रविवार, नवम्बर 2, 2025
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Drug Safety Alert: भारत में 2 दवाओं पर चेतावनी जारी

IPC का यह कदम महज चिकित्सकों को सचेत करने भर का नहीं है, बल्कि यह पूरे हेल्थ सिस्टम को एक संकेत देने जैसा है कि दवाओं की प्रभावशीलता के साथ उनकी सुरक्षा की निरंतर निगरानी करना बेहद जरूरी है।

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Highlights

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Edited By: Ankur Shukla

दवाओं के इस्तेमाल को लेकर डॉक्टर और मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह

Drug Safety Alert के तहत भारत की Indian Pharmacopoeia Commission (IPC) ने डॉक्टरों और मरीजों को गंभीर सावधानी बरतने की सलाह दी है। यह चेतावनी अगस्त 2025 में Pharmacovigilance Programme of India (PvPI) के तहत इकट्ठे किए गए हजारों Adverse Drug Reaction (ADR) मामलों की समीक्षा के बाद आई है। रिपोर्ट में दो व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाली दवाओं – Tranexamic Acid और Metoclopramide को लेकर गंभीर साइड इफेक्ट्स के प्रमाण सामने आए है।
Tranexamic Acid, का उपयोग आमतौर पर खून के अत्यधिक बहाव को रोकने, मेनोर्रैजिया, नाक से खून बहने और सर्जरी के बाद रिकवरी के मामलों में इस्तेमाल किया जाता है। बताया गया है कि इस दवा के दुष्प्रभाव के तौर पर नाक बंद होने (Nasal Congestion) जैसी शिकायतें सामने आई है। वहीं, Metoclopramide, जो उल्टी, जी मिचलाना और गैस्ट्रो–डुओडेनल डिसफंक्शन जैसी समस्याओं के इलाज में दी जाती है, उससे मरीजों में तेज धड़कन (Tachycardia) की समस्या होने की शिकायतें मिली है।
IPC का यह कदम (Drug Safety Alert) महज चिकित्सकों को सचेत करने भर का नहीं है, बल्कि यह पूरे हेल्थ सिस्टम को एक संकेत देने जैसा है कि दवाओं की प्रभावशीलता के साथ उनकी सुरक्षा की निरंतर निगरानी करना बेहद जरूरी है। यह पहल भारतीय स्वास्थ्य तंत्र को वैश्विक pharmacovigilance practices से जोड़ती है और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

Drug Safety Alert: ENT जटिलता वाले मरीजों दुष्प्रभाव के प्रति रहें सतर्क

Tranexamic Acid को लेकर चेतावनी ने चिकित्सकों का ध्यान खींचा है क्योंकि यह दवा महिलाओं में अत्यधिक मासिक धर्म रक्तस्राव (menorrhagia), सर्जरी के बाद खून रुकवाने और आपातकालीन स्थितियों में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। दवा का मूल उद्देश्य खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को मजबूत करना है। हालाँकि, PvPI की रिपोर्ट में बताया गया कि इसके सेवन के बाद कई रोगियों में नाक बंद होने (Nasal Congestion) की समस्या हुई।
यह बेशक जानलेवा स्थिति नहीं है, लेकिन ENT और कार्डियो–रेस्पिरेटरी जटिलताओं से ग्रस्त रोगियों के लिए यह संभावित खतरे का संकेत बन सकती है। डॉक्टरों के अनुसार कई बार ऐसी समस्या से सांस लेने में कठिनाई, नींद की बाधा और लम्बे समय तक चली तो गंभीर ऑक्सीजन कमी (Hypoxia) जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं। भारतीय बाजार में यह दवा अपेक्षाकृत किफायती है और मरीजों को अक्सर OTC स्तर पर भी उपलब्ध हो जाती है।
ऐसे में सवाल उठता है कि मरीज या उनका परिवार नाक बंद की समस्या को सामान्य सर्दी-जुकाम समझकर अनदेखा न करें। विशेषज्ञों का मानना है कि दवा से जुड़ा हर अनपेक्षित लक्षण डॉक्टर को रिपोर्ट करना चाहिए, ताकि PvPI जैसे निगरानी तंत्र को और मजबूत बनाया जा सके। गौरतलब है कि Tranexamic Acid का वैश्विक बाजार भी तेजी से बढ़ रहा है और 2029 तक इसके $100 मिलियन से अधिक होने का अनुमान है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह जानकारी महत्वपूर्ण है।

