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🖊️ Edited by: Pooja Mishra
दिल्ली में Air Pollution का असर पर लोगों की सेहत पर दिख रहा है
नई दिल्ली। Delhi AQI लगातार बुरी तरफ जा रहा है और यह केवल पर्यावरणीय समस्या नहीं रह गया है। यह अब सीधे लोगों की सेहत पर असर डालने वाली आपदा बन चुका है।
2022 से 2024 के बीच दिल्ली के छह प्रमुख अस्पतालों में Acute Respiratory Infection (ARI) के 2,04,758 से अधिक आपातकालीन केस दर्ज हुए और इनमें लगभग 30,420 रोगियों को अस्पताल भर्ती करना पड़ा।
यही आंकड़े बताते हैं कि जब AQI बेहद खराब हो जाता है, तब अस्पतालों में सांस और दिल से जुड़ी समस्याओं का दबाव बढ़ जाता है।
Delhi AQI का माप और ‘Severe’ श्रेणी का मतलब
CPCB के राष्ट्रीय AQI मापदण्ड के अनुसार AQI श्रेणियां इस प्रकार हैं:
Good (0-50), Satisfactory (51-100), Moderate (101-200), Poor (201-300), Very Poor (301-400), और Severe (401-500)।
जब किसी इलाके का AQI 401 या उससे ऊपर आता है तो उसे ‘severe’ माना जाता है और तुरंत सार्वजनिक स्वास्थ्य चेतावनियां जारी की जानी चाहिए।
ऐसे समय में संवेदनशील समूहों जैसे- बच्चे, बुजुर्ग, श्वसन व हृदय मरीजों को बाहर निकलने से मना किया जाता है।
वैज्ञानिक आधार : प्रदूषण किस तरह से स्वास्थ्य को प्रभावित करता है
Delhi AQI अक्सर PM2.5 और PM10 की उच्च सांद्रता से जुड़ा होता है। WHO की 2021 गाइडलाइंस के अनुसार सूक्ष्म कण (PM2.5) और NO2 जैसे प्रदूषक हृदय रोग, स्ट्रोक, COPD, अस्थमा और निमोनिया जैसी बीमारियों से जुड़े हैं।
WHO ने स्पष्ट किया है कि PM2.5 के लक्ष्यों को अपनाने से लाखों प्रीमेच्योर मौतों को रोका जा सकता है।
इसलिए AQI के अत्यधिक स्तर का मतलब केवल अस्थायी असुविधा नहीं बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य जोखिम भी है।
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Delhi AQI : क्यों डायबिटीज और हार्ट के मरीज ज्यादा जोखिम में रहते हैं
डायबिटीज के मरीज पहले ही शरीर में सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का सामना कर रहे होते हैं। प्रदूषण इन सूजन-प्रतिक्रियाओं को और बढ़ा देता है, जिससे संक्रमण का खतरा और जटिलताएं बढ़ती हैं।
हृदय रोगियों में प्रदूषण ब्लड-प्रेशर और हार्ट रिदम में अनियमितता लाकर अचानक गंभीर घटनाएं (जैसे दिल का दौरा) बढ़ा सकता है।
अनुभवी चिकित्सक रिपोर्ट करते हैं कि जब AQI ‘Very Poor’ या ‘Severe’ पर पहुंचता है, तो अस्पतालों में भर्ती की प्रवृत्ति और गंभीरता दोनों बढ़ जाते हैं।
Delhi AQI Impact : तीन साल के आंकड़े और हालात (2022–2024)
2022–2024 के ARI आंकड़े, जो हाल में सरकार और अस्पतालों की रिपोर्ट में सामने आए हैं और दिल्ली में प्रदूषण के स्वास्थ्य बोझ को दर्शाते हैं।
| वर्ष | ARI आपातकालीन प्रस्तुतियां | अस्पताल में भर्ती |
|---|---|---|
| 2022 | 67,054 | 9,874 |
| 2023 | 69,293 | 9,727 |
| 2024 | 68,411 | 10,819 |
कुल मिलाकर 2022-24 में 2,04,758 से अधिक ARI केस और 30,420 के करीब भर्ती दर्ज की गई। इस तरह के बढ़ते भर्ती संकेत करते हैं कि प्रदूषण के साथ बीमारी की गंभीरता भी बढ़ रही है।
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दिल्ली में हाल की स्थिति और प्रशासनिक कदम
हाल ही में दिल्ली-NCR में कुछ दिनों के लिए Delhi AQI ‘severe’ या उससे ऊपर रिपोर्ट हुआ और अधिकारियों ने GRAP (Graded Response Action Plan) के तहत निर्माण कार्य रोकने, पानी छिड़काव, कुछ वाहनों पर प्रतिबंध और स्कूलों के आउटडोर कार्यक्रम रद्द करने जैसे कदम उठाए।
मौसम-वायु मॉडल और TropMet के निगरानी तंत्र नियमित रूप से AQI और मौसम का ट्रैक रखते हैं ताकि अलर्ट समय पर जारी किया जा सके।
डॉक्टरों की सटीक सलाह : व्यक्तिगत और सार्वजनिक सावधानियां
विशेषज्ञ लगातार सलाह दे रहे हैं कि जब Delhi AQI खराब हो तो विशेष सतर्कता बरती जाए। निम्न सुझाव व्यवहारिक और तुरंत लागू किये जा सकते हैं:
- सुबह-सुबह और शाम के समय बाहर निकलने से बचें, खासकर जब AQI खराब रिपोर्ट हो।
- बाहर से लौटकर हाथ-मुख धोकर और गुनगुना पानी लेकर पांच मिनट आराम करें।
- घर में हवा कम आने दें, दिन में 2-3 बार झटपट 10 मिनट के लिए खिड़कियां खोलें ताकि अंदर-बाहर हवा का आदान-प्रदान नियंत्रित रहे।
- संवेदनशील व्यक्तियों को N95/FFP2 मास्क का उपयोग करने की सलाह दी जाती है जब बाहर जाना अनिवार्य हो।
- घरेलू हल्की एक्सरसाइज, योग, स्टेशनरी साइकिल या स्टेप वॉक जैसे कार्य अंदर सुरक्षित तरीके से करें।
- हार्ट, अस्थमा और डायबिटीज के मरीज अपनी दवाइयां और इनहेलर हमेशा साथ रखें और दवा बंद न करें।
कौन-से लक्षण खतरनाक हैं : तुरंत डॉक्टर से मिलें
- लगातार सांस फूलना या सांस लेने में दर्द
- तीन दिन से अधिक बनी खांसी या खांसी में खून आना
- अचानक सिर भारी होना या भ्रम की स्थिति
- बिना वजह में शुगर का अचानक बढ़ जाना
- सामान्य कामकाज के दौरान छाती में भारीपन या चक्कर आना
यदि ये संकेत दिखें तो देरी न करें और नजदीकी अस्पताल या आपातकालीन सेवा से संपर्क करें।
निष्कर्ष
Delhi AQI का लगातार खराब होना केवल मौसम की समस्या नहीं है। यह स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव डालने वाली एक वास्तविक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा है।
सरकारी मॉनिटरिंग, WHO-स्तरीय मानक अपनाना और व्यक्तिगत सतर्कता – ये तीनों मिलकर ही स्थिति में सुधार ला सकती हैं। तब तक संवेदनशील समूहों की सुरक्षा व दवाइयों का नियमित उपयोग सर्वोपरि रहेगा।
जिज्ञासा
Q. Delhi AQI क्या दर्शाता है?
Q. Delhi AQI 401 से ऊपर होने का मतलब क्या है?
Q. क्या मास्क से प्रदूषण का असर कम किया जा सकता है?
Q. क्या प्रदूषण के दीर्घकालिक प्रभाव भी होते हैं?
Q. सरकारी कदम क्या हैं जब AQI ‘Severe’ हो?
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