कौन सा गहरा रहस्य है ऐसे Infectious Disease Outbreaks में..
Infectious Diseases , Virus Outbreaks, China virus Outbreaks, Africa Virus Outbreaks : जब भी दुनिया में कभी कोई महामारी (pandemic) या वायरस संक्रमण (Virus Infection) फैलता है, तो निगाहे चीन (China) और अफ्रीका (Africa) की ओर ही क्यों उठती है? आखिर क्यों ज्यादातर संक्रामक बीमारियां (Infectious diseases) या महामारी इन दोनों देशों से ही शुरू होती है? यह महज एक संयोग है या फिर इसमें कोई गहरा रहस्य छिपा है, जिसे हमें जानने की जरूरत है। आइए, हम इस रहस्य को समझने की कोशिश करते हैं।
चीन : जंगली जीवों से जुड़ी प्राचीन परंपराएं

यूरोपीय विशेषज्ञों का मानना है कि चीन में जंगली जानवरों को भोजन के रुप में इस्तेमाल करने की प्रथा है। यह चलन नए वायरसों के उभरने की बडी वजह हो सकती है।
भोजन की विविधता (Food Variety)
चीन के कई क्षेत्रों में लोग सहज रूप से सांप, चमगादड़, और अन्य जंगली जीवों का मांस खाते हैं।
पारंपरिक चिकित्सा पद्धति (Traditional Medicine Methods)
प्राचीन चीनी चिकित्सा में जंगली जानवरों के अंगों का इस्तेमाल दवाओं के निर्माण में किया जाता है। इस वजह से शिकारी और व्यापारी दोनों ही जंगली जानवरों के सीधे संपर्क में आते हैं। जिससे वायरस (Infectious Diseases) फैलने का खतरा बढता है। अगर हम उदाहरण के तौर पर देखें तो हाल ही में Covid 19 और SARS जैसे वायरस ने महामारी पैदा कर दी थी और इसका स्रोत के तौर चमगादड और पैंगोलिन (Pangolin) का नाम सामने आया था।
अफ्रीका: बशमीट संस्कृति और महामारियों का जन्म

अफ्रीका में बशमीट (Bushmeat) यानी जंगली जानवरों का मांस एक मुख्य भोजन है।
वानर मांस और HIV
1980 के दशक में HIV/AIDS का जन्म चिम्पांजी और अन्य वानरों के मांस से हुआ माना जाता है।
ईबोला (Ebola)
अफ्रीका में कई बार जानवरों से इंसानों में फैले ईबोला Virus हजारों मासूमों की मौत की वजह बन गया। माना जाता है कि यह बीमारी (Infectious Diseases) भी जंगली जानवरों से सीधे संपर्क में आने का ही नतीजा है।
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यूरोप का छुपा इतिहास: प्लेग और स्पेनिश फ्लू का सच
जब बात किसी महामारी की आती है, तो अक्सर यूरोपीय देश (European Countries) अपनी भूमिका को अनदेखा कर देते या उसके कारणों से अपना पल्ला झाड लेते हैं।
प्लेग (Plague)
मध्ययुगीन यूरोप (medieval Europe) में फैले काले प्लेग (Black Plague) करोड़ों लोगों की मौत की वजह साबित हुआ। यह बीमारी चूहों से फैला था और संपूर्ण यूरोप पर कहर बनकर टूटा था।
स्पेनिश फ्लू (Spanish Flu)
1918 में फैली यह संक्रामक महामारी दुनिया भर में 5 करोड़ से अधिक लोगों के लिए जानलेवा साबित हुई थी। हालांकि इसे “स्पेनिश फ्लू” कहा गया लेकिन इसके स्रोत को लेकर आज भी रहस्य बरकरार है।
Infectious Diseases : असली रहस्य क्या है?
विशेषज्ञों के मुताबिक सच्चाई यह है कि महामारी किसी एक क्षेत्र की समस्या नहीं होती है, बल्कि यह संपूर्ण मानवता के लिए साझा संकट साबित होती है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण (scientific Approach)
वैज्ञानिकों के मुताबिक, जिन क्षेत्रों में जंगली जानवरों से इंसानों का संपर्क सीधे और अधिक होता है, वहां संक्रामक वायरस (Infectious Diseases) फैलने की आशंका अधिक होती है।
जलवायु परिवर्तन (Climate Change)
वैश्विक जलवायु परिवर्तन भी इस तरह की महामारियों के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जंगलों की कटाई और पशु-पक्षियों के प्राकृतिक आवासों के विनाश के कारण इंसानों और जंगली जानवरों के बीच संपर्क बढ़ने लगे हैं। नतीजतन, नए तरह के संक्रामक वायरस के संक्रमण का खतरा भी बढता जा रहा है।
नए वायरस का जन्म और पुरानी लापरवाही
महामारियों (Infectious Diseases) के लिए सीधे तौर पर किसी भी देश या क्षेत्र को दोषी ठहराना उचित नहीं हो सकता है। प्लेग और स्पेनिश फ्लू जैसे महामारी फैलाने वाले जानलेवा वायरस का प्रसार यूरोप से हुआ, जबकि एचआईवी और ईबोला वायरस अफ्रीका से और कोरोना चीन से फैली महामारियां हैं। हर बार इतिहास यह स्पष्ट करता है कि इंसान की लापरवाही और प्रकृतिक का अनैतिक दोहन या खिलवाड इन महामारियों के अस्तित्व में आने की मूल वजह है।