Drug Safety Alert: Metoclopramide इस्तेमाल के दौरान विशेष निगरानी रखने की सलाह

Metoclopramide एक पुरानी और आम दवा है जो पेट के विकारों, गैस्ट्रिक मोटिलिटी समस्याओं, हार्टबर्न और कीमोथेरेपी के दौरान आने वाली मितली की स्थिति में दी जाती है। यह दवा शरीर में डोपामाइन रिसेप्टर को ब्लॉक करके GI ट्रैक्ट की गति को नियंत्रित करती है लेकिन हाल की ADR रिपोर्ट ने यह खुलासा किया कि इसके सेवन से कई मामलों में दिल की धड़कन तेज होने (Tachycardia) की समस्या सामने आई है।
Tachycardia कभी-कभी हल्के तनाव या शारीरिक गतिविधि से भी हो सकता है, लेकिन दवा से उत्पन्न Tachycardia ज्यादा चिंताजनक है क्योंकि यह शरीर की औषधि सहनशीलता पर प्रतिकूल असर डालता है। विशेषज्ञ इसे drug-induced cardiac event मानते हैं, जो लगातार बना रहे तो हृदयघात (Heart Failure) या स्ट्रोक तक का कारण बन सकता है। इस कारण वैश्विक और भारतीय दोनों स्तरों पर चिकित्सकों को Metoclopramide के मरीजों पर विशेष निगरानी रखने की सलाह (Drug Safety Alert) दी गई है।
यह दवा का करोबार अरबों डॉलर में फैला हुआ है। केवल 2024 में इसका मूल्य $1.5 बिलियन के पार गया था लेकिन बढ़ते बाजार के साथ इसके जोखिमपूर्ण प्रभाव भी कई गुना बढ़ जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि डॉक्टरों को हर मरीज को यह दवा देने से पहले उसकी कार्डियक हिस्ट्री पूछनी चाहिए, साथ ही दवा शुरू करने के बाद उसकी ECG मॉनिटरिंग करने की भी जरूरत हो सकती है।

Tranexamic Acid के दुष्प्रभाव के लक्षण

लक्षण सामान्य तौर पर जानलेवा नहीं होता, लेकिन सतर्कता जरूरी है।
  • मरीज को सांस लेने में असुविधा
  • सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों की तीव्रता
  • खास मामलों में गंभीर श्वसन जटिलता

Tranexamic Acid का ग्लोबल मार्केट

वर्षमार्केट वैल्यू (USD)
2022$80 मिलियन
2029 (अनुमानित)$100 मिलियन+

Drug Safety Alert: Metoclopramide के इस्तेमाल के साथ निगरानी जरूरी

Metoclopramide पेट और आंत की कई समस्याओं के लिए दी जाती है, जिनमें शामिल हैं:
  • गैस्ट्रो-डुओडेनल डिस्फंक्शन
  • तेज हार्टबर्न
  • उल्टी और जी मिचलाना
हालांकि PvPI की रिपोर्ट बताती है कि इसके उपयोग से कुछ मामलों में Tachycardia (दिल की धड़कन का तेज होना) होने की शिकायतें मिली है।

क्यों खतरनाक हो सकता है Tachycardia?

  • सामान्य परिस्थितियों में यह व्यायाम या तनाव के कारण हो सकता है।
  • लेकिन दवा-प्रेरित Tachycardia = संभावित cardiac complication।
  • इलाज न होने पर Heart failure या Stroke का रिस्क।

Metoclopramide का वैश्विक बाजार

वर्षमार्केट वैल्यू (USD)
2024$1.5 बिलियन+
2030 (अनुमानित)स्थिर वृद्धि की संभावना

ADR (Adverse Drug Reaction) क्या होता है?

