Tuesday, January 14, 2025
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गॉलब्‍लैडर में स्‍टोन (Gallbladder Stone) है..तो होनी चाहिए ये जरूरी जानकारियां

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जानिए गॉलब्लैडर में स्टोन (Gallstone) वाले मरीज किस तरह का आहार ले सकते हैं (Diet for Patients With Gallbladder Stone)

Health Tips, LifeSyle Tips, Diet Tips in Hindi : गॉलब्लैडर में स्टोन (Gallbladder Stone) यानि पित्ताशय की पथरी (Stones in Gallbladder/gallstone) इन दिनों आम समस्या के रूप में उभर रही है। महिलाओं में गॉलब्लैडर में स्टोन की समस्या अधिक देखने को मिल रही है।


पित्ताशय की पथरी (Gallstone) होने से कई बार बहुत समस्याओं का सामना करना पडता है। कई बार इसका दर्द असहनीय भी हो जाता है। हम इस लेख में आपको पित्ताशय में पथरी के कारण (Gallbladder Stone Causes) , इसके लक्षण (Gallbladder Stone Symptom), बचाव (Gallbladder Stone Prevention) और गॉलब्लैडर में स्टोन के लिए उपयोगी आहार (Useful Diet for Gallbladder Stone) के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

क्यों होता है गॉलब्लैडर में स्टोन (Why Does Stone Occur in Gallbladder)

गॉलब्लैडर स्टोन (Gallbladder Stone) की समस्या से लोग अधिक संख्या में प्रभावित हो रहे हैं। पित्ताशय Gallbladder) हमारे शरीर के दाहिनी तरफ लिवर के नीचे (Under the Liver on the Right Side) स्थित होता है। इसमें पित्त (Bile) इकट्ठा होता है। इस पित्त भोजन को पचाने में अहम भूमिका निभाता है। कभी-कभी पित्ताशय पथरी (गॉलब्लैडर स्टोन) हो जाता है। पित्ताशय के पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होने से गॉलब्लैडर स्टोन (Gallbladder stones due to high levels of cholesterol in bile) का निर्माण होता है। यह समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक पाई जाती है।

गॉलब्लैडर स्टोन के प्रकार (Types of GallBladder Stones)

गॉलब्लैडर स्टोन के उपचार और आहार (Treatment and diet for gallbladder stones) के बारे में जानने से पहले यह जानना जरूरी है कि गॉलब्लैडर स्टोन कितने प्रकार के होते हैं। चिकित्सक स्टोन के प्रकार के आधार पर ही गॉलब्लैडर के उपचार की योजना (Gallbladder treatment plan) बनाते हैं। पित्ताशय की पथरी को उनकी संरचना के आधार पर दो मुख्य प्रकारों में बांटा गया है:

कोलेस्ट्रॉल पथरी (Cholesterol Stone)

कोलेस्ट्रॉल की पथरी पित्ताशय की पथरी का सबसे सामान्य प्रकार माना जाता है। यह लगभग 80 से 85 प्रतिशत मरीज इसकी वजह से ही प्रभावित होते हैं। जैसा कि इसके नाम से ही यह पता चलता है कि कोलेस्ट्रॉल से बनी पथरी (stones made of cholesterol) को कोलेस्ट्रॉल पथरी कहते हैं। कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) पित्त में पाए जाने वाला एक वसायुक्त पदार्थ (fatty substances) है।
यह पथरी (Gallbladder Stone) आकार और रंग में भिन्न हो सकते हैं। अधिकतर मामलों में पथरी का रंग पीला (stone color yellow) या हरा (Green) होता है। कोलेस्ट्रॉल की पथरी तब विकसित होती है, जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा असंतुलित (Unbalanced levels of cholesterol in bile) हो जाती है। जिसके कारण बढा हुआ कोलेस्ट्रॉल (Increased cholesterol) जमकर पथरी के रूप में तब्दील हो जाता है।

पिगमेंट पथरी (Pigment Stone)

