Monday, February 10, 2025
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IIT Madras निदेशक के गौ मूत्र वाले वीडियो पर मची हायतौबा

कामकोटि ने यहां मट्टू पोंगल (15 जनवरी 2025) के दिन ‘गो संरक्षण शाला’ में आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी बात रखी थी।

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IIT Madras के निदेशक ने की थी गौ मूत्र के औषधीय गुणों की तारीफ

IIT Madras News, IIT Madras Director Viral Video, Medicinal Properties of Cow Urine : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास (IIT Madras) के डायरेक्टर वी. कामकोटि (Director V. Kamakoti) के एक वीडियो पर विवाद (Controversy over video) खडा हो गया है। सोशल मीडिया (Social media) में तेजी से वायरल होते उनके वीडियो पर हायतौबा मची हुई है। इस वीडियो में वे गौ मूत्र के ‘औषधीय गुणों’ (Medicinal properties of cow urine) की प्रशंसा करते हुए दिखाई पड रहे हैं। आईआईटी निदेशक वी. कामकोटि, गायों की देशी नस्ल की रक्षा (Protecting the indigenous breed of cows) और जैविक खेती अपनाने के महत्व (Importance of adopting organic farming) पर बोल रहे थे।

कामकोटि ने यहां मट्टू पोंगल (15 जनवरी 2025) के दिन ‘गो संरक्षण शाला’ में आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी बात रखी थी। उन्होंने अपनी टिप्पणी में एक सन्यासी के जीवन से जुडी कहानी (Story related to the life of a monk) को सुनाया था। जिसमें उन्होंने कहा कि तेज बुखार होने पर गौ मूत्र का सेवन (Consuming cow urine in case of high fever) किया और सन्यासी का स्वास्थ्य ठीक हो गया।
IIT Madras निदेशक के गौ मूत्र वाले वीडियो पर मची हायतौबा
IIT Madras निदेशक के गौ मूत्र वाले वीडियो पर मची हायतौबा
निदेशक ने कथित तौर पर गौ मूत्र के ‘‘एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और पाचन सुधार गुणों’ (“Anti-bacterial, anti-fungal and digestion improving properties” of cow urine)’ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह बड़ी आंत से संबंधित बीमारी ‘इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome)’ जैसी समस्याओं के लिए फायदेमंद है। इसके साथ ही उन्होंने ‘‘औषधीय गुण’’ पर विचार करने की वकालत भी की।
 

कार्ति चिदंबरम ने की निंदा 

कांग्रेस नेता कार्ति पी.चिदंबरम (Congress leader Karti P. Chidambaram) ने आईआईटी निदेशक के टिप्पणी (Comments by IIT Director) की निंदा की है। कहा गया है कि ‘‘आईआईटी मद्रास के निदेशक द्वारा इस तरह की बात का प्रचार किया जाना अनुचित है।’’
 
 
आईआईटी निदेशक ने गायों की रक्षा के लिए ‘गो संरक्षण’ पर जोर दिया था और इसके आर्थिक, पोषण संबंधी और पर्यावरणीय लाभ को भी बताया था। कामकोटि ने वीडिया में कहा कि, ‘‘अगर हम उर्वरकों का उपयोग करते हैं तो हम भूमि माता (धरती) को भूल सकते हैं। हम जितनी जल्दी जैविक, प्राकृतिक खेती (Organic, natural farming) अपनाएंगे, उतना ही हमारे लिए अच्छा है।’’
 
 

विरोधियों ने बताया शर्मनाक 

आईआईटी निदेशक ने जैविक खेती के महत्व और कृषि तथा समग्र अर्थव्यवस्था में मवेशियों की स्वदेशी नस्लों की महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर भी टिप्पणी की। इसपर तर्कवादी संगठन द्रविड़ कषगम (Dravidar Kazhagam) ने गौ मूत्र संबंधी उनकी टिप्पणी (cow urine comment) की आलोचना की है।
 
 
संगठन ने कहा है कि यह सच्चाई के खिलाफ और शर्मनाक है। द्रमुक नेता टीकेएस एलंगोवन (DMK leader TKS Elangovan) ने कामकोटि की टिप्पणी पर आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार की मंशा देश में शिक्षा को खराब करने की है। थानथई पेरियार द्रविड़ कषगम के नेता के. रामकृष्णन के मुताबिक, आईआईटी निदेशक को अपने दावों को स्पष्ट करने के लिए सबूत देना चाहिए फिर इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी तो उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
 
 

IIT मद्रास के डायरेक्टर हैं कामकोटि 

आईआईटी-मद्रास (IIT Madras) के निदेशक ने यह आरोप लगाया कि ब्रिटिश शासन भारत को गुलाम बनाने के लिए अर्थव्यवस्था की बुनियादी चीजे, देशी गायों को खत्म करने के पक्ष में थे। कामकोटि के करीबी सूत्रों के मुताबिक उन्होंने गोशाला कार्यक्रम में अपनी बात रखी। वास्तविकता यह भी है कि वह खुद भी ‘जैविक खेती करने वाले किसान’ हैं और उनकी टिप्पणियां व्यापक संदर्भ में थीं।
 
 
प्रोफेसर कामकोटि (Professor Kamakoti) ने 17 जनवरी 2022 को आईआईटी-मद्रास के निदेशक (Director of IIT Madras) के रूप में पद संभाला था। वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास (Scientific research and technology development) के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें डीआरडीओ अकादमी उत्कृष्टता पुरस्कार (2013) से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा भी उनके कार्यों के लिए उन्हें कई पुरस्कार प्रदान किए गए हैं।


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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