United States में CKM Syndrome युवाओं को सबसे अधिक प्रभावित कर रहा है
वाशिंगटन। नई दिल्ली : यूनाइटेड स्टेट्स (United States) में 9 अक्टूबर को एक एडवाइजरी जारी की गई है। जिसमें अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) ने हृदय रोग, किडनी रोग, टाइप 2 मधुमेह और मोटापे के बीच मजबूत संबंध की पहचान की है। पहली बार, इन बीमारियों में ओवरलैप को एक नई चिकित्सा स्थिति के रूप में परिभाषित किया गया है। जिसे हृदय संबंधी – किडनी-मेटाबोलिक सिंड्रोम, या सीकेएम सिंड्रोम (CKM Syndrome) का नाम दिया गया है।
एएचए के 2023 सांख्यिकीय अपडेट के अनुसार, अमेरिका (United States) में हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी या चयापचय संबंधी बीमारियों से तीन में से एक (33%) वयस्क प्रभावित है। अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (U.S. Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, टाइप 2 मधुमेह, मोटापा, सीकेएम (CKM Syndrome) के तहत दो मुख्य मेटाबोलिक बीमारियां बढ़ रही है। खास बात यह है कि यह बीमारियां ज्यादातर युवाओं को प्रभावित कर रही है।
कार्डियोवस्कुलर-किडनी-मेटाबॉलिक, या सीकेएम, सिंड्रोम क्या है?
सीकेएम सिंड्रोम (CKM Syndrome) हृदय, गुर्दे और मेटाबोलिक बीमारियों के स्पेक्ट्रम को संदर्भित करता है। जैसे : टाइप 2 मधुमेह और मोटापा। इनकी वजह से संभावित रूप से किसी व्यक्ति के हृदय रोग से मरने का जोखिम बढ़ जाता है।
डॉ. नताली अजार ने 9 अक्तूबर को एनबीसी न्यूज चैनल पर प्रशारित सेगमेंट में यह कहा कि सीकेएम सिंड्रोम के लिए जिम्मेदार स्वास्थ्य स्थितियां नई नहीं हैं। हम वर्षों से यह जानते हैं कि इनसे हृदय रोग का खतरा बढ जाता है। उन्होंने कहा कि इनकी रोकथाम और प्रबंधन के बारे में लोगों को एकबार फिर से नए सिरे से विचार करने की जरूरत है। सीडीसी के अनुसार, हृदय रोग यू.एस (United States). में पुरुषों और महिलाओं की मौत के लिए सबसे बडी वजह साबित हो रही है।
Also Read : Depression : दवा की तरह असर करती है रनिंग थेरेपी
एएचए के अनुसार, सीकेएम सिंड्रोम हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे और यकृत सहित शरीर के लगभग हर प्रमुख अंग को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है लेकिन इसका सबसे बड़ा प्रभाव हृदय प्रणाली पर पड़ता है। एएचए ने अपनी सलाह में कहा कि सीकेएम सिंड्रोम रक्त वाहिकाओं, हृदय की मांसपेशियों और धमनियों में फैटी निर्माण की दर को प्रभावित करता है। एएचए एडवाइजरी के प्रमुख लेखक और जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में कार्डियोलॉजी विभाग में मोटापा और कार्डियोमेटाबोलिक अनुसंधान के निदेशक डॉ. चियादी एनडुमेले ने बताया यह अनुमान लगाया है कि अमेरिका के 90 प्रतिशत वयस्क सीकेएम स्पेक्ट्रम के तहत आते हैं।
एनडुमेले ने एक समाचार विज्ञप्ति में कहा कि, एडवाइजरी में सीकेएम सिंड्रोम के शुरुआती चरणों में पहचान के विषय में जानकारियां साझा की गई है। एनडुमेले ने कहा, “गुर्दे और चयापचय संबंधी बीमारियों की जांच से हमें हृदय रोग को प्रभावी ढंग से रोकने और इसके बेहतर प्रबंधन करने के लिए पहले से ही प्रिवेंटिव उपचार शुरू करने में मदद मिलेगी।
कितने स्टेज में होते हैं सीकेएम सिंड्रोम?