पिगमेंट पथरी मुख्य रूप से बिलीरुबिन (bilirubin) से बनती है। बिलीरुबिन एक प्रकार का पदार्थ है, जो रेड ब्लड सेल्स (Red Blood Cells) के टूटने के बाद उत्पन्न होने वाले वेस्ट प्रोडक्ट (Waste Product) से बनता है। इस तरह की पथरी का निर्माण कैल्शियम (Calcium) से भी हो सकता है, जो पित्त में पाया जाता है।
कोलेस्ट्रॉल की पथरी के विपरीत, ये पथरी आम तौर पर छोटी और गहरे रंग की होती है। जब पित्त में बिलीरुबिन की मात्रा ज्यादा (High levels of bilirubin in bile) हो जाती है तो पित्त अपना काम नहीं कर पाती है, जिसके कारण पित्त की पथरी का निर्माण होता है।

पित्ताशय में पथरी क्यों होती है? (Causes of GallBladder Stone)

गॉलब्‍लैडर में स्‍टोन (Gallbladder Stone) है..तो होनी चाहिए ये जरूरी जानकारियां
गॉलब्‍लैडर में स्‍टोन (Gallbladder Stone) है..तो होनी चाहिए ये जरूरी जानकारियां
गॉलब्लैडर स्टोन (GallBladder Stone) इन कारणों से हो सकती है :
  • पित्ताशय में रासायनिक असंतुलन (Chemical imbalance in Gall Bladder) पित्त पथरी का कारण बन सकता है
  • पित्ताशय के पित्त में कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol), कैल्शियम ग्लाइकोकोलेट (Calcium Glycocholate) और बिलीरुबिन की मात्रा अधिक (High levels of bilirubin) होने से पित्ताशय की पथरी (Gall Bladder Stone) हो सकता है।
  • पित्ताशय में 80 प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्रॉल से बनी होती है।
  • 20 प्रतिशत पित्त पथरी कैल्शियम ग्लाइकोलेट (calcium glycolate) और बिलीरुबिन (bilirubin) से बनी होती है।

पित्ताशय की पथरी के जटिलताएं (Complications of Gall Bladder Stone)

पित्ताशय की पथरी (Gallstone) के कारण स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इनसे कुछ जटिलताएं प्रमुख हैं: 
  • गॉलब्लैडर या पित्ताशय की बीमारियां (Gallbladder or Gallbladder Diseases)

पित्ताशय की पथरी (GallStone), बिलियरी डिसकाइनेजिया (Biliary Dyskinesia) और पित्ताशय के कैंसर (Gallbladder Cancer) जैसी पित्ताशय की विभिन्न बीमारियां (Various diseases of the gallbladder) पैदा कर सकती हैं। इससे पित्त (Bile) का प्रवाह रुक सकता है, जिससे पित्ताशय में सूजन और स्कारिंग (inflammation and scarring of the gallbladder) हो सकती है।

लिवर की बीमारी (Liver Disease)

जब पित्त लिवर में वापस आता है, तो यह स्कारिंग और सूजन (scarring and inflammation) पैदा कर सकता है।  लगातार ऐसा होने से लिवर में कई तरह की क्षति (Various Types of Liver Damage) हो सकती है।

  • गॉलस्टोन पैंक्रियाटाइटिस (Gallstone Pancreatitis)
पित्ताशय की पथरी (Gallstone) के कारण ब्लॉक हो चुकी पैंक्रियाटिक डक्ट (Pancreatic Duct) के कारण पैंक्रियाज (Pancreas ) या अग्नाशय में सूजन (Pancreatic inflammation) आ सकती है।
  • पीलिया (Jaundice)
जब इकट्ठा हुआ पित्त खून में मिलता है, तो इसके कारण आंखों तथा स्किन में पीलापन आ सकता है। ऐसा बिलीरुबिन (Bilirubin) के कारण होता है, जो पित्त में बनने वाला एक पीले रंग का रंजक (Pigment) है।

पित्ताशय की पथरी के लक्षण (Symptoms of GallBladder Stone)

आमतौर पर पित्ताशय की पथरी के लक्षण (Symptoms of GallStone) आसानी से उभरते नहीं हैं। पित्ताशय की पथरी होने पर पित्ताशय की सूजन और पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है।
  • पेट के दाहिने हिस्से में दर्द (Pain in the right side of the abdomen)
  • पेट में दर्द (Stomach ache)
  • बुखार (Fever)
  • जी मिचलाना (Nausea)
  • उल्टी होना (Vomiting)
  • पीलिया(Jaundice)
  • पेशाब का गहरा पड़ना (Darkening of urine)
  • मल सफेद या मैले रंग का होना (White or Coudy stool)
  • अध्यधिक पसीना आना (Excessive sweating)
  • पेट हमेशा भरा हुआ महसूस होना (Always feeling full stomach)
  • बार-बार डकार आना (Frequent belching)

