बेहतर इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर भी उठा सकते हैं Soursop का लाभ
नई दिल्ली। Soursop Benefits : हमारे आसपास बहुत कुछ ऐसा है, जो प्राकृतिक रूप से मौजूद है। स्वास्थ्य में होने वाले कई विकारों के लिए प्राकृति द्वारा प्रदान की गई कुछ ऐसे फल और सब्जियां हैं, जिनका नियमित सेवन हमें कई तरह के रोग और स्वास्थ्य समस्याओं से उबार सकता है। हालांकि, इनकी जानकारी लोगों के पास कम ही होती है। हम आपको एक ऐसे फल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके गुणों (Soursop Benefits) का लोहा दूसरे देशों के लोग भी मानते हैं।
क्या है Soursop?
सरसोप या ग्रेविओला (Graviola) को हिंदी में ‘लक्ष्मण फल’ कहते हैं। यह फल एनोना परिवार से संबंधित एनोना म्यूरीकाटा (Annona muricata) नाम के छोटे पर्णपाती उष्णकटिबंधीय सदाबहार पेड़ से संबंधित है। इसके फलों का उपयोग फूड कन्फेक्शनरी के रूप में किया जाता है। वहीं, इसके पत्ते, छाल, जड़ें, फली और बीजों का इस्तेमाल (Soursop Benefits) कई रोगों के उपचार में पारंपरिक काढे के तौर पर करते हैं।
212 फाइटोकेमिकल्स वाला पौधा है Soursop

एक अध्ययन में यह पाया गया कि लक्ष्मण फल (Soursop) के पौधे में करीब 212 फाइटोकेमिकल्स (phytochemicals) की मौजूदगी होती है। जिनमें एल्कलॉइड, मेगास्टिगमन, फ्लेवोनोल ट्राइग्लोसाइड्स, फिनोलिक्स, साइक्लोपेप्टाइड्स और आवश्यक तेल भी शामिल हैं। इसके अलावा यह एंटीकैंसर, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-ऑर्थ्रेटिक, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीकॉन्वल्सेंट, हेपेटोप्रोटेक्टिव और एंटीडायबिटिक मैकेनिज्म के लिए भी बेहद लाभाकारी पाया गया है।
Soursop में पाए जाने वाले पोषक तत्व
100 ग्राम सरसोप फल में 81.16 ग्राम पानी और एनर्जी की 276 के.जे. मात्रा मौजूद होती है। इसके अलावा इसमें 1 ग्राम प्रोटीन, 3.3 ग्राम खाने वाला फाइबर, 14 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.6 मिलीग्राम आयरन, 21 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 278 मिलीग्राम पोटेशियम, 27 मिलीग्राम फॉस्फोरस, 0.1 मिलीग्राम जिंक, 20.6 मिलीग्राम विटामिन सी और 14 एमसीजी फोलेट की मात्रा मौजूद होती है।
अल्सर रोधी गुणों वाला फल है Soursop
इस फल में मौजूद फ्लेवोनोइड्स (flavonoids), टैनिन (tannin) और ट्राइसेप्स (triceps) जैसे सक्रिय यौगिकों (active compounds) की मात्रा इसे अल्सर-रोधी गुणों से युक्त बनाती है। यह पेट में होने वाले अल्सरेटिव घावों और गैस्ट्रिक अल्सर की समस्या को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। यह पाचनतंत्र को भी बेहतर रखता है।
लिवर का रक्षक है Soursop
एक अध्ययन में ग्रेविओला (Graviola) की हेपाप्रोटेक्टिव (hepatoprotective) और बिलीरुबिन- लोवरिंग एक्टिविटी (Bilirubin-lowering activity) के बारे में भी तथ्य सामने आ चुका है। बिलीरुबिन की उच्च मात्रा लिवर में नुकसान होने और लिवर की बीमारी के संकेत होते हैं। लक्ष्मण फल (Graviola) का नियमित सेवन करने से कार्बन टेट्राक्लोराइड (carbon tetrachloride) और एसिटामिनोफेनके टॉक्सिन (acetaminophen toxin) से लिवर की रक्षा होती है। वहीं, इसमें मौजूद तत्व बिलीरुबिन के उच्च स्तर को सामान्य करने में मदद करते हैं।
गठिया के और सूजन के लिए रामबाण है यह फल