सीकेएम सिंड्रोम को कई चरणों में बांटा जा सकता है। एएचए के अनुसार, सीकेएम से संबंधित स्वास्थ्य परिवर्तनों का पता लगाने और अगले चरण में इसकी प्रगति को रोकने के लिए विशिष्ट जांच और उपचार किए जाने चाहिए।
स्टेज 0:
इस स्टेज में किसी व्यक्ति में हृदय, गुर्दे या मेटाबोलिज्म से संबंधी किसी तरह का जोखिम कारक नहीं होता है। एएचए जीवनशैली की आदतों को बनाए रखने और रक्तचाप, ट्राइग्लिसराइड्स, रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल का आकलन करने के लिए हर तीन से पांच साल में हृदय-स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह देता है।
स्टेज 1:
एक व्यक्ति का वजन अधिक है और खासतौर से उसके पेट की चर्बी अधिक हो, ग्लूकोज सहनशीलता में कमी हो या प्री-डायबिटीज हो। एएचए 5 प्रतिशत वजन घटाने के लक्ष्य के साथ स्वस्थ जीवन शैली अपनाने और हर दो से तीन साल में हृदय-स्वास्थ्य जांच की सलाह देता है।
Also Read : नपुंसकता खत्म कर देगी 8 टांगों वाली यह मकड़ी
स्टेज 2:
किसी व्यक्ति को किडनी की बीमारी, टाइप 2 मधुमेह, उच्च रक्तचाप या उच्च ट्राइग्लिसराइड्स हो। एएचए हृदय रोग या गुर्दे की विफलता को बढ़ने से रोकने के लिए उपचार की सलाह देता है। जिसमें रक्तचाप, रक्त शर्करा या कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने वाली दवाएं भी शामिल हैं। डॉ. अजार के मुताबिक मरीजों को वजन घटाने के लिए ओज़ेम्पिक या वेगोवी दवा दी जा सकती है। वार्षिक हृदय-स्वास्थ्य और किडनी कार्य जांच की सिफारिश की जाती है।
स्टेज 3:
किसी व्यक्ति को मेटाबोलिक जोखिम कारकों या गुर्दे की बीमारी, या हृदय रोग के उच्च जोखिम के साथ प्रारंभिक स्पर्शोन्मुख हृदय रोग होता हो। एएचए मधुमेह या हृदय रोग के लिए दवाएं बढ़ाने या बदलने, वार्षिक जांच के साथ-साथ धमनियों की संकीर्णता का आकलन करने के लिए परीक्षणों की सलाह देता है।
स्टेज 4:
एक व्यक्ति को हृदय रोग और शरीर में अतिरिक्त वसा, मेटाबोलिक जोखिम कारक या गुर्दे की बीमारी का निदान किया गया हो। चरण चार को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है। गुर्दे की विफलता वाले और बिना गुर्दे वाले। मरीजों को पहले से ही दिल का दौरा, स्ट्रोक, या दिल की विफलता का सामना करना पड़ रहा हो। एएचए सीकेएम स्थितियों पर विचार करते हुए हृदय रोग का इलाज करने की सलाह देता है।
सीकेएम सिंड्रोम और हृदय रोग
एएचए ने एक नए कैल्कुलेटिव उपकरण का भी अनावरण किया, जो भविष्य में किसी व्यक्ति को दिल का दौरा, स्ट्रोक या दिल की विफलता होने की संभावना का अनुमान लगाता है। अजार के मुताबिक, “पुराने जोखिम कैलकुलेटर का उपयोग 40 से 75 वर्ष के लोगों में इन परिणामों की 10 साल की संभावना की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता था।” नया जोखिम कैलकुलेटर 30 साल की उम्र के लोगों के लिए भी उपयोगी साबित होगा। यह दिल का दौरा, स्ट्रोक या कंजेस्टिव दिल की विफलता होने की 10 साल और 30 साल की संभावना दोनों की भविष्यवाणी करने में सक्षम होगा।
Also Read : Yellow Teeth Remedies: जादू की तरह सफेद होंगे पीले दांत
अजार के मुताबिक, “नए कैलकुलेटर के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें किडनी के नए नंबर, मधुमेह के नंबर और स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारक भी शामिल होंगे।” सीडीसी के अनुसार, स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारक गैर-चिकित्सीय कारक हैं जो स्वास्थ्य परिणामों को प्रभावित करते हैं, जैसे आय, पर्यावरण और स्वास्थ्य देखभाल या पौष्टिक भोजन। सीकेएम सिंड्रोम वाले लोगों में हृदय रोग विकसित होने के कारणों को बेहतर ढंग से समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए क्योकि कुछ लोगों में सीकेएम के स्टेज तेजी से विकसित होत हैं।
[table “9” not found /][table “5” not found /]