Sunday, February 16, 2025
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Research and Studies : स्ट्रोक से खराब हुए cognitive functions को सुधारने में मदद करेगा यह डिवाइस

वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन (Research and Studies) से न्यूरो-पुनर्वास (Neuro-Rehabilitation) के लिए अत्याधुनिक दृष्टिकोण (State-of-the-art approaches) प्रस्तुत किया है।

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इंदौर के वैज्ञानिकों ने Research and Studies की बदौलत विकसित किया Innovative equipment

Latest Research and Studies, Innovative equipment for stroke patients, Medical Research : स्ट्रोक से बचे लोगों के लिए इंदौर के वैज्ञानिकों ने एक अभिनव उपकरण (Innovative equipment) विकसित किया है। यह उपकरण स्ट्रोक (Stroke) से प्रभावित लोगों में संज्ञानात्मक कार्यों (cognitive functions) में सुधार करने में मदद करेगा।

वैज्ञानिकों के इस उपलब्धि को प्रतिष्ठित नेचर पत्रिका (Nature Magazine), साइंटिफिक रिपोटर्स ने हाल ही में प्रमुखता से प्रकाशित किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन (Research and Studies) से न्यूरो-पुनर्वास (Neuro-Rehabilitation) के लिए अत्याधुनिक दृष्टिकोण (State-of-the-art approaches) प्रस्तुत किया है। जिसे दुनियाभर में लागू किया जा सकता है।

 स्ट्रोक के प्रभाव से उबरने में मदद करेगा उपकरण

 स्ट्रोक से लोगों की जान चली जाती है और जो लोग इससे बच जाते हैं, उन्हें हाथ और पैरों में कमजोरी के साथ मानसिक कमजोरी का भी सामना करना पडता है। ऐसे मरीजों में संज्ञानात्मक क्षरण (Cognitive erosion) उन्हें स्मृति, ध्यान और प्रसंस्करण गति (Processing Speed) से जूझने के लिए मजबूर कर देता है। जिससे उनके दैनिक जीवन में कई तरह की चुनौतियां पैदा हो जाती है और उनके जीवन की गुणवत्ता (Quality of life) भी इससे प्रभावित होती है।
Research and Studies : स्ट्रोक से खराब हुए cognitive functions को सुधारने में मदद करेगा यह डिवाइस
स्ट्रोक से खराब हुए cognitive functions को सुधारने में मदद करेगा यह डिवाइस
हालांकि, इन समस्याओं से उबरने में पारंपरिक उपचार (Traditional Treatments) भी सहायक होते हैं लेकिन वे अक्सर महंगे होते हैं। इस वजह से मरीजों के लिए लगातार उपचार के साथ बने रहना भी कई बार मुश्किल हो जाता है।
इन सभी चुनौतियों और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शासकीय एमएलबी गर्ल्स पीजी कॉलेज (Government MLB Girls PG College) और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya University) के डॉ अमित कुमार सोनी (Dr. Amit Kumar Soni) के नेतृत्व में एक टीम ने कंप्यूटर-एडेप्टिव कॉग्निटिव ट्रेनिंग (CACT) विकसित किया है। जो स्ट्रोक के प्रभाव (Effects of stroke) से पीडित मरीजों को व्यक्तिगत पुनर्वास (personal rehabilitation) प्रदान करता है।

कैसे काम करता है यह उपकरण?  

Computer-Adaptive Cognitive Training Equipment

सीएसीटी उपकरण (CACT Equipment) एक कंप्यूटर गेम की तरह काम करता है। यह वास्तविक समय के साथ मरीज की क्षमताओं के साथ अनुकूल होता रहता है। अभ्यासों के माध्यम से स्ट्रोक से प्रभावित लोगों में स्मृति, ध्यान और समस्या-समाधान जैसे महत्वपूर्ण संज्ञानात्मक कौशल (cognitive skills) को यह उपकरण लक्षित करता है। सीएसीटी यह सुनिश्चित करता है कि मरीज को ज्यादा समस्या के बिना ही उन्हें बेहतर महसूस कराया जा सके। उनके सामने लगातार ऐसी चुनौतियां पेश की जाए, जिससे उनके संज्ञानात्मक कार्य (Cognitive Functions) करने की क्षमता में सुधार हो सके।

उत्साहित करने वाले साबित हुए हैं क्लीनिकल ट्रायल के रिजल्ट

इससे संबंधित क्लीनिकल ट्रायल (clinical trials) में स्ट्रोक से बचने वाले 50 पुरुष प्रतिभागियों को शामिल किया गया था। इनमें से एक समूह ने चार हफ्तों तक अपने घर में सीएसीटी उपकरण (CACT Instruments) का इस्तेमाल किया। वहीं, दूसरे समूह ने पारंपरिक रूप से कागज आधारित चिकित्सा (paper based medicine) प्राप्त की। जब नतीजों का विश्लेषण किया गया तो वैज्ञानिकों ने पाया कि सीएसीटी का उपयोग  (Use of CACT)करने वाले मरीजों ने नियंत्रण समूह की तुलना में स्मृति, ध्यान, प्रसंस्करण गति (Processing Speed) और भाषा प्रवाह (Language Fluency) में महत्वपूर्ण सुधार हुआ।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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