रविवार, जून 29, 2025
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Tofacitinib Uses : रूमेटॉइड अर्थराइटिस और स्पॉन्डिलाइटिस के इलाज में नई उम्मीद

भारत में इसके कई जेनेरिक वर्जन भी आ चुके हैं, जिससे यह इलाज पहले से कहीं ज्यादा किफायती हो गया है।

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Highlights

Tofacitinib uses : कैसे काम करती है यह दवा रूमेटॉइड अर्थराइटिस और एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में?

Tofacitinib uses को लेकर इन दिनों मेडिकल क्षेत्र में काफी चर्चा है, खासकर रूमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) और एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (ankylosing spondylitis) जैसे जटिल रोगों के इलाज में।
 
पहले इन रोगों का इलाज इंजेक्शन से दिए जाने वाले महंगे बायोलॉजिक्स या बॉयोसिमिलर (Biologics or biosimilars) से होता था, जो हर किसी के लिए सुलभ नहीं थे। लेकिन अब tofacitinib एक ओरल दवा (Oral Medication) के रूप में सामने आई है, जो न केवल असरदार है बल्कि मरीजों को राहत भी आसान तरीके से देती है।
 
भारत में इसके कई जेनेरिक वर्जन (Generic Version of Tofacitinib) भी आ चुके हैं, जिससे यह इलाज पहले से कहीं ज्यादा किफायती हो गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि tofacitinib किन बीमारियों में उपयोग (Tofacitinib uses) की जाती है, यह कैसे काम करती है, इसके साइड इफेक्ट्स से कैसे बचें (How to avoid side effects) और इस दवा से जुड़ी जरूरी जानकारी क्या है।

Tofacitinib uses : यह दवा क्या है और क्यों दी जाती है?

Tofacitinib एक oral JAK inhibitor (Janus kinase inhibitor) है जो शरीर में सूजन (inflammation) और प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया (immune system response) को नियंत्रित करता है। इसे भारत सहित कई देशों में रूमेटॉइड अर्थराइटिस (RA), एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (AS) और प्सोरियाटिक अर्थराइटिस (PsA) के इलाज के लिए FDA और CDSCO द्वारा मंजूरी मिली है।

Tofacitinib uses : किन बीमारियों में होता है इसका इस्तेमाल?

रूमेटॉइड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)

जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली खुद की जोड़ों पर हमला करने लगती है, तो उसे रूमेटॉइड अर्थराइटिस कहा जाता है। Tofacitinib दवा शरीर की प्रतिरक्षा गतिविधि को नियंत्रित कर सूजन को कम करती है।

Tofacitinib uses: एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis)

यह एक स्पाइन और बड़ी हड्डियों के जोडों में से जुड़ी सूजन (inflammation of the joints of large bones) वाली बीमारी है, जिसमें tofacitinib से रोगियों को दर्द और जकड़न (Pain and stiffness) से राहत मिलती है।

Tofacitinib uses : प्सोरियाटिक अर्थराइटिस (Psoriatic Arthritis)

यह दवा त्वचा और जोड़ों दोनों की सूजन में भी असरदार है।

Tofacitinib dosage – सही खुराक क्या है?

  • सामान्यतः 5 mg या 10 mg टैबलेट रूप में उपलब्ध होती है।
  • दिन में 1–2 बार चिकित्सक की सलाह के अनुसार दी जाती है।
  • अधिकतम खुराक 10 mg दिन में दो बार से अधिक नहीं दी जानी चाहिए।
  • किडनी या लिवर के मरीजों के लिए डोज में बदलाव जरूरी हो सकता है।

 Tofacitinib side effects – इसके दुष्प्रभाव क्या हो सकते हैं?

किसी भी दवा की तरह इसके भी कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
  • संक्रमण (जैसे टीबी, हर्पीज)
  • सिरदर्द, डायरिया
  • कोलेस्ट्रॉल स्तर बढ़ना
  • रक्त में सफेद कोशिकाओं की संख्या घटना
  • लीवर एंजाइम का बढ़ना
डॉक्टर की निगरानी में नियमित जांच जरूरी है।

Tofacitinib price in india – भारत में इसकी कीमत क्या है?

Tofacitinib Uses : रूमेटॉइड अर्थराइटिस और स्पॉन्डिलाइटिस के इलाज में नई उम्मीद
Tofacitinib Uses : रूमेटॉइड अर्थराइटिस और स्पॉन्डिलाइटिस के इलाज में नई उम्मीद
  • भारत में कई कंपनियों द्वारा Generic Tofacitinib लॉन्च किया गया है।
  • एक पट्टी (प्रति स्टिप) की  कीमत यहां देखें,  ब्रांड के अनुसार।

Tofacitinib tablet – भारत में उपलब्ध ब्रांड्स

ब्रांड नामकंपनीडोज
TofajakCipla5mg
JaknatNatco5mg/10mg
TofadayZydus5mg

Tofacitinib mechanism of action – यह दवा कैसे काम करती है?

Tofacitinib शरीर में मौजूद JAK1 और JAK3 enzymes को अवरुद्ध करती है, जिससे साइटोकाइन (inflammatory chemicals) की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इससे जोड़ों में सूजन कम होती है और दर्द व जकड़न में राहत मिलती है।

Tofacitinib safety – क्या यह दवा सुरक्षित है?

  •  FDA और भारत के DCGI से स्वीकृत।
  • लेकिन इम्यