दिल्ली (Delhi) में 26-60 वर्ष के लोगों ने सबसे अधिक मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के लिए मांगा सहयोग
Mental health support, Mental Health Delhi, Cause of Mental disorders, Reasons for mental illness, Delhi health news : दिल्ली में लोगों का मानसिक स्वास्थ्य (Mental health of people in Delhi) का स्तर गिरता हुआ प्रतीत हो रहा है। लोग अपनी समस्याओं से इस कदर परेशान हैं कि उन्हें मेंटल हेल्थ सपोर्ट (Mental Health Support) की जरूरत महसूस हो रही है। ऐसा एक अध्ययन के परिणाम के विश्लेषण के बाद पता चला है।
26-से 40 आयु वर्ग के लोग सबसे अधिक परेशान
दिल्लीवालों ने मानसिक सेहत के लिए जो सहयोग (Mental health support) मांगा, उनमें से अधिक संख्या 26-40 आयु वर्ग के लोगों की है। जिनकी गिनती युवा आबादी के तहत की जाती है। इनकी परेशानी का सबसे बडा कारण रिश्तों में समस्या (Problems in relationships) और एंग्जायटी (Anxiety) होना बताया गया है।
आदित्य बिरला एजुकेशन ट्रस्ट (Aditya Birla Education Trust) की एक इकाई और एक प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता (Mental health service providers), एमपावर ने अपनी 9वीं वर्षगांठ के मौके पर एक व्यापक विश्लेषण पेश किया है। ये विश्लेषण एमपावर के टोल-फ्री हेल्पलाइन (Toll-free helpline) 1-ऑन-1 लेट्स टॉक (1800-120-820050) पर देशभर से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आए 100,000 से भी अधिक कॉल के आधार पर किया गया है।
आपसी रिश्तों में समस्या मुख्य चिंता के रूप में उभरी
एमपावर को देशभर से 1,08,779 कॉल्स मिले, जिसमें कई अहम चिंताओं और क्षेत्रवार रूप से मांगे गए सहयोग में प्रमुख रुझानों का पता चला है। दिल्ली में आपसी रिश्तों में समस्या (Problems in mutual relations in Delhi) मुख्य चिंता के रूप में उभरी है, जो मानसिक स्वास्थ्य सहायता (Mental Health Support) पाने वाले सभी कॉल का 27% था।

वहीं, 26% के साथ एंग्जायटी (Anxiety) का स्थान उसके बाद आता है। इससे 26-40 वर्ष के आयु वर्ग वाले दिल्लीवासियों में आपसी रिश्तों में खटास और उनके मानसिक स्वास्थ्य पर दबाव (Pressure on mental health) का पता चलता है।
Mental Health Support : बढ रही है उपचार की जरूरत
ये आंकड़ें लक्षित उपचार (Targeted Treatment) की जरूरत पर जोर देते हैं। इन आंकड़े से पता चलता है कि 18-25 वर्ष के आयु वर्ग वाले कॉलर सबसे अधिक थे जो युवा वयस्कों में लक्षित मानसिक स्वास्थ्य उपचार (Targeted Mental Health Treatment in Young Adults) की तत्काल जरूरत की बात करते हैं। सहायता मांगने वाले कॉलर्स में 41% पुरुष और 51% महिलाएं थीं। इससे दिल्ली में दोनों ही जेंडर्स में मानसिक स्वास्थ्य की तरफ ध्यान देने की अहमियत पता चलता है।
Mental Health Support :
एमपावर हेल्पलाइन (Helpline) आंकड़े बनाम राष्ट्रीय आंकड़े

राष्ट्रीय रुझानों (National trends) की तुलना में, दिल्लीवालों में एक अलग ही प्रारूप देखने को मिला। दिल्ली में (52%बनाम 39% राष्ट्रीय) 26-40 आयु वर्ग वाले सबसे अधिक थे, वहीं 18-25 आयु वर्ग वाले 36% थे और यह दिल्ली में कॉल करने वाला दूसरा सबसे बड़ा आयु वर्ग है। ध्यान देने वाली बात है कि आपसी रिश्तों से जुड़ी समस्याएं दिल्ली में सबसे बड़ी चिंता (The biggest concern in Delhi) बनकर उभरी है। ये शहरी जीवन (Urban Life) के अलग तरह के दबाव और जटिलताओं (Complications) की ओर इशारा करते हैं।
“दिल्लीवासियों में आपसी रिश्तों में तल्खी (bitterness in relationships), शहरी जीवन के अलग तरह के दबाव एवं उलझनों को बयां करते हैं। तेज-रफ्तार जिंदगी, होड़ का माहौल और सामाजिक बनावट जैसे कारण आपसी रिश्तों को काफी हद तक प्रभावित कर सकते हैं और मानसिक स्वास्थ्य के लिए चुनौतियां (Challenges to mental health) खड़ी कर सकते हैं। इसके साथ ही युवा वयस्कों की ओर से आने वाले सबसे अधिक कॉल्स (Mental health support), जागरूकता बढ़ाने और सभी क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों (mental health resources) तक आसान पहुंच की जरूरत का संकेत देते हैं। उपरोक्त आयु वर्ग में हमने नशे की लत (Addiction)के काफी सारे मामले देखे जोकि युवाओं की बड़ी चिंताओं में से एक है।’’– डॉ. अंकित गौतम, मनोचिकत्सक, एमपावर दिल्ली सेंटर
लापरवाही बन सकती है एडजस्टमेंट डिसऑर्डर की वजह
डॉ. गौतम के मुताबिक, “मानसिक स्वास्थ्य पर दबाव देने वाले कुछ सामान्य कारकों को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने के लिए दृढ़ता बेहद जरूरी है। इसे ध्यान, योग, नियमित एक्सरसाइज, स्वस्थ आहार, अच्छी नींद और एक मजबूत सामाजिक सहयोग (Mental health support) जैसे अभ्यासों से हासिल किया जा सकता है।
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अपने मूड, एंग्जाइटी के स्तर (levels of anxiety) और अजीबोगरीब ख्यालों पर खुद ही नजर रखना जरूरी है। यदि ये समस्याएं बढ़ती हैं तो मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक (Psychiatrist or Psychologist) से परामर्श लेनी चाहिए। “यदि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं की पहचान समय पर ना की जाए तो दबाव के ये सामान्य कारक एडजस्टमेंट डिसऑर्डर (adjustment disorder) की तरफ भी ले जा सकते हैं। यदि लंबे समय तक इसे नजरअंदाज किया जाए तो इससे गंभीर डिप्रेसिव डिसऑर्डर (depressive disorder) या एडिक्शन डिसऑर्डर (Addiction Disorders) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।”