दिल्ली की जल आपूर्ति पर सवाल : दिल्ली के हर 5वें घर में पीने का पानी है दूषित
किन मानकों पर फेल हुआ पानी? एमसीडी की जांच क्या कहती है
क्लोरीन की कमी और बैक्टीरिया की उपस्थिति
- क्लोरीन की उपलब्धता
- बैक्टीरिया की मौजूदगी (जैसे कोलीफॉर्म)
- पीने योग्य जल के BIS मानक
Unsafe Drinking Water : क्लोरीन स्तर गिरने पर क्या होता है?
🚱 दिल्ली में असुरक्षित पेयजल: 2025 में 6.6 लाख लोग खतरे में
दिल्ली की कुल जनसंख्या: 3.3 करोड़ (33,000,000)
औसत घर आकार: 4.6 व्यक्ति प्रति घर
🏠 कुल अनुमानित घर
7.17 लाख घर (≈ 717,391)
💧 दूषित जल वाले घर
1.43 लाख घर (≈ 143,478)
👨👩👧👦 इन घरों में रहने वाली जनसंख्या
6,59,998 लोग (≈ 6.6 लाख)
⚠️ इन 6.6 लाख लोगों को जल जनित बीमारियों जैसे टायफॉइड, हैजा, डायरिया और हेपेटाइटिस A/E का गंभीर खतरा है।
🔍 Source: UIDAI, NITI Aayog Estimates, Census 2011, NSSO, MCD Water Quality Report 2024–25
जल (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 के अंतर्गत क्या है जल बोर्ड की जिम्मेदारी?
Unsafe Drinking Water : कानून क्या कहता है?
- जल गुणवत्ता को बनाए रखने की जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड की है।
जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अनुसार यदि जल आपूर्ति जन स्वास्थ्य को खतरे में डालती है, तो:
- जल बोर्ड पर कानूनी कार्रवाई संभव है
- उपभोक्ता हर्जाना (compensation) की मांग कर सकते हैं
- अदालत या पर्यावरण प्राधिकरण जांच के आदेश दे सकते हैं
Unsafe Drinking Water : अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

Unsafe Drinking Water : दिल्ली जल बोर्ड: जवाबदेही से पीछे क्यों?
आम लोगों को क्यों नहीं मिलती जानकारी?
- दूषित क्षेत्रों की सूची सार्वजनिक नहीं होती
- उपभोक्ताओं को SMS या अधिसूचना नहीं मिलती
- शिकायत निवारण तंत्र अत्यंत धीमा है
उपभोक्ताओं का क्या है अधिकार?
क्या आप हर्जाना मांग सकते हैं?
हां। यदि आप यह सिद्ध कर सकें कि दूषित जल के कारण आपको या आपके परिवार को स्वास्थ्य हानि हुई है, तो आप निम्नलिखित के लिए पात्र हो सकते हैं:
- क्षतिपूर्ति की मांग
- RTI के माध्यम से जानकारी प्राप्त करना
- एनजीटी या उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर करना
किन डॉक्युमेंट्स की जरूरत होगी?
- मेडिकल रिपोर्ट्स
- जल बिल / सप्लाई रसीद
- MCD रिपोर्ट का रेफरेंस
- फोटो / वीडियो प्रमाण (यदि हो)
क्यों जरूरी है पेयजल गुणवत्ता पर सार्वजनिक बहस?
क्या है आगे का रास्ता?
- 24×7 जल गुणवत्ता निगरानी प्रणाली
- जनता को Real-time जानकारी (मोबाइल ऐप, SMS)
- DJB की स्वतंत्र ऑडिट व्यवस्था
- जल नीतियों की नए स्तर से समीक्षा
Unsafe Drinking Water : दिल्ली की जनता क्या कर सकती है?
- जल गुणवत्ता के लिए RTI दाखिल करें
- MCD और DJB की वेबसाइट पर रिपोर्ट देखें
- शिकायत पोर्टल्स (Centralized PG Portal, DJB grievance cell) पर शिकायत दर्ज करें
- स्थानीय पार्षद या विधायक से सार्वजनिक बैठक की मांग करें
निष्कर्ष: जल संकट नहीं, जवाबदेही का संकट है
Unsafe drinking water की यह स्थिति केवल तकनीकी या आपूर्ति संबंधी समस्या नहीं, बल्कि एक जवाबदेही का संकट है। जब पानी जैसे बुनियादी संसाधन पर भी सरकार और एजेंसियां पारदर्शिता नहीं दिखातीं, तो इससे न केवल स्वास्थ्य बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भी प्रश्नचिह्न लगता है। अब वक्त आ गया है कि दिल्ली के लोग इस मुद्दे पर सक्रिय भागीदारी दिखाएं और इसे सार्वजनिक एजेंडा बनाएं, ताकि हर नागरिक को साफ, सुरक्षित और पीने योग्य पानी सुनिश्चित किया जा सके।
जिज्ञासा : Unsafe Drinking Water in Delhi
Q1. दिल्ली में कौन एजेंसी पीने योग्य पानी की गुणवत्ता की निगरानी करती है?
MCD (नगर निगम) पानी की गुणवत्ता की निगरानी करता है, जबकि दिल्ली जल बोर्ड सप्लाई की जिम्मेदारी निभाता है।
Q2. क्या दूषित पानी के कारण हर्जाना मिल सकता है?
हां, कानूनन आप हानि सिद्ध कर पाने पर दिल्ली जल बोर्ड के खिलाफ हर्जाना मांग सकते हैं।
Q3. क्या जल गुणवत्ता रिपोर्ट पब्लिक होती है?
एमसीडी की रिपोर्ट अक्सर सार्वजनिक नहीं की जाती, पर आप RTI के जरिए जानकारी मांग सकते हैं।
Q4. क्या RO या UV वाटर प्यूरीफायर सुरक्षित समाधान हैं?
केवल तभी जब पानी में रासायनिक संदूषण न हो। बैक्टीरिया या वायरस के लिए UV/RO असरकारी हैं।

