शपथ ग्रहण के बाद जारी किया आदेश
WHO News, President Trump News, world health organization News : अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प (US President Trump) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (world health organization) से हटने की घोषणा कर दी है। उन्होंने चुनाव से पहले यह वादा किया था और राष्ट्रपति का पद संभालते ही अपने वादे पर खडे उतर रहे हैं। उन्होंने वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों (global health issues) की देखरेख करने वाली संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (United Nations agency) में अमेरिका की सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की।
कोविड काल से ही निशाने पर WHO
ट्रंप के निशाने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) कोविड (Covid) काल से ही है। उन्होंने बार-बार इसकी आलोचना की है। उन्होंने महामारी से निपटने में वैश्विक स्वास्थ्य संगठन (Global health organizations) को धीमा बताया और चीन के स्वामित्व और नियंत्रण में होने के आरोप लगाए थे। कार्यकारी कार्रवाईयों (Executive Actions) पर हस्ताक्षर करते समय पत्रकारों के साथ एक विस्तृत सहज चर्चा के दौरान ट्रम्प ने कहा विश्व स्वास्थ्य संगठन (world health organization) ने हमे ठगा है।
घोषणा को अमल में लाने में लगेगा एक वर्ष
ट्रम्प की घोषणा (Trump’s announcement) को आधिकारिक रूप में लागू होने में एक साल का समय लगेगा। यह वह समय सीमा है जिसे अमेरिका ने 1948 में वैश्विक स्वास्थ्य निकाय (global health body) में शामिल होने के समय भविष्य में किसी भी वापसी के लिए निर्धारित किया था।

ट्रम्प के पहले कार्यकाल में डब्ल्यूएचओ (world health organization) को दी जाने वाली फंडिंग (Funding) पर रोक लगा दी गई थी और वापसी की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी लेकिन अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद वापसी की प्रक्रिया पर विराम लग गया।
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सबसे बड़े सदस्य को खोएगा WHO
राष्ट्रपति ट्रम्प की इस घोषणा के बाद डब्ल्यूएचओ अपने सबसे बडे सदस्य को खो देगा। अमेरिका (US) विश्व स्वास्थ्य संगठन का सबसे बडा डोनर (World Health Organization’s largest donor) है। अमेरिका ने 2022 और 2023 के दौरान WHO को 1.284 बिलियन डॉलर दिए, जो दूसरे स्थान पर रहने वाले डोनर, जर्मनी (Germany) से करोड़ों डॉलर ज्यादा है।
क्या है WHO का कार्य?
What is the work of WHO?
डब्ल्यूएचओ (World Health Organization) वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य खतरों की निगरानी (Monitoring health hazards) करता है। नए टीकों और दवाओं का मूल्यांकन (Evaluation of new vaccines and drugs) करता है। उभरते स्वास्थ्य संकटों के साथ-साथ चल रहे मुद्दों पर प्रतिक्रिया का समन्वय करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, देशों को विशेषज्ञ सहायता (Expert Support) प्रदान करता है। खासकर जब वे स्वास्थ्य आपातकाल (Health emergency) का सामना करते हैं।
कितना होगा USA को नुकसान
जानकारों के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रम्प के इस फैसले (President Trump’s Decisions) के बाद अमेरिका (US) बीमारियों के प्रकोपों से संबंधित महत्वपूर्ण डेटा तक अपनी आसान पहुंच खो देगा और विश्व स्वास्थ्य संगठन में स्वास्थ्य मानकों (World Health Organization health standards) को निर्धारित करने और बीमारी की प्रतिक्रियाओं पर निर्णय लेने का अधिकार भी चला जाएगा।
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आलोचकों ने बताया विनाशकारी निर्णय
जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी (Georgetown University) में वैश्विक स्वास्थ्य कानून के प्रोफेसर और डब्ल्यूएचओ के वैश्विक स्वास्थ्य कानून केंद्र (WHO’s Centre for Global Health Law) के निदेशक लॉरेंस गोस्टिन के मुताबिक, “यह सबसे विनाशकारी निर्णय साबित होगा। ” “यह अमेरिकी राष्ट्रीय हितों और हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है। वास्तव में ऐसा करना सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) और एनआईएच (National Institutes of Health) जैसे संस्थानों को अंधेरे में छोडने जैसा साबित होगा।”
वैश्विक स्वास्थ्य (global health) की वकालत करने वाले एक गैर-पक्षपाती समूह (Nonpartisan groups), ग्लोबल हेल्थ काउंसिल (Global Health Council) के अध्यक्ष और सीईओ एलीशा डन-जॉर्जियो के मुताबिक, “डेटा तक पहुंच, निगरानी, बातचीत के लिए मेज पर होने और महामारी या सर्वव्यापी महामारी के समय अन्य देशों को जवाबदेह ठहराने के मामले में अमेरिका के लिए यह निर्णय बुरा साबित हो सकता है।” “अन्य शक्तिशाली देश जैसे चीन, रूस, जो डब्ल्यूएचओ (WHO) को आकार देना चाहती हैं, वे इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं।”