Home Remedies for Arthritis : विदेशियों को खूब पसंद आती है यह सब्जी
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : Home Remedies for Arthritis : ज्वाइंट पेन (joint Pain) के मामले में नेचुरल डॉक्टर है यह सब्जी- प्रकृति और पोषण के बीच गहरा संबंध है। हमारे शरीर को पोषण देने और रोग मुक्त रखने के लिए अनेक प्राकृतिक खाद्य सामग्रिया मौजूद हैं। भारत के पहाडों में उगने वाली एक ऐसी सब्जी है, जिसके गुणों से विदेशी भी प्रभावित हैं।
हम अपने देश में शायद इस औषधीय गुणों से भरपूर सब्जी का उपयोग नहीं करते हों लेकिन अमेरिका सहित अन्य देशों में इसकी भारी मांग है। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड में पाई जाने वाली सब्जी लिंगुड़ा (Linguda) की, जो विशेषतौर पर सूजनरोधी गुणों (anti-inflammatory properties) से भरपूर है। अर्थराइटिस (Arthritis), ऑटोइम्यून बीमारियों (Autoimmune Diseases) में इसका उपयोग बेहद फायदेमंद साबित होता है। हम यहां आपको लिंगुडा की वह तमाम विशेषताएं (Features of Linguda) बताएंगे, जिसके बल पर यह देश से लेकर विदेश तक लोगों की पसंद बन गया है।
क्या है लिंगुडा
लिंगुड़ा (featherhead ferns) उत्तराखंड में पाई जाने वाली जंगली सब्जी है। इस सब्जी को वनस्पति होने का दर्जा प्राप्त है। इसका वानस्पतिक नाम डिप्लाजिम एस्क्यूलेंटम (dipalzym esculentum) है। यह पौधा पहाड़ी क्षेत्रों में नमी वाले स्थानों में पाया जाता है। दुनियाभर में इस वनस्पति की करीब 400 प्रजातियां मिलती है। यह 1900 से 2200 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है। यह वनस्पति एक खाद्य फर्न है।
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इसमें ओमेगा-3 के साथ कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी कॉप्लेक्स, पोटाशियम, कॉपर, आयरन, फैटी एसिड, सोडियम, फास्फोरस, मैगनीशियम, कैरोटिन सहित अन्य कई खनिज प्राकृतिक रूप से मौजूद होते हैं, जो शरीर की पोषण के लिए बेहद जरूरी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके सेवन से कैंसर, हृदय, यकृत, त्वचा और हड्डियों संबंधी बीमारी (Home Remedies for Arthritis) में कई तरह के लाभ मिलते हैं। यह सब्जी बारिश के मौसम में उपलब्ध होती है। इसे लिंगुड़ भी कहा जाता है। दुनियाभर में इसे सुपरफूड के तौर पर जाना जाता है। इसकी आपूर्ति अमेरिका सहित अन्य कई देशों में भी की जाती है।
कितनी होती है लिंगुडा की कीमत
पहाड़ों में मिलने वाला लिंगुडा (Linguda) विदेशों में अचार और सलाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। जापान और मलेशिया में लोग इसे तलकर खाते हैं। इसके अलावा इसे पोल्ट्री उत्पादों के साथ मिलाकर भी खाते हैं। इससे इन उत्पादों में मौजूद सूक्ष्म जीवाणुओं से होने वाली बीमारी (bacterial disease) की आशंका कम हो जाती है। बाजारों में इसकी कीमत 80 से 100 रुपये प्रति किलो तक भी हो सकती है।
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कई अन्य नामों से जाना जाता है लिंगुडा
इसे लिंगड़ा, लिंगुड़ा, लिंगुड़ या ल्यूड़ भी कहा जाता है मलेशिया में इसे पुचुक पाकू (Pucuk Paku) और पाकू तांजुंग (Paku Tanjung) कहा जाता है। वहीं, फिलिपीन्स में ढेकिया (Dhekiya), थाईलैंड में इसे फाक खुट (Phak Khut), असम में धेंकिर शाक, सिक्किम में निंगरु, हिमाचल में लिंगरी, बंगाली में पलोई साग कहा जाता है।
लिंगुडा में पोषक तत्वों की मौजूदगी
- एक कप पकी हुई लिंगुड़ा की सब्जी में पोषक तत्व की मात्रा इस तरह है-
- कैलोरी: 46
- फैट: 1 ग्राम, 0 सैचुरेटेड या ट्रांस फैट
- कोलेस्ट्रॉल: 0 मिलीग्राम
- सोडियम: 1 मिलीग्राम
- कार्ब्स: 8 ग्राम
- फाइबर: 3 ग्राम
- शुगर: 3 ग्राम, 0 अतिरिक्त चीनी
- प्रोटीन: 6 ग्राम
- विटामिन सी: 31 मिलीग्राम
- आयरन: 2 मिलीग्राम
- पोटेशियम: 501 मिलीग्राम
जोडों के दर्द और आंतों के सूजन में लाभदायक
एक शोध में इसके प्रमाण मिले हैं कि लिंगुड़ा (Linguda) ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक उत्कृष्ट गैर-समुद्री वैकल्पिक आहार स्त्रोत है। इसके खिले हुए पत्तों में खाने योग्य किसी भी हरे पौधे से ज्यादा फैटी एसिड स्पेक्ट्रम की मौजूदगी होती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड मानव शरीर की कोशिका झिल्ली का एक अभिन्न अंग होता है। इसकी मदद से सूजन और कोलेस्ट्रोल को कम करने में मदद मिलती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक लिंगुडा जोडों में दर्द (Home Remedies for Arthritis) और आंतों में सूजन की समस्या (inflammatory bowel disease) में राहत प्रदान करता है। जानकारों के मुताबिक इसकी जड को बारीक पीसकर लेप बनाकर उसे जोडों पर लगाने से दर्द और सूजन में कमी आती है। इसकी सब्जी खाने से मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत होती है। इसके अलावा लिंगुडा में आंखों की रोशनी बढाने, शुगर की मात्रा कम करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाले तत्वों भी होते हैं।
Home Remedies for Arthritis : ज्वाइंट पेन (Joint Pain) के मामले में नेचुरल डॉक्टर है यह सब्जी
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