सर्दी के मौसम में विशेषज्ञ दिल से संबंधित समस्याओं के प्रति सचेत रहने की सलाह देते हैं। इस मौसम में नसें सिकुडती हैं। जिससे खून का बहाव प्रभावित होता है।
सर्दी के मौसम में विशेषज्ञ दिल से संबंधित समस्याओं के प्रति सचेत रहने की सलाह देते हैं। इस मौसम में नसें सिकुडती हैं। जिससे खून का बहाव प्रभावित होता है।
कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर हार्ट अटैक के जोखिम से बचा जा सकता है।
कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर हार्ट अटैक के जोखिम से बचा जा सकता है।
ब्लड ग्रुप बता सकता है कितना है हार्ट अटैक का जोखिम
ब्लड ग्रुप बता सकता है कितना है हार्ट अटैक का जोखिम
हार्ट अटैक के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ब्लड ग्रुप की भी इसमें भूमिका होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर समय रहते ब्लड ग्रुप से संबंधित निदान कर लिया जाए....
हार्ट अटैक के पीछे कई कारण हो सकते हैं। ब्लड ग्रुप की भी इसमें भूमिका होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर समय रहते ब्लड ग्रुप से संबंधित निदान कर लिया जाए....
तो हृदय रोग और हार्ट अटैक की जोखिम से बचा जा सकता है। इस प्रक्रिया में ए और बी एंटीजन मददगार साबित होता है।
तो हृदय रोग और हार्ट अटैक की जोखिम से बचा जा सकता है। इस प्रक्रिया में ए और बी एंटीजन मददगार साबित होता है।
इन ब्लड ग्रुप वालों को विशेष जोखिम
इन ब्लड ग्रुप वालों को विशेष जोखिम
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक ए और बी ब्लड ग्रुप वाले लोगों के दिल की धमनियों में खून के थक्के बनने का जोखिम ज्यादा होता है। जबकि, ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी अधिक पाई गई है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक ए और बी ब्लड ग्रुप वाले लोगों के दिल की धमनियों में खून के थक्के बनने का जोखिम ज्यादा होता है। जबकि, ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी अधिक पाई गई है।
जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ए होता है, उनमें हार्ट फेल्योर का जोखिम भी अधिक होने के आसार होते हैं।
जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ए होता है, उनमें हार्ट फेल्योर का जोखिम भी अधिक होने के आसार होते हैं।
कोविड के बाद बढा है हार्ट अटैक का खतरा
कोविड के बाद बढा है हार्ट अटैक का खतरा
विशेषज्ञों के मुताबिक हार्ट अटैक के मामलों में इस साल पहले के वर्षों की तुलना में बढोत्तरी पाई गई है। इसके पीछे कोरोना वायरस को जिम्मेदार माना जा रहा है। कोविड की वजह से हृदय की धमनियों में खून के थक्के बनने लगे हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक हार्ट अटैक के मामलों में इस साल पहले के वर्षों की तुलना में बढोत्तरी पाई गई है। इसके पीछे कोरोना वायरस को जिम्मेदार माना जा रहा है। कोविड की वजह से हृदय की धमनियों में खून के थक्के बनने लगे हैं।
जिससे रक्त की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। खून के थक्कों से बनने वाले ब्लॉकेज हार्ट अटैक की वजह बन रहा है। हार्ट अटैक उन लोगों को भी होने लगा है, जिनमें पहले से कोर्ई ल्रक्षण नहीं होता।
जिससे रक्त की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। खून के थक्कों से बनने वाले ब्लॉकेज हार्ट अटैक की वजह बन रहा है। हार्ट अटैक उन लोगों को भी होने लगा है, जिनमें पहले से कोर्ई ल्रक्षण नहीं होता।
ऐसे करें बचाव
ऐसे करें बचाव
20 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को तय अंतराल पर हार्ट की जांच करवानी चाहिए।तीन महीने में एकबार लिपिड प्रोफाइल टेस्ट जरूर कराएं।अचानक से ठंड में बाहर न निकले।पौष्टिक आहार लें।
20 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों को तय अंतराल पर हार्ट की जांच करवानी चाहिए।तीन महीने में एकबार लिपिड प्रोफाइल टेस्ट जरूर कराएं।अचानक से ठंड में बाहर न निकले।पौष्टिक आहार लें।
बेहतर नींद लेना जरूरी है।हफ्ते में दो दिन ब्लड प्रेशर की जांच कराएं।जरूरत से अधिक शारीरिक श्रम न करें।सांस लेने में परेशानी होने, सिर में तेज दर्द, बोलने में दिक्कत, हाथ और पैर में झुनझुनी,छाती में दर्द आदि लक्षणो के प्रकट होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं
बेहतर नींद लेना जरूरी है।हफ्ते में दो दिन ब्लड प्रेशर की जांच कराएं।जरूरत से अधिक शारीरिक श्रम न करें।सांस लेने में परेशानी होने, सिर में तेज दर्द, बोलने में दिक्कत, हाथ और पैर में झुनझुनी,छाती में दर्द आदि लक्षणो के प्रकट होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं
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