गॉलब्लैडर स्टोन का निदान (Diagnosis of GallBladder Stone)

गॉलब्‍लैडर में स्‍टोन है..तो होनी चाहिए ये जरूरी जानकारियां
गॉलब्‍लैडर में स्‍टोन है..तो होनी चाहिए ये जरूरी जानकारियां
गॉल स्टोन के निदान के लिए चिकित्सक कुछ आवश्यक जांच करने की सलाह देते हैं। पित्ताशय में पथरी की उपस्थिति की पुष्टि के लिए अल्ट्रासाउंड (Ultrasound), सीटी स्कैन (CT Scan), एक्स-रे (X-rays) या रेडियोन्यूक्लाइड स्कैन (Radionuclide Scan) किया जाता है। पित्त नली की स्थिति का आकलन करने के लिए Endoscopic Retrograde Cholangiopancreatography (ERCP) की भी मदद ली जाती है। इसके अलावा रक्त परीक्षण (Blood Tests) से रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा (Lavel of bilirubin in the blood) मापी जाती है।

गॉल स्टोन से बचने के उपाए (Gallbladder Stone Prevention)

  • गरिष्ट भोजन न करें।
  • एकबार के बदले छोटे-छोटे आहार लें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
  • नियमित व्यायाम करें।
  • पर्याप्त नींद लें।
  • शराब और धुम्रपान से परहेज रखें।
  • पौष्टिक और फाइबर युक्त आहार लें।

गॉलब्‍लैडर में स्‍टोन है तो कैसी डाइट लें? (Diet for people with stones in gallbladder)

गॉलब्‍लैडर में स्‍टोन या पित्ताशय की पथरी के मरीज की डाइट (Diet for a gallstone patient) ब‍िल्‍कुल क‍िसी हेल्‍दी डाइट (Healthy Diet) ले रहे व्‍यक्‍त‍ि की तरह ही होनी चाहिए। सबसे पहले तला-भुना और शुगर वाले आहार (Fried and sugary foods) को वर्जित या कम करनी चाहिए। ज्यादा मात्रा में फाइबर इंटेक (Fiber Intake) करें। जैसे – फल-सब्‍ज‍ियां और तरल पदार्थ (Liquids) आहार में बढ़ाएं।
गॉलब्‍लैडर में स्‍टोन है तो फैटी चीजों से परहेज (Avoiding fatty foods) रखनी चाहिए। कैफीन (Tea) बंद कर देनी चाहिए। आपको ऐसे डेयरी प्रोडक्‍ट्स (Dairy Products) का इस्तेमाल भी बंद करना चाहिए, जिसमें ज्‍यादा फैट की मात्रा  (High fat content) होती है। आपको अपनी डाइट में लो-फैट प्रोटीन (Low-fat protein), लो-फैट डेयरी प्रोडक्‍ट्स (Low-fat dairy products) को शामिल करना चाहिए।
कुछ स्‍टडीज में साबित हुआ है कि जो लोग हेल्‍दी डाइट लेते हैं उन्‍हें गॉलब्‍लैडर में स्‍टोन होने की संभावना कम होती है (A healthy diet reduces the risk of gallbladder stones) या दोबारा स्‍टोन होने का जोखिम कम हो जाता है (Risk of reoccurrence of stones is reduced)। गॉलब्‍लैडर में स्‍टोन है तो इसका ये मतलब नहीं है कि आपको भूखा रहना है या कम खाना है, बल्‍क‍ि आप द‍िनभर में तीन की जगह पांच छोटे मील खा सकते हैं।

गॉल स्टोन मरीजों के लिए आहार चार्ट (Diet Chart for Gallstone Patients)

ब्रेकफास्‍ट: (Breakfast)4 इडली+सांभर/ ब्राउन ब्रेड+लो-फैट चीज/ उबले अंडे/ उपमा+लो-फैट म‍िल्‍क
म‍िड-मील: (Mid-meal)काले चने/ फल/ स्‍प्राउट्स/ दही फ्रूट+सलाद
लंच: (Lunch)दही+वेज‍िटेबल सलाद/ एक कप चावल+सलाद/ एक कप दाल+पालक सब्‍जी+दही/ 2 रोटी+सब्‍जी+सलाद/ पुलाव+सोया चंक करी
ईवन‍िंग-मील: (Evening-meal)पोहा/ फल/ 2 ओटमील ब‍िस्‍क‍िट
ड‍िनर: (Dinner)उपमा/ बीन्‍स की सब्‍जी/ रोटी+टमाटर की सब्‍जी/ रोटी+भ‍िंडी की सब्‍जी/ म‍िक्‍स वेज‍िटेबल सब्‍जी+रोटी

इस तरह अपनी डाइट मैनेज कर सकत हैं गॉलस्टोन वाले मरीज (Foods for people with stones in gallbladder)

  • दूध की जगह सोया म‍िल्‍क लें।
  • सब्‍ज‍ियों में आप बीन्‍स और पत्‍तेदार सब्‍जी जैसे पत्‍तागोभी या पालक लें।
  • होल ग्रेन में ब्राउन राइस, होल ग्रेन ब्रेड खाया जा सकता है।
  • हेल्‍दी फैट्स में फ‍िश ऑयल, ऑल‍िव ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • खाने में फाइबर (Fiber in food) वाले ताजे फल और सब्जियों को शामिल करें।
  • व‍िटामि‍न सी (Vitamin C) , कैल्‍श‍ियम, व‍िटाम‍िन बी (Vitamin B) वाली फल और सब्जियां ज्यादा खाएं।
  • लो-फैट प्रोटीन (Low-fat protein) ले सकते हैं जैसे- नट्स, सीड्स, टोफू आद‍ि।
  • लो- फैट डेयरी प्रोडक्‍ट्स (Low-fat dairy products) लें, जैसे-सोया म‍िल्‍क, लो-फैट म‍िल्‍क, बादाम म‍िल्‍क आद‍ि।

गॉलब्‍लैडर में स्‍टोन होने पर इसे खाने से बचें (Avoid these foods if you have stones in gallbladder)

गॉलब्‍लैडर में स्‍टोन के कारण दर्द है या उल्‍टी होते हैं तो फैटी फूड पूरी तरह से अवॉइड करना चाह‍िए।
  • जंक फूड, स्वीट ड्रिंक्‍स को अवॉइड करें।
  • चाय, कॉफी या एल्‍कोहॉल का सेवन नहीं करना चाह‍िए।
  • ऐसे फूड्स को अवॉइड करना चाहिए, जिसे खाने से कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ता है।
  • ब्रेड, पास्‍ता नहीं खाना चाह‍िए।
  • क्रीमी सॉस, चीज़, मेयोनीज़ भी अवॉइड करें।
  • आइसक्रीम, केक, ब‍िस्‍किट, कोकोनट या पॉम ऑयल अवॉइड करें।
  • फ्राइड च‍िकन, पोटैटो फ्राइस, सॉसेज से भी दूर रहें।
  • हाई-फैट डेयरी प्रोडक्‍ट्स जैसे फुल फैट म‍िल्‍क को अवॉइड करें।
  • पीनट ऑयल भी अवॉइड करें।

गॉलस्टोन सर्जरी से पहले कैसी डाइट होनी चाह‍िए? (Diet before gallbladder stone surgery)

  • आराम से धीरे-धीरे खाने को अच्‍छी तरह से चबाकर खाएं।
  • सर्जरी से पहले फाइबर इंटेक पर ध्‍यान दें। जैसे- फल, सब्‍ज‍ियां खाएं।
  • होल ग्रेन फूड्स जैसे – ओट्स, का सेवन भी कर सकते हैं।
  • एकबार में ज्यादा और हैवी खाना न खाएं।
  • ज्‍यादा फैटी फूड न खाएं, ज‍िसे पचने में समय लगता है।
  • ज्‍यादा से ज्‍यादा तरल पदार्थ का सेवन करें।
  • रिफाइंड कॉर्ब्स और शुगर को कम से कम रखें।
  • सर्जरी के बाद डाइट को हल्‍का रखें।

गॉलस्टोन की सर्जरी के बाद इन बातों का रखें ख्याल (Things in Mind After Gallstone Surgery)

  • सर्जरी के बाद 4 से 6 हफ्ते तक भारी आहार न लें।
  • कम फैट वाले आहार लें
  • हल्के और सॉफ्ट फूड खाएं
  • शुगर से परहेज रखें
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
  • अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ लें।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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