Adverse Drug Reaction (ADR) का मतलब है, जब दवा सामान्य खुराक में लेने पर भी अनपेक्षित और हानिकारक प्रतिक्रिय दे। यह मामूली सिरदर्द से लेकर जानलेवा जटिलताओं तक हो सकता है।

भारत में ADR रिपोर्टिंग प्रक्रिया

  • ADR रिपोर्टिंग PvPI के तहत की जाती है:
  • मरीज/डॉक्टर को लक्षण नोट करने चाहिए।
  • PvPI द्वारा उपलब्ध ऑनलाइन पोर्टल या हेल्पलाइन पर जानकारी दें।
  • रिपोर्ट को ADR Monitoring Centre तक पहुंचाया जाता है।
  • डेटा को IPC और CDSCO को भेजा जाता है।
  • इन्हीं आंकड़ों के आधार पर सुरक्षा निर्देश जारी होते हैं।

भारत में PvPI की गतिविधियां

जनवरी 2025 तक 15,284 Individual Case Safety Reports (ICSRs) इकट्ठा किए गए।
PvPI सीधे ADR Monitoring Centres और फार्मा कंपनियों के साथ मिलकर काम करता है।
इन रिपोर्ट्स के आधार पर IPC समय-समय पर Drug Safety Alerts जारी करता है।

Drug Safety Alert: मरीजों और डॉक्टरों को अलर्ट क्यों जरूरी है?

भारत में लाखों मरीज Tranexamic Acid और Metoclopramide का हर रोज सेवन करते हैं।
बिना ADR रिपोर्टिंग के, दवा के वास्तविक असर का अंदाजा लगाना मुश्किल।
इन अलर्ट से दवा कंपनियों को भी सुधार और सावधानी आधारित रिसर्च करने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

IPC की यह drug safety alert रिपोर्ट दवा सुरक्षा से जुड़े व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों का हिस्सा है। Tranexamic Acid और Metoclopramide जैसी दवाएं भले ही आम तौर पर उपयोगी हों, लेकिन इनके संभावित साइड इफेक्ट्स को गंभीरता से लेना आवश्यक है। आने वाले समय में PvPI और CDSCO की रिपोर्टें यह तय करेंगी कि इन दवाओं पर रेगुलेटरी बदलाव होंगे या नहीं। तब तक, मरीज और डॉक्टर दोनों को सतर्क रहना चाहिए और ADR रिपोर्ट करने में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए।

जिज्ञासा : Drug Safety Alert 

Q1. Drug Safety Alert क्या है?

यह IPC द्वारा जारी एक चेतावनी है, जिसमें दवा के संभावित साइड इफेक्ट्स और सुरक्षा संबंधित जानकारी दी जाती है।

Q2. Tranexamic Acid का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट क्या पाया गया?

PvPI रिपोर्ट (Drug Safety Alert) के अनुसार नाक बंद होना (nasal congestion) इसका प्रमुख साइड इफेक्ट है।

Q3. Metoclopramide से कौन सा गंभीर असर जुड़ा है?

इस दवा से Tachycardia यानी दिल की धड़कन तेज होने की संभावना पाई गई है।

Q4. भारत में ADR रिपोर्टिंग कैसे की जाती है?

PvPI के ऑनलाइन पोर्टल या हेल्पलाइन नंबर के जरिए मरीज और डॉक्टर ADR की जानकारी दर्ज कर सकते हैं।

Q5. भारत में ADR रिपोर्टिंग प्रोग्राम कौन चलाता है?

PvPI प्रोग्राम IPC और CDSCO के सहयोग से पूरे देश में संचालित किया जाता है।

अस्वीकरण (Disclaimer)


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

 caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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Kavya Singh
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Kavya Singh: Blending Poetry with Journalism, Flavor with Stories : Kavya Singh is not just a journalist she's a storyteller who weaves facts with feelings and sprinkles creativity into everything she writes. With dual degrees in Journalism and Home Science, Kavya brings a rare blend of sharp narrative skills and deep cultural understanding to the world of feature writing.While most journalists chase the conventional beats of politics or crime, Kavya follows a road less traveled feature journalism. She believes that the most meaningful stories are found not in headlines but in the everyday rhythm of life.
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