दिल्ली एम्स के नर्सों को दिया गया Wound Management प्रशिक्षण
Delhi AIIMS Wound Management treatment, Wound Management Training : दुर्घटना में घायल किसी व्यक्ति की जान बचाने के लिए घाव प्रबंधन की बारीकियों (Wound management specifics) की जानकारी होनी चाहिए।
दिल्ली एम्स के नर्सिंग छात्रों (Nursing students of AIIMS Delhi) को घाव प्रबंधन के गुर (Wound Management Tips) सिखाने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया गया है।
जिसके बाद एम्स के नर्सिंग छात्र गंभीर जख्मों का सटीक उपचार (Proper treatment of serious injuries) करने में सक्षम होंगे। खास बात यह है कि प्रबंधित तरीके से घावों का उपचार (wound management treatment) करने से भी मरीजों को भी जल्दी रिकवर करने में सहायता मिलेगी।
Delhi AIIMS Wound Management : सही प्रबंधन से संक्रमण पर नियंत्रण
दुर्घटना में जख्मी (injured in an accident) हुए मरीजों के जख्म में संक्रमण की संभावनाएं बनी रहती है लेकिन उचित तरीके से घाव प्रबंधन (Wound Management) करने से संक्रमण की संभावनाओं को काफी हदतक कम किया जा सकता है।

जख्मों के मामले में सही समय पर सटीक और उचित उपचार देने की जरूरत पडती है। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मी के लिए प्रबंधन की प्रक्रियाओं की बारीकियों की जानकारी होनी चाहिए। दिल्ली एम्स में घाव प्रबंधन (Delhi AIIMS Wound Management) से संबंधित प्रशिक्षण नर्सिंग छात्रों के स्किल को और सटीक बनाने में मदद करेगा।
घाव प्रबंधन में क्या सीखने को मिला
एम्स में आयोजित घाव प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम (Wound Management Training Program organized at Delhi AIIMS) के तहत नर्सिंग छात्रों को संक्रमण रोकने, घाव को साफ करने के तरीके और घाव की देखभाल के गुर (wound care tricks) सिखाए गए।
जख्मों को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक दवाइयों के प्रयोग (Use of antibiotics) से लेकर उपचार के सभी जरूरी पहलुओं को बताया गया।
दिल्ली एम्स ने बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी विभाग (Delhi AIIMS Burns and Plastic Surgery Department) ने कॉलेज ऑफ नर्सिंग और इंटर-प्रोफेशनल वाउंड केयर एसोसिएशन (IWCA) के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय घाव प्रबंधन प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम (International Wound Management Certificate Course) के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया है।
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घायलों को तत्काल मिलेगा सही उपचार
एम्स के बर्न विभाग (AIIMS Burns Department) के प्रमुख प्रोफेसर मनीष सिंघल (Professor Manish Singhal) के मुताबिक, डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों में पैर के अल्सर (Foot ulcers) और गंभीर चोटों में तत्काल और उचित उपचार जरूरी है। समय रहते उपचार मिल जाने से मरीजों को जोखिमों से उबारा जा सकता है।
समय पर उपचार मिल जाने से मरीजों की रिकवरी भी जल्दी होती है। इस प्रशिक्षण के जरिए नर्सिंग छात्रों के कौशल को निखारा गया है, ताकि घायल मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार (Quality Treatment) मुहैया कराई जा सके।
देशभर में घाव प्रबंधन प्रशिक्षण की कवायद
डॉ मनीष के मुताबिक, घाव प्रबंधन प्रशिक्षण कार्यक्रम (Delhi AIIMS Wound Management Training Program) देशभर के स्वास्थ्यकर्मियों को देने की कोशिश जारी है।
अन्य एम्स (AIIMS) और मेडिकल संस्थानों (Medical institutions) के नर्सिंग छात्रों को इस तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। कोशिश यह भी की जा रही है कि ऐसा प्रशिक्षण ग्रामीण इलाकों के पैरामेडिकल कर्मचारियों (paramedical staff) को भी दी जाए।