Monday, February 10, 2025
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High Blood Pressure के लिए ‘Potassium-Rich Salt’ जान लें फायदे 

दुनियाभर में हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) और हृदय रोग (Heart disease) से संबंधित समस्याओं को कम करने की दिशा में WHO की सिफारिश को इसे बेहद उपयोगी बताया जा रहा है।

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WHO : High Blood Pressure में Potassium-rich salt बेहतर 

High Blood Pressure: Include potassium-rich salt in your diet, know its benefits : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नियमित टेबल नमक (Regular table salt) की जगह पोटेशियम युक्त (rich in potassium), कम सोडियम (low sodium) वाले नमक के इस्तेमाल (Uses of salt) की सिफारिश की है।

अधिक मात्रा में सोडियम का सेवन कर रहे हैं लोग

दुनियाभर में हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) और हृदय रोग (Heart disease) से संबंधित समस्याओं को कम करने की दिशा में WHO की सिफारिश को इसे बेहद उपयोगी बताया जा रहा है।
जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया (George Institute for Global Health India) ने प्रमाण पर अधारित इस सिफारिश का समर्थन किया है और इसे लाखों लोगों की जान बचाने वाली सलाह करार दी है।
High Blood Pressure : खाने में शामिल करें पोटेशियम युक्त नमक, जान लें फायदे 
High Blood Pressure : खाने में शामिल करें पोटेशियम युक्त नमक, जान लें फायदे
नमक में परिवर्तन करने का यह तरीका (way to change the salt) खासकर भारत जैसे देशों में विशेष परिवर्तन लाएगा, जहां सोडियन का सेवन (Sodium Intake) लोग अधिक और पोटशियम का कम करते हैं।
जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया द्वारा पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ (PGIMER Chandigarh) के सहयोग से हाल ही में किए गए शोध में भारत में आहार में तत्काल बदलाव की आवश्यकता जताई है।
अध्ययन से पता चला है कि नमक का अत्यधिक सेवन अनुशंसित स्तर (Recommended Level) से कहीं अधिक है, जबकि पोटेशियम का सेवन बहुत कम है। इससे उच्च रक्तचाप (high blood pressure), हृदय संबंधी बीमारी (Cardiovascular disease) और क्रोनिक किडनी रोग (Chronic kidney disease) के मामले बढ रहे हैं।
शोध का यह निष्कर्ष भारत के आहार परिदृश्य (Diet Scenario of India) और गैर-संचारी रोगों (NCD) पर इसके प्रभाव को समझने की एक व्यापक पहल का हिस्सा हैं।
high blood pressure : Prof. Vivekanand Jha, Executive Director, The George Institute for Global Health India
Prof. Vivekanand Jha, Executive Director, The George Institute for Global Health India
जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर विवेकानंद झा ने कहा, “भारत में, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, उच्च रक्तचाप और हृदय एवं गुर्दे की बीमारी की बढ़ती समस्या से लड़ने के लिए, हमें कम सोडियम, पोटेशियम युक्त लवणों को किफायती और आसानी से उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।”
“नीति निर्माताओं और खाद्य उद्योग के साथ काम करके, और स्पष्ट लेबलिंग और सब्सिडी के साथ लोगों को उनके लाभों के बारे में शिक्षित करके, हम उनके उपयोग को प्रोत्साहित कर सकते हैं, जीवन बचा सकते हैं, और स्वस्थ भविष्य के लिए भारत के उच्च नमक सेवन करने वाली आदत से निपट सकते हैं।”

अध्ययन में सामने आया पोटेशियम युक्त नमक का फायदा

भारत में नमक के विकल्प पर अध्ययन (SSiIS) ग्रामीण भारतीय उच्च रक्तचाप के रोगियों के बीच ब्लड प्रेशर को कम करने में कम सोडियम और अतिरिक्त पोटेशियम नमक के विकल्प के फायदे सामने आ चुके हैं।
अध्ययन से प्राप्त आधारभूत डेटा में यह स्पष्ट हुआ है कि लोग आवश्यकता से भी ज्यादा सोडियम का इस्तेमाल कर रहे हैं।जिसमें औसत मूत्र नमक उत्सर्जन (Average urinary salt excretion) 10.4 ग्राम/दिन है। यह  WHO द्वारा अनुशंसित सेवन से दोगुना से भी अधिक है।
परीक्षण में यह सामने आया कि  नमक के विकल्प का उपयोग उच्च जोखिम वाली आबादी में उच्च रक्तचाप के प्रबंधन के लिए एक व्यावहारिक, प्रभावी हस्तक्षेप है, जो एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दे के लिए लागत-कुशल समाधान प्रदान करता है।

502 हाई ब्लडप्रेशर मरीजों पर अध्ययन 

जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ इंडिया के रिसर्च फेलो सुधीर राज थाउट (sudhir raj thout) द्वारा किए गए इस अध्ययन में 502 उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) वाले प्रतिभागियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। ग्रामीण भारत में पोटेशियम युक्त नमक के लाभों की पुष्टि की गई।
तीन महीने तक कम सोडियम, अतिरिक्त पोटेशियम वाले नमक के विकल्प का उपयोग करने वाले प्रतिभागियों ने नियमित नमक का सेवन करने वालों की तुलना में सिस्टोलिक रक्तचाप (4.6 mmHg) और डायस्टोलिक रक्तचाप (1.1 mmHg) में महत्वपूर्ण कमी का अनुभव किया। इसके अलावा, इन विकल्पों ने मूत्र में पोटेशियम के स्तर और सोडियम-से-पोटेशियम अनुपात में सुधार पाया गया।


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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