नेचुरोपैथी, आयुर्वेद और आहार विशेषज्ञों के मुताबिक सरसोप (लक्ष्मण फल) गठिया में होने वाले दर्द और सूजन के लिए रामबाण साबित होता है। विशेषज्ञ इस फल को गठिया के मामले में कुदरती दवा (natural Medecine for Arthritis) कहते हैं। इसके पौधे में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्वों (anti-inflammatory elements) की मौजूदगी होती है। यह गठिया के दर्द से संबंधित उत्तेजनाओं (stimuli) को दबाने में काफी मदद करता है। नियमित उपयोग से गठिया का सूजन कम होने लगता है।
मधुमेह में भी फायदेमंद
हनुमान फल में एंटीडायबिटिक (antidiabetic) और हाइपोलिपिडेमिक एक्टिविटीज (hypolipidemic activities) होती हैं। एक स्टडी के मुताबिक, दो सप्ताह तक रोजाना इस फल को खाने से ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, इसके एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं (beta cells of pancreas) को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचा सकते हैं जो टाइप 1 डायबिटीज का मुख्य कारण है।
कैंसर के खिलाफ सुरक्षा कवच है Soursop
सरसोप (लक्ष्मण फल) कैंसर जैसी बीमारी के खिलाफ एक बेहतर सुरक्षा कवच है। इसमें मौजूद कैंसररोधी गुणों के साथ साइटोटॉक्सिसिटी (Cytotoxicity), नेक्रोसिस (necrosis) पाए जाते हैं। जो कई तरह के कैंसर जैसे स्तन, कोलोरेक्टल, प्रोस्टेट, वृक्क (kidney), फेफड़े, अग्नाशय, डिम्बग्रंथि (ovarian) को बढ़ने को कारगर तरीके से रोकने में सक्षम हैं। इसमें मौजूद साइटोटॉक्सिसिस (Cytotoxicity) जैसे कि एसिटोजेनिंस (acetogenins) मुख्य रूप से कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि में बाधा बनते हैं।
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हाइपरटेंशन को मैनेज करने में मददगार
हाइपरटेंशन (hypertension) हृदय रोगों और किडनी की खराबी का प्रमुख कारण माना जाता है। पाव-पाव (Paw-paw) एक एंटीहाइपरटेन्सिव एक्टिविटी (Antihypertensive Activity) होती है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। सरससोप हाई ब्लड प्रेशर को मैनेज करने और इसकी जटिलताओं को रोकने में मददगार साबित हो सकता है।
प्रोटोजोअल संक्रमण के खिलाफ असरदार
सरसोप (Graviola) में एंटीपैरासिटिक एक्टिविटी (Antiparasitic Activity) होती है, जो प्रोटोजोअल संक्रमण, जैसे लीशमैनियासिस (leishmaniasis) और ट्रिपैनोसोमियासिस (trypanosomiasis) के उपचार में मददगार साबित हो सकती है। इस फल में मौजूद बायोएक्टिव यौगिक (bioactive compound) गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल पैरासाइट्स (Gastrointestinal Parasites) का इलाज करने में सहायक हैं। इसके अलावा यह फल दवा प्रतिरोधी प्रोटोजोअल रोगों (protozoal diseases) के खिलाफ भी प्रभावी पाया गया है।
पेन किलर फल है सरसोप

सरसोप को पारंपरिक रूप से उसमें पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-नॉसीसेप्टिव गुणों (Anti-nociceptive properties) के कारण पेन किलर के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह शरीर में दर्द के लिए जिम्मेदार इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स (inflammatory cytokines) को कम करने में उपयोगी साबित होता है।
मलेरिया का दुश्मन है सरसोप
सरसोप की पत्तियों में मौजूद एंटीप्लाज्मोडियल एजेंट (antiplasmodial agents) बीमारी पैदा करने वाले पैरासाइट्स को खत्म करने में भी प्रभावी हैं। एक अध्ययन में यह बताया गया है कि इसके पत्तों का अर्क इंसानों में मलेरिया फैलाने वाले प्रोटोजोआ परजीवी (protozoan parasite) के दो उपभेदों प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम (plasmodium falciparum) के खिलाफ एंटीमैरलियल (antimalarial) प्रभाव दिखाने में सक्षम है।
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