Padma Award 2025 : इस वर्ष 7 व्यक्तियों को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण और 113 को पद्मश्री पुरस्कार
Padma Award 2025, Padmshri Award, Padma Award fo Medicine : केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कार 2025 (Padma Award 2025) से सम्मानित किए जाने वाले व्यक्तियों के नामों की घोषणा की है. इस वर्ष 7 व्यक्तियों को पद्म विभूषण (Padma Vibhushan), 19 को पद्म भूषण (Padmabhushan) और 113 को पद्मश्री पुरस्कार (Padnmashri) से सम्मानित किया जाएगा। ये पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन और योगदान देने वाले नागरिकों दिए जाते हैं।
Padma Award 2025 : दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ को पद्मश्री
पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं की सूची में दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भाटला को शामिल किया गया है। उन्हें यह पुरस्कार (Padma Award 2025) सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer) का पता लगाने, रोकथाम और प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया गया है। डॉ भाटला, देश की पहली चिकित्सक हैं, जो एफआईजीओ की अध्यक्ष बनीं और उन्होंने सर्वाइकल कैंसर के एफआईजीओ स्टेजिंग के 2018 संशोधन का नेतृत्व किया।
भारत में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और किफायती जांच और उपचार विकसित करने के लिए डॉ भाटला के प्रयास और अध्ययनों की विशेष भूमिका रही है। उन्होंने ने सर्वाइकल कैंसर का एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमा वायरस) टीके के परीक्षणों में भी अहम भूमिका निभाया।
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प्रधानमंत्री के प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा
अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी के प्रतिनिधि मंडल में डॉ भाटला भी शामिल रहीं। इस दौरान सर्वाइकल कैंसर को लेकर विचार-विमर्श में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देश में प्रतिवर्ष सर्वाइकल कैंसर से 1.15 महिलाएं पीडित होती हैं। वहीं इनमें से 60-65 हजार महिलाओं को अपनी जान गंवानी पडती है। इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता की कमी के कारण समय पर इसकी पहचान न होने के कारण इस बीमारी का प्रभाव बढता जा रहा है। डॉ भाटला के अध्यक्षता के दौरान ही इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ गायनेकोलॉजी एंड आब्सटेट्रिक्स (FIGO) ने एफआईजीओ गाइनेकोलाजिकल कैंसर मैनेजमेंट एप को विकसित किया।
दिल्ली की झुग्गियों चलाया विशेष अभियान
सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए डॉ भाटला ने दिल्ली की झुग्गियों में नियमित रुप से सामुहिक जांच और रोकथाम अभियान को संचालित किया। इसके अलावा उन्होंने देशभर में सर्वाइकल कैंसर की जांच और उपचार अभियानों को लागू करने के लिए पेशेवर संघों और सामुदायिक और सामाजिक स्तर पर महत्वपूर्ण लोगों के बीच सहयोग विकसित की। डा. नीरजा भाटला को कैंसर रिसर्च में महिलाओं के लिए इंटरनेशनल एजेंसी फार रिसर्च आन कैंसर द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।
सलाहकार के तौर पर महत्वूर्ण भूमिका
डॉ भाटला ने स्त्री रोग विशेषज्ञों के लिए फेलोशिप कार्यक्रम और एक ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम लागू किया और महिला रोग संबंधी कैंसर चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन, केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत के जनजातीय विभाग, भारत के टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद में महिला कैंसर और मातृ स्वास्थ्य के विषय पर सलाहकार के तौर पर भी अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई।
चिकित्सा क्षेत्र में इन विशेषज्ञों को मिला Padma Award 2025
पद्म विभूषण 2025 (Padma Vibhushan 2025)
- दुव्वूर नागेश्वर रेड्डी – तेलंगाना
पद्म भूषण 2025 (Padma Bhushan 2025)
- जोस चाको पेरियप्पुरम – केरल
पद्मश्री पुरस्कार 2025 (Padmashree Award 2025)
- अशोक कुमार महापात्रा – ओडिशा
- बुधेन्द्र कुमार जैन – मध्य प्रदेश
- हेमंत कुमार – बिहार
- नीरजा भाटला- एनसीटी दिल्ली
- शेखा शेखा अली अल-जबर अल-सबा – कुवैट
- सोनिया नित्यानंद- उत्तर प्रदेश
- विजयालक्ष्मी देशमाने- कर्नाटक
- विलास डांगरे- महाराष्ट्र
क्या है पद्म पुरस्कारों पुरस्कारों (Padma Award) का इतिहास?
What is the history of Padma Awards?
भारत में पद्म पुरस्कार (Padma Awads) की शुरूआत कब हुई?
सरकार ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान – भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों की शुरूआत वर्ष 1954 में की थी।
पद्म पुरस्कार किसे दिए जाते हैं?
इन पुरस्कारों (Padma Award) से देश और विदेश के लोगों को उनके उत्कृष्ठ कार्यों और योगदानों के लिए सम्मानित किया जाता है। लोक सेवा के तत्व वाले असाधारण कार्यों के लिए ये पुरस्कार दिए जाते हैं।
पद्म पुरस्कारों की घोषणा कब की जाती है?
प्रत्येक वर्ष गणतंत्र के मौके पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। जिसके बाद मार्च-अप्रैल में एक समारोह आयोजित कर विजेताओं को सम्मानित किया जाता है।
क्या पद्म पुरस्कार मरणोपरांत भी दिए जाते हैं?
सामान्यतौर पर इन पुरस्कारों को मरणोंपरांत दिए जाने का प्रावधान नहीं है लेकिन कुछ विशेष मामलों में सरकार इस तरह का निर्णय ले सकती है।
क्या किसी व्यक्ति को एक साथ एक से अधिक पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जा सकता है?
इन पुरस्कारों से संबंधित एक नियम यह भी है कि पद्मश्री पुरस्कार मिलने के बाद अगर किसी को पद्म भूषण या पद्म विभिूषण के लिए भी चुना जाता है तो ये पुरस्कार पद्मश्री दिए जाने के पांच वर्ष के बाद ही दिया जा सकता है। इस मामले में पुरस्कार समिति को छूट देने का अधिकार प्राप्त है।
सबसे पहले कौन सा पद्म पुरस्कार अस्तित्व में आया?
1954 में जब भारत रत्न के साथ पद्म पुरस्कारों की शुरुआत हुई, तब सिर्फ पद्म विभूषण नाम अस्तित्व में आया था। बाद में पद्मश्री और पद्म भूषण की शुरूआत की गई।
पद्म पुरस्कारों को अलग-अलग नाम कब दिए गए?
8 जनवरी 1955 को राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी अधिसूचना में इन पुरस्कारों को पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण नाम दिया गया।