) से गुरजने की जरूरत पडती है।
किसी व्यक्ति द्वारा किए गए त्वचा दान (Skin Donation) ऐसे मरीजों के लिए महत्वपूर्ण स्रोत के साथ तकलीफ से उबरने की आशा भी होती है। इस तरह की समस्याओं से पीडित मरीजों के लिए त्वचा दान से प्राप्त होने वाले उत्तक (Tissue from Skin Donation) किसी वरदान से कम नहीं होते हैं।
दानकर्ताओं से प्राप्त होने वाली त्वचा को मरीजों में प्रत्यारोपित (Skin/Tissue Transplantation or Skin Graft Surgery) कर उनके जीवन की रक्षा की जा सकती है, मरीजों का दर्द कम किया जा सकता है और ऐसे जरूरतमंद मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार (Improving the Quality of Life of Patients) की जा सकती है। त्वचा प्रत्यारोपण (Skin Grafts) मरीजों में संक्रमण के जोखिम को कम करने के साथ उत्तकों को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया (Skin Tissue Regeneration Process) को गति देता है और मरीज को तकलीफ से उबरने में सहायक साबित होता है।
त्वचा दान से प्रत्यारोपण तक ( Skin Donation to Skin Graft Process)
पंजीकरण (Skin Donation Regestration)
त्वचा दान करने की इच्छा रखने वाले लोगों को अपने जीवनकाल में ही अंगदाता के रूप में पंजीकरण (Register as an Organ Donor) करानी पडती है। अगर किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिजन वैकल्पिक रूप से त्वचा दान करने से संबंधित निर्णय ले सकते हैं। त्वचा दान करने की प्रक्रिया (Skin Donation Process) के लिए दिल्ली एम्स की स्किन बैंक (Skin Bank of AIIMS, Delhi) या राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) से संपर्क किया जा सकता है।
मूल्यांकन (Skin Donor Evaluation)
त्वचा दान करने वाले व्यक्ति की त्वचा प्रत्यारोपण के लिहाज से उपयुक्त है या नहीं? यह सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञ उनका गहन मूल्यांकन (In-Depth Assessment) करते हैं। इस प्रक्रिया में दानकर्ता की उम्र (Age of the Organ Donor), चिकित्सा इतिहास (Medical History) और त्वचा की स्थिति (Skin conditions) को देखा जाता है।
रिकवरी (Recovery of Donated Skin)
डोनर की मृत्यु के बाद, त्वचा को सावधानी के साथ शरीर से अलग किया जाता है। इस प्रक्रिया को उत्तक रिकवरी में विशेषज्ञता रखने वाले चिकित्सक (Doctors Specializing in Tissue Recovery) पूरा करते हैं।
प्रसंस्करण (Processing of Donated Skin)
दान की गई त्वचा को उसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता (Effectiveness) सुनिश्चित करने के लिए पहले संसाधित (Processe) किया जाता है। फिर प्रत्यारोपण प्रक्रियाओं में इसके इस्तेमाल के लिए त्वचा को संग्रहीत (stored skin) किया जाता है।
Also Read : Zepbound Sleep Apnea : एक ही दवा से ‘स्लीप एपनिया’ और ‘मोटापा’ का उपचार, FDA ने दी मंजूरी
प्रत्यारोपण (Skin Graft)
प्रसंस्कृत त्वचा का उपयोग (Use of Processed Skin) विभिन्न तरह की चिकित्सा प्रक्रियाओं (Medical Procedures) में की जाती है। इनका इस्तेमाल जले हुए लोगों की सर्जरी (Burns surgery), त्वचा विकारों से पीडित मरीजों की रिकवरी (Recovery of Patients Suffering from Skin Disorders) और त्वचा से संबंधित दोषों को दूर करने के लिए (To Remove Skin Related Problems) होने वाली प्लास्टिक सर्जरी (Plastic Surgery) की प्रक्रिया में किया जाता है।