Friday, March 21, 2025
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HMPV Cases in India : भारत में भी दी वायरस ने दस्तक, 5 बच्चे प्रभावित 

बेंगलुरू में 8 महीने और 3 महीने के बच्चे में एचएमपीवी संक्रमण मिला है। वहीं, गुजरात में 2 महीने का बच्चा एचएमपीवी से संक्रमित पाया गया है।

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HMPV Cases in India : बेंगलुरु, गुजरात और चेन्नई से Human Metapneumovirus के मामले आए सामने 

HMPV Cases in India, hpv virus, hmpv वायरस क्या है, चीन hmpv वायरस : चीन में फैला ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (Human Metapneumovirus) यानी एचएमपीवी (HMPV) ने भारत (India)  में भी दस्तक दे दी है। भारत में महज एक दिन में ही 5 बच्चों को संक्रमित पाया गया है। बेंगलुरू से एचएमपीवी के दो मामले सामने आए हैं, वहीं, गुजरात में एचएमपीवी के संक्रमण का एक केस सामने आया है और चेन्नई में 2 बच्चे संक्रमित पाए गए हैं.

आईसीएमआर (ICMR) ने जारी की खास चेतावनी 

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के बढ़ते खतरे के बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर (ICMR) ने खास चेतावनी जारी की है। आईसीएमआर ने कहा है कि वायरस भारत  (HMPV Cases in India) सहित दुनियाभर में पहले से ही ‘प्रसारित’ हो चुका है। हालांकि, आईसीएमआर ने कहा कि भारत श्वसन संबंधी बीमारियों में किसी भी संभावित वृद्धि से निपटने के लिए सभी जरूरी तैयारियों को पूरा कर चुका है।

दुनियाभर में पहले से मौजूद है HMPV 

आईसीएमआर (ICMR) ने राहत देने वाली भी बात कही है। उन्होंने कहा है कि देश (HMPV Cases in India) में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं पाई गई है। आईसीएमआर ने कहा, ‘इस बात पर जोर दिया जाता है कि एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में प्रचलन में है।
HMPV Cases in India : भारत में भी दी वायरस ने दस्तक, 5 बच्चे प्रभावित
HMPV Cases in India : भारत में भी दी वायरस ने दस्तक, 5 बच्चे प्रभावित
एचएमपीवी से जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में रिपोर्ट किए गए हैं. इसके अलावा, आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि होती हुई नहीं पाई गई है।
दिशा-निर्देश में यह भी कहा गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सभी उपलब्ध निगरानी चैनलों के माध्यम से स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं, आईसीएमआर भी पूरे वर्ष एएचएमपीवी परिसंचरण के रूझानों पर नजर रखेगा।

HMPV Cases in India : बच्चों को प्रभावित कर रहा है एचएमपीवी

बेंगलुरू में 8 महीने और 3 महीने के बच्चे में एचएमपीवी संक्रमण मिला है। वहीं, गुजरात में 2 महीने का बच्चा एचएमपीवी से संक्रमित पाया गया है। इन बच्चों में बुखार की शिकायत थी. हालांकि, इन बच्चों के चीन जाने की यात्रा इतिहास नहीं है। एचएमपीवी का पहला मामला गुजरात से सामने आया था।
अहमदाबाद में संक्रमित पाए गए बच्चे में सर्दी और बुखार के लक्षण मिले। प्राइवेट अस्पताल में उपचार के बाद बच्चे की हालत बेहतर बताई गई है। जबकि, प्राइवेट लैब में उसके नमूनों क जांच में एचएमवीपी वायरस की पुष्टि हुई है। बच्चों को बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

जहां उसके संक्रमित होने की पहचान की गई। दोनों बच्चों में ब्रोंकोनिमोनिया (Bronchopneumonia) का मेडिकल हिस्ट्री भी थी। यह निमोनिया फेफड़ों में होने वाला एक संक्रमण है। ब्रोंकोनिमोनिया फेफड़ों और ब्रांकाई दोनों में एल्वियोली (Alveoli) को प्रभावित करता है।

HMPV Cases in India : बच्ची को अस्पताल से मिली छुट्टी 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि ‘दोनों मामलों की पहचान कई श्वसन वायरल रोगजनकों के लिए नियमित निगरानी की प्रक्रिया के तहत की गई। जो देश भर में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए आईसीएमआर के चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है। मंत्रालय ने कहा कि बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। वहीं, लडका भी अब स्वस्थ है। मंत्रालय ने कहा, ‘यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्रभावित रोगियों में से किसी का भी अंतरराष्ट्रीय यात्रा का इतिहास नहीं है।’

2001 में पहली बार मिला था एचएमपीवी (HMPV) 

एचएमपीवी पहली बार 2001 में पाया गया था। यह रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) के साथ न्यूमोविरिडे (Pneumoviridae) परिवार का हिस्सा है। एचएमपीवी से जुड़े लक्षणों में आमतौर पर खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ होती है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के डॉ. अतुल गोयल के मुताबिक, इस बीमारी (HMPV Cases in India) से बुजुर्गों और बहुत छोटे बच्चों में “फ्लू जैसे लक्षण” प्रकट हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘मौजूदा स्थिति को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है.’
गोयल ने श्वसन संक्रमण के खिलाफ नियमित रूप से सावधानी बरतने का सुझाव दिया है। कहा गया है कि ‘अगर किसी को खांसी और जुकाम है, तो उसे बहुत सारे लोगों के संपर्क में आने से बचने की जरूरत है। इससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। ‘खांसने और छींकने के लिए अलग रूमाल या तौलिया का इस्तेमाल करें और जब भी सर्दी या बुखार हो, तो सामान्य दवाएं लें। मौजूदा स्थिति से घबराने की जरूरत नहीं है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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