रविवार, नवम्बर 2, 2025
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Unsafe Drinking Water: घातक बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं 6.6 लाख लोग

1 अप्रैल 2024 से 30 जून 2025 के बीच एमसीडी द्वारा लिए गए हजारों नमूनों में से 20% से ज्यादा पानी पीने योग्य नहीं था।

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Highlights

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Edited By: Ankur Shukla

दिल्ली की जल आपूर्ति पर सवाल : दिल्ली के हर 5वें घर में पीने का पानी है दूषित

Unsafe drinking water समस्या एक बार फिर दिल्ली की सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था (Delhi’s public health system) पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। Delhi नगर निगम की ताजा रिपोर्ट (Latest MCD Report) के मुताबिक राजधानी (New Delhi) के हर पांचवें घर में पहुंच रहा पानी मानकों पर खरा नहीं उतरता।
 
1 अप्रैल 2024 से 30 जून 2025 के बीच एमसीडी द्वारा लिए गए हजारों नमूनों में से 20% से ज्यादा पानी पीने योग्य नहीं था। रिपोर्ट के इन आंकड़ों ने साफ कर दिया है कि दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) की पानी आपूर्ति व्यवस्था गंभीर रूप से लड़खड़ा चुकी है।

409 नमूने फेल: राजधानी के स्वास्थ्य पर मंडरा रहा खतरा

दिल्ली नगर निगम (MCD) ने अपनी जल गुणवत्ता निगरानी के तहत एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक:

1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025
2255 नमूनों में से 409 फेल हुए
1 अप्रैल से 30 जून 2025
870 नमूनों में से 174 खराब पाए गए
यह डेटा दर्शाता है कि लगभग हर पांचवां घर दूषित पानी की सप्लाई से प्रभावित हो रहा है।  यह सीधे-सीधे जन स्वास्थ्य आपातकाल का संकेत है।

किन मानकों पर फेल हुआ पानी? एमसीडी की जांच क्या कहती है

क्लोरीन की कमी और बैक्टीरिया की उपस्थिति
दिल्ली जल बोर्ड द्वारा वितरित पानी के नमूनों की जांच (testing of water samples) इन तीन प्रमुख मानकों पर की गई:
  • क्लोरीन की उपलब्धता
  • बैक्टीरिया की मौजूदगी (जैसे कोलीफॉर्म)
  • पीने योग्य जल के BIS मानक

Unsafe Drinking Water : क्लोरीन स्तर गिरने पर क्या होता है?

यदि क्लोरीन स्तर कम पाया जाता है, तो यह संकेत देता है कि पानी की रोगजनक रोकने की क्षमता घट चुकी है, जिससे संक्रमण और बीमारियां फैल सकती हैं।

🚱 दिल्ली में असुरक्षित पेयजल: 2025 में 6.6 लाख लोग खतरे में

दिल्ली की कुल जनसंख्या: 3.3 करोड़ (33,000,000)
औसत घर आकार: 4.6 व्यक्ति प्रति घर

🏠 कुल अनुमानित घर

7.17 लाख घर (≈ 717,391)

💧 दूषित जल वाले घर

1.43 लाख घर (≈ 143,478)

👨‍👩‍👧‍👦 इन घरों में रहने वाली जनसंख्या

6,59,998 लोग (≈ 6.6 लाख)

⚠️ इन 6.6 लाख लोगों को जल जनित बीमारियों जैसे टायफॉइड, हैजा, डायरिया और हेपेटाइटिस A/E का गंभीर खतरा है।

🔍 Source: UIDAI, NITI Aayog Estimates, Census 2011, NSSO, MCD Water Quality Report 2024–25


जल (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 के अंतर्गत क्या है जल बोर्ड की जिम्मेदारी?

Unsafe Drinking Water : कानून क्या कहता है?

  • जल गुणवत्ता को बनाए रखने की जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड की है।

जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अनुसार यदि जल आपूर्ति जन स्वास्थ्य को खतरे में डालती है, तो:

  • जल बोर्ड पर कानूनी कार्रवाई संभव है
  • उपभोक्ता हर्जाना (compensation) की मांग कर सकते हैं
  • अदालत या पर्यावरण प्राधिकरण जांच के आदेश दे सकते हैं

Unsafe Drinking Water : अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

Unsafe Drinking Water: घातक बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं 6.6 लाख लोग
Unsafe Drinking Water: घातक बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं 6.6 लाख लोग
एमसीडी का कहना है कि वह केवल “निगरानी और सूचना” का काम करती है, जबकि कार्रवाई और सुधार की जिम्मेदारी जल बोर्ड की होती है। यह स्पष्टीकरण प्रशासनिक जवाबदेही की कमी को उजागर करता है।

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Unsafe Drinking Water : दिल्ली जल बोर्ड: जवाबदेही से पीछे क्यों?

