वर्षा ऋतु में बीमारियों से बचने के लिए अपनाएं आयुर्वेदिक नियम
Monsoon Health Tips Ayurveda: मानसून की दस्तक और बढ़ता संक्रमण का खतरा
Monsoon Health Tips Ayurveda: वर्षा ऋतु में आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से शरीर की स्थिति
वात और पित्त दोष का असंतुलन
Monsoon Health Tips Ayurveda: वर्षा ऋतु में कैसा हो आहार?
Monsoon Diet Chart : सुपाच्य और हल्का भोजन है जरूरी
- अम्ल (खट्टे), लवण (नमकीन) और स्नेहयुक्त भोजन का सेवन लाभकारी है।
- पुराने जौ, गेहूं, चावल जैसे अनाज पचने में आसान होते हैं और पाचन को बेहतर बनाते हैं।
- खिचड़ी, मूंग दाल का सूप, हरी सब्जियों की भाजी आदर्श माने जाते हैं।
- उबला हुआ या औषधीय जल पीने से संक्रमण का खतरा कम होता है।
- कम पानी वाले फल जैसे – सेब, अनार, नाशपाती, केला आदि का सेवन करें।

Monsoon Health Tips Ayurveda: किन बातों का रखें विशेष ध्यान
पानी से होने वाली सब्जियों और सलाद से सावधानी
जीवनशैली में क्या बदलाव जरूरी हैं?
दिनचर्या और सावधानियां
- रोज सुबह हल्की एक्सरसाइज और प्राणायाम करें।
- शरीर को साफ और सूखा रखें, विशेष रूप से पैरों और बालों को।
- स्नान से पहले तेल मालिश करें ताकि वात दोष शांत हो।
- दिन में सोने, बारिश में भीगने, अत्यधिक मेहनत से बचें।
- औषधीय वस्ति (एनिमा) जैसे उपचार की सलाह चिकित्सक से लेकर ही लें।
ऋतुचर्या के फायदे: क्यों जरूरी है इसका पालन?
- पाचन क्रिया सुचारु रहती है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ती है।
- वात और कफ दोष संतुलित रहते हैं।
- त्वचा और पेट की बीमारियों से बचाव होता है।
- मानसिक संतुलन और ऊर्जा बनी रहती है।
Monsoon Health Tips Ayurveda: विशेष सुझाव और निष्कर्ष
FAQ : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. मानसून में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में कौन-कौन से उपाय बताए गए हैं?
monsoon health tips ayurveda : आयुर्वेद के अनुसार इस मौसम में तुलसी, गिलोय, आंवला, अदरक और शहद जैसे प्राकृतिक तत्वों का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। साथ ही, पंचकर्म थेरेपी जैसे बस्ती या विरेचन से शरीर का शुद्धिकरण कर प्रतिरोधक क्षमता मजबूत की जा सकती है।
Q2. बरसात के मौसम में कौन से आयुर्वेदिक पेय सबसे लाभदायक माने जाते हैं?
मानसून के दौरान अदरक-तुलसी की चाय, हल्दी दूध, सौंठ-शहद का काढ़ा, और जीरा-धनिया जल जैसे आयुर्वेदिक पेय पाचन को मजबूत करते हैं और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं। ये पेय सर्दी-खांसी और मौसमी संक्रमण से बचाते हैं।
Q3. क्या मानसून में उपवास या डिटॉक्स करना सुरक्षित है?
हाँ, यदि शरीर स्वस्थ है तो आयुर्वेद में मानसून (monsoon health tips ayurveda) के दौरान हल्का उपवास या तरल-आहार आधारित डिटॉक्स को उचित माना गया है। यह पाचन अग्नि को पुनः जाग्रत करता है और शरीर से आम (toxins) को निकालने में सहायक होता है। लेकिन यह किसी वैद्य की सलाह लेकर ही करना चाहिए।
Q4. क्या मानसून में मसाज (अभ्यंग) करना सुरक्षित और फायदेमंद होता है?
जी हाँ, आयुर्वेद में मानसून में तिल के तेल से नियमित अभ्यंग (मालिश) को वात दोष शांत करने वाला माना गया है। यह जोड़ों के दर्द, त्वचा के संक्रमण और मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक होता है। स्नान से पहले तेल की मालिश विशेष रूप से लाभदायक होती है।
Q5. मानसून में बच्चों की देखभाल के लिए कौन-से आयुर्वेदिक उपाय अपनाएं?
monsoon health tips ayurveda : बच्चों को वायरल संक्रमण से बचाने के लिए हल्दी वाला दूध, तुलसी अर्क की कुछ बूँदें, और अदरक-शहद का हल्का मिश्रण उपयोगी होता है। उन्हें भीगने से बचाएं और प्रतिदिन गुनगुने पानी से स्नान कराएं। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, खासकर नाखूनों और पैरों की।