क्या कारण है कि इंसान के दोस्त ‘डॉग’ हो रहे हैं हिंसक?
Rabies Cases Delhi Report: 2025 में दिल्ली के अस्पतालों ने रेबीज के कुल 49 मामले (Rabies Cases Delhi) दर्ज किए, जिसमें छह स्थानीय निवासी शामिल थे. पिछले साल के मुकाबले यह आंकड़ा कम है, पर जानवरों द्वारा इंसानों पर हमलों की घटनाओं (incidents of animals attacking humans) में कमी नहीं आई।
केवल जनवरी से जून तक ही 35,198 लोग जानवरों के काटने का शिकार हुए, जिनमें जुलाई में सबसे अधिक जानवरों के काटने की घटनाएं (animal bite incidents Delhi) सामने आईं।
कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण (Sterilization and vaccination of dogs) के लिए दिल्ली नगर निगम (Delhi MCD) ने 65,000 से ज्यादा आवारा कुत्तों का ऑपरेशन (Street dogs operation) किया है, फिर भी समस्या बरकरार है। अब सवालों की सुई यहां आकर अटकती है कि आखिर कुत्ते इंसानों के प्रति इतने हिंसक और उग्र क्यों होते जा रहे हैं?
Rabies Cases Delhi: एक वर्ष में क्या बदला?
- 2024 में रेबीज के 62 मामले मिले थे।
- 2025 में अब तक 49 मामले दर्ज, इनमें छह दिल्ली निवासी थे।
- जनवरी से जून 2025 तक – 35,198 पशुओं के काटने की घटनाएं (animal bite statistics)।
रेबीज से मौत के आंकडों में कमी, चिंता बरकरार है अभी
एमसीडी के आंकड़ों (Delhi MCD data) के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले रेबीज से मौतों का आंकड़ों (Rabies Cases Delhi) में कमी जरूर आई है लेकिन इससे अभी भी लोगों में डर बना हुआ है। विशेषज्ञ इंसानों के प्रति कुत्तों के रूख में आए इन बदलावों को लेकर भी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। उनका कहना है कि ‘डॉग बिहेवियर’ में परिवर्तन (Changes in ‘Dog Behavior’) के पीछे छुपे कारणों पर बारीकी से अध्ययन (Study) करने की जरूर है।
रेबीज के प्रमुख स्रोत
- 99% केस कुत्तों के काटने से
- बिल्लियों, बंदरों व अन्य जानवरों के काटने से भी रेबीज संभव।
टीकाकरण और सरकारी प्रयास
दिल्ली में एंटी रेबीज वैक्सीन (anti rabies vaccine in delhi) की पिछले महीने 35,000 से ज्यादा डोज दी गई. स्टॉक के अनुसार लगभग 43,000 शीशियां स्वास्थ्य विभाग के पास सुरक्षित हैं, पर कुछ अस्पतालों में कमी भी देखने को मिली. इस साल 65,000 से अधिक आवारा कुत्तों की नसबंदी ( stray dogs sterilization) और वैक्सीनेशन (Vaccination) हुआ।
एंटी रेबीज टीकाकरण केंद्र (Anti Rabies Vaccination Center Delhi)
- कुल 44 केंद्र हैं जहां एंटी रेबीज वैक्सीन मिलती है।
- गंभीर मामलों में सीरम भी लगाया जाता है।
दिल्ली में कुत्तों की नसबंदी के आंकड़े (Dog Sterilization Statistics Delhi)
| वर्ष | नसबंदी संख्या |
|---|
| 2025 (जन- जून) | 65,031 |
| 2023-2024 | 79,959 |
| 2022-2023 | 59,076 |
रेबीज उपचार की श्रेणियाँ (Rabies Treatment Categories)
- कैटेगरी-1: केवल चाटने या छूने पर – रसायन से धोना काफी है।
- कैटेगरी-2: मामूली खरोंच या घर्षण, खून न निकले – वैक्सीन दी जाती है।
- कैटेगरी-3: गंभीर घाव या खून निकलना – वैक्सीन के साथ ARV सीरम (anti rabies serum) भी जरूरी।
डॉग बाइट इलाज की प्रक्रिया (Dog Bite Treatment Process)
1
घाव को तुरंत बहते पानी से 15 मिनट तक धोएं।
2
साबुन या एंटीसेप्टिक लगाएं।
3
नजदीकी अस्पताल जाएं।
4
डॉक्टर जांचकर संक्रमण की श्रेणी तय करेंगे।
5
टीका (ARV) या सीरम लगेगा।
डॉग पॉलिसी के नियम और जवाबदेही (Pet Dog Rules Delhi)
- सोसायटी में कुत्ता केवल सर्विस लिफ्ट में ले जाएं।
- बाहर घुमाते वक्त मजल पहनाना जरूरी।
- पालतू को छोड़ने पर एफआईआर।
- काटने पर पालक की जिम्मेदारी।
Rabies Cases Delhi: आवारा कुत्ते क्यों काटते हैं?
