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कैसे पहचानें नकली दवाएं और कैसे करें खतरों से बचाव
नई दिल्ली। Fake Medicines India : देश और दुनिया में नकली दवाओं का संकट लगातार बढ़ रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के आंकड़ों के मुताबिक कम और मध्यम आय वाले देशों में करीब 1 में से 10 दवाएं सबस्टैंडर्ड या फॉल्सिफाइड हो सकती हैं, यानी हर दवा भरोसेमंद नहीं रहती।
यह समस्या (Fake Medicines India) न सिर्फ इलाज को विफल बनाती है बल्कि मौत, एलर्जी और एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस जैसी घातक समस्याएं भी पैदा कर सकती है। इसलिए हर उपभोक्ता के लिए यह जानना जरूरी है कि दवा असली है या नकली, और क्या कदम उठाने चाहिए।
Fake Medicines India : नकली दवा क्या है?
नकली दवा (counterfeit या falsified medicines) वह दवाएं होती है जिसमें या तो एक्टिव इंग्रेडिएंट नहीं होता या गलत मात्रा में होता है, या पैकेजिंग जानबूझकर भ्रामक होती है। कभी-कभी सस्ते, जहरीले कैमिकल मिलाए जाते हैं, जो शरीर को लंबे समय में नुकसान पहुंचाते हैं। WHO और रिसर्च रिपोर्ट्स बताते हैं कि यह समस्या विशेषकर कम-से-मध्यम आय वाले देशों में अधिक है।
असली और नकली दवाओं की पहचान कैसे करें? (Original Vs Fake Medicine)
यहां आसान स्टेप्स दिए गए हैं। इन्हें फॉलो करके आप 90% मामलों में नकली दवा (Fake Medicines India) पहचान (Tips to Identify Fake Medicines) सकते हैं :
पैकेजिंग और लेबल को ध्यान से देखें
प्रिंट क्लियर है या धुंधला? स्पेलिंग सही हैं? लोगो और ब्रांड का साइज मेल खाता है? बैच नंबर और एक्सपायरी डेट स्पष्ट हैं? असली पैकिंग आमतौर पर क्लीन, समान और हाई-क्वालिटी प्रिंट वाली होती है।
QR या यूनिक कोड स्कैन करें
अब कई कंपनियां हर पैक पर QR/UID देती हैं। मोबाइल से स्कैन करके आप कंपनी की वेबसाइट या वेरीफिकेशन पेज पर पहुंचेंगे और दवा की असलियत जांच सकते हैं। भारत में भी ‘Track and Trace’ और ऑथेंटिकेशन टूल्स अपनाए जा रहे हैं।
रंग, आकार और घुलने की गति देखें
अगर वही दवा पहले ली हो और इस बार रंग,स्वाद, आकार अलग लगे तो सतर्क हो जाएं। टैबलेट को पानी में डाल कर देखें। अगर असामान्य रूप से जल्दी घुलना या रंग छोड़ने जैसे संकेत मिले तो दवा नकली (Fake Medicines India) हो सकती है।
पंजीकृत मेडिकल स्टोर्स से ही लें दवाएं
दवा हमेशा पंजीकृत मेडिकल स्टोर, अस्पताल या भरोसेमंद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से ही लें। बिल और इनवॉइस रखें। ऑनलाइन स्टोर का SSL और लाइसेंस वेरिफाई करें। बहुत सस्ती कीमत पर लालच न करें।
डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह लें
शक होने पर दवा का पैक डॉक्टर या फार्मासिस्ट को दिखाएं। वे बैच नंबर, ब्रांड व प्रभाव देखकर बता सकते हैं। आप CDSCO के नोटिस या लिस्ट भी चेक कर सकते हैं।
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किस तरह की दवाएं ज्यादा नकली मिलती हैं?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंटीबायोटिक्स, एंटिमैलेरियल दवाएं, सिनेरियोस सिंथेटिक्स और काउल्ड-सिरप जैसे प्रोडक्ट्स अक्सर ज्यादा प्रभावित होते हैं। अफ्रीका और कुछ एशियाई बाजारों में बच्चों की खांसी की सिरप से जुड़ी घटनाओं ने भी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। इसलिए प्राथमिक-देखभाल की दवाओं पर विशेष सतर्कता रखें।
Fake Medicines India : नकली दवाओं के लिए तकनीकी मदद
सरकारें और रेगुलेटरी बॉडीज नकली दवाओं से निपटने के लिए ट्रैक-एंड-ट्रेस सिस्टम, सेंपल-टेस्टिंग, और सख्त दंड का प्रयोग कर रही हैं। भारत में भी कुछ प्रोजेक्ट और सॉफ्टवेयर ऑथेंटिकेशन के लिए विकसित हुए हैं ताकि हर पैक का सोर्स और मैन्युफैक्चरिंग लोकेशन चेक किया जा सके। हालांकि, इम्प्लीमेंटेशन और निगरानी में अब भी चुनौतियां बनी हुई है।
क्या करें जब दवा काम न करे?
- इलाज में सुधार न दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- ली गई दवा का पैकेज, बैच नंबर और बिल सुरक्षित रखें।
- शक होने पर दवा की तस्वीर और पैकिंग की फोटो स्थानीय ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी को भेजें या CDSCO में शिकायत दर्ज कराएं।
परीक्षण कहां हुए?
- इन सभी नमूनों की जांच CDSCO (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) और राज्य औषधि नियंत्रण विभागों द्वारा की गई।
- नमूनों की जांच देशभर की प्रयोगशालाओं में हुई, जिनमें, CDLs, CDTLs, RDTLs कोलकाता, मुंबई, हैदराबाद, चंडीगढ़, इंदौर, गुवाहाटी साथ ही राज्य सरकार की दवा परीक्षण प्रयोगशालाएं (State Drug Testing Laboratories) शामिल हैं।
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निष्कर्ष (Conclusion)
fake medicines india की समस्या गंभीर है और इसका असर सिर्फ पैसे का नुकसान नहीं बल्कि जानलेवा हो सकता है। हर उपभोक्ता को पैकिंग, QR या UID स्कैन, भरोसेमंद स्रोत, और डॉक्टर-कंसल्टेशन जैसे सरल स्टेप्स अपनाने चाहिए। साथ ही, सरकारों और उद्योग को टेक्नोलॉजी-आधारित ट्रेसबिलिटी और सख्त निगरानी तेज करनी होगी ताकि यह संकट नियंत्रित हो सके।
जिज्ञासा
Q1. नकली दवा (Fake Medicines India) कैसे पहचाने?
Q2. क्या हर सस्ती दवा नकली होती है?
Q3. QR स्कैन करने से क्या दवाओं की पूरी तरह असलियत पता चल जाती है?
Q4. अगर दवा से साइड-इफेक्ट हुआ तो क्या करें?
Q5. सरकार क्या कर रही है नकली दवाओं (Fake Medicines India) के खिलाफ?
Q6. नकली (Fake Medicines India) या खराब गुणवत्ता वाली दवाओं के लिए कहां शिकायत दर्ज करूं?
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