दिल्ली जल बोर्ड (DJB) की ओर से अभी तक इस रिपोर्ट पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। न ही यह स्पष्ट किया गया है कि फेल हुए नमूनों वाले इलाकों में तत्काल सुधारात्मक उपाय किए गए या नहीं।

आम लोगों को क्यों नहीं मिलती जानकारी?

  • दूषित क्षेत्रों की सूची सार्वजनिक नहीं होती
  • उपभोक्ताओं को SMS या अधिसूचना नहीं मिलती
  • शिकायत निवारण तंत्र अत्यंत धीमा है

उपभोक्ताओं का क्या है अधिकार?

क्या आप हर्जाना मांग सकते हैं?

हां। यदि आप यह सिद्ध कर सकें कि दूषित जल के कारण आपको या आपके परिवार को स्वास्थ्य हानि हुई है, तो आप निम्नलिखित के लिए पात्र हो सकते हैं:

  • क्षतिपूर्ति की मांग
  • RTI के माध्यम से जानकारी प्राप्त करना
  • एनजीटी या उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर करना

किन डॉक्युमेंट्स की जरूरत होगी?

  • मेडिकल रिपोर्ट्स
  • जल बिल / सप्लाई रसीद
  • MCD रिपोर्ट का रेफरेंस
  • फोटो / वीडियो प्रमाण (यदि हो)

क्यों जरूरी है पेयजल गुणवत्ता पर सार्वजनिक बहस?

जब राजधानी दिल्ली में ही unsafe drinking water की इतनी गंभीर समस्या है, तो देश के अन्य हिस्सों की स्थिति क्या होगी? यह सवाल केवल जल बोर्ड पर नहीं, बल्कि सम्पूर्ण सरकार, नीतियों और नगर निकायों की जवाबदेही पर उठता है।

क्या है आगे का रास्ता?

  • 24×7 जल गुणवत्ता निगरानी प्रणाली
  • जनता को Real-time जानकारी (मोबाइल ऐप, SMS)
  • DJB की स्वतंत्र ऑडिट व्यवस्था
  • जल नीतियों की नए स्तर से समीक्षा

Unsafe Drinking Water : दिल्ली की जनता क्या कर सकती है?

  • जल गुणवत्ता के लिए RTI दाखिल करें
  • MCD और DJB की वेबसाइट पर रिपोर्ट देखें
  • शिकायत पोर्टल्स (Centralized PG Portal, DJB grievance cell) पर शिकायत दर्ज करें
  • स्थानीय पार्षद या विधायक से सार्वजनिक बैठक की मांग करें

निष्कर्ष: जल संकट नहीं, जवाबदेही का संकट है

Unsafe drinking water की यह स्थिति केवल तकनीकी या आपूर्ति संबंधी समस्या नहीं, बल्कि एक जवाबदेही का संकट है। जब पानी जैसे बुनियादी संसाधन पर भी सरकार और एजेंसियां पारदर्शिता नहीं दिखातीं, तो इससे न केवल स्वास्थ्य बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न लगता है। अब वक्त आ गया है कि दिल्ली के लोग इस मुद्दे पर सक्रिय भागीदारी दिखाएं और इसे सार्वजनिक एजेंडा बनाएं, ताकि हर नागरिक को साफ, सुरक्षित और पीने योग्य पानी सुनिश्चित किया जा सके।


जिज्ञासा : Unsafe Drinking Water in Delhi

Q1. दिल्ली में कौन एजेंसी पीने योग्य पानी की गुणवत्ता की निगरानी करती है?

MCD (नगर निगम) पानी की गुणवत्ता की निगरानी करता है, जबकि दिल्ली जल बोर्ड सप्लाई की जिम्मेदारी निभाता है।

Q2. क्या दूषित पानी के कारण हर्जाना मिल सकता है?

हां, कानूनन आप हानि सिद्ध कर पाने पर दिल्ली जल बोर्ड के खिलाफ हर्जाना मांग सकते हैं।

Q3. क्या जल गुणवत्ता रिपोर्ट पब्लिक होती है?

एमसीडी की रिपोर्ट अक्सर सार्वजनिक नहीं की जाती, पर आप RTI के जरिए जानकारी मांग सकते हैं।

Q4. क्या RO या UV वाटर प्यूरीफायर सुरक्षित समाधान हैं?

केवल तभी जब पानी में रासायनिक संदूषण न हो। बैक्टीरिया या वायरस के लिए UV/RO असरकारी हैं।

अस्वीकरण (Disclaimer)


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

 caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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Pooja Mishra
Pooja Mishrahttps://www.caasindia.in
"Pooja Mishra is a passionate journalist with 3 years of experience in the field of reporting and storytelling. She loves expressing through words, singing soulful tunes, and exploring adventurous destinations. Her curiosity and creativity fuel her journey in journalism."
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