1. डर और बचाव
अगर कुत्ता डर गया है, जैसे कोई अचानक उसके पास चला गया, पथराव किया, या बच्चे ने उसे छेड़ा, तो वह खुद को बचाने के लिए काट सकता है। इसे “डिफेंसिव बाइट” कहते हैं।
2. अपना इलाका बचाना
कुत्ते भी इंसानों की तरह “ये जगह मेरी है” वाला भाव रखते हैं। अगर आप उनके ठिकाने, खाने की जगह या आराम करने वाली जगह के पास जाते हैं, तो वे हमला कर सकते हैं। इसे “टेरिटोरियल बिहेवियर” कहते हैं।
3. बच्चों (पिल्लों) की रक्षा करना
मादा कुत्ते (माँ) अपने छोटे बच्चों को लेकर बहुत सुरक्षात्मक होती हैं। अगर कोई पिल्लों के पास जाए, तो मादा कुत्ता काट सकती है। इसे भी “डिफेंसिव बाइट” की श्रेणी में रखा जाता है।
4. भूख और खाने का झगड़ा
कचरे के ढेर या खाने की तलाश में कुत्ते अक्सर झुंड में रहते हैं। अगर उन्हें लगे कि कोई उनके खाने में दखल दे रहा है, तो वे आक्रामक हो सकते हैं। यह ठीक वैसा ही जैसे किसी इंसान से उसका कोई कीमती चीज जबरन छीनने की कोशिश करने पर वह उग्र या हिंसक प्रतिक्रिया कर सकता है।
5. बीमारी (खासकर रेबीज)
अगर कुत्ते को रेबीज जैसी बीमारी है, तो उसका दिमाग प्रभावित होता है। वह बिना वजह चिड़चिड़ा और ज्यादा आक्रामक हो जाता है। WHO कहता है कि दुनिया में लगभग 99% इंसानी रेबीज के मामले (Human rabies cases) कुत्ते के काटने से होते हैं। गली या पालतू कुत्ते के बिहेवियर (pet dog behavior) में अगर अचानक बदलाव को तो सतर्क हो जाना चाहिए।
Rabies Cases Delhi: क्या कुत्तों की हिंसक प्रवृत्ति के पीछे मौसम भी है जिम्मेदार?
विशेषज्ञों के मुताबिक, हाँ, ऐसा हो सकता है लेकिन अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग कारण पाए गए हैं। कुछ जगहों पर सर्दियों और वसंत में काटने के मामले ज्यादा देखे गए। कहीं-कहीं बरसात और गर्मियों में भी घटनाएँ बढ़ जाती हैं। मतलब यह है कि मौसम का असर लोकल हालात पर निर्भर करता है, जैसे किसी खास मौसम में इंसान बाहर कितना निकलते हैं, कुत्तों का प्रजनन समय (breeding time of dogs) कब है, और खाना कितनी आसानी से मिलता है। यह सभी कारण भी डॉग बाइट की घटनाओं के पीछे मौजूद हो सकते हैं।
Rabies Cases Delhi: आवारा कुत्तों के काटने पर रिसर्च और अध्ययन
1. मौसमी असर (Seasonal Studies)
उत्तर भारत में एक
अस्पताल-आधारित अध्ययन ने पाया कि सर्दियों और वसंत में काटने के मामले (dog bite cases) बढ़े। जबकि दक्षिण भारत के कुछ अस्पताल रिकॉर्ड बताते हैं कि बरसात के मौसम में काटने के मामले (Dog bite cases during rainy season) ज्यादा दर्ज हुए। इसका मतलब है कि मौसम का असर एक जैसा नहीं, बल्कि स्थानीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
2. रेबीज और काटने का संबंध
WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, दुनिया में हर साल लगभग 59,000 लोग रेबीज से मरते (cases of death from rabies) हैं और इनमें से 99% मामले कुत्तों के काटने से होते हैं। भारत में, हर साल 20,000 से ज्यादा मौतें रेबीज से होती हैं, यानी यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। रिसर्च यह भी बताती है कि ज्यादातर काटने वाले कुत्ते बिना टीका लगाए और बिना नसबंदी के होते हैं।
3. जयपुर का एक केस स्टडी
यहाँ बड़े पैमाने पर कुत्तों की नसबंदी और वैक्सीनेशन किया गया। जिसका नतीजा यह रहा कि कुत्तों की आक्रामकता (dog aggression cause) घटी,
कुत्तों के काटने के केस कम हुए और रेबीज के मामलों (Rabies Cases Delhi) में भारी कमी आई।
Rabies Cases Delhi : निष्कर्ष
दिल्ली में 2025 में रेबीज से बचाव हेतु प्रशासन ने टीकाकरण और नसबंदी के कई ठोस कदम उठाए हैं, लेकिन आंकड़े (Rabies Cases Delhi) बताते हैं कि पशु हमला और रेबीज का खतरा लगातार बना हुआ है। समय रहते इलाज और नियम पालन से ही सुरक्षा संभव है।
जिज्ञासा : Rabies Cases Delhi 2025
Q1: 2025 में दिल्ली में रेबीज के कितने मामले (Rabies Cases Delhi) सामने आए?
Rabies Cases Delhi के तहत 2025 में दिल्ली में 49 मामले दर्ज हुए हैं।
Q2: 2025 में कितने जानवरों ने लोगों को काटा?
जनवरी से जून 2025 तक 35,198 घटनाएं दिल्ली में रिपोर्ट की गईं।
Q3: रेबीज के चिकित्सा उपचार की कितनी श्रेणियां हैं?
तीन: (1) छूना/चाटना, (2) मामूली खरोंच, (3) गंभीर घाव
Q4: Delhi में कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए कितने केंद्र हैं?
कुल 44 केंद्र निशुल्क टीकाकरण सेवा दे रहे हैं।
Q5: बच्चों में रेबीज का जोखिम कितना है?
भारत में रेबीज से हर दिन करीब 58 मौतें होती है, इनमें आधे मामलों में मरने वाले 15 साल से कम उम्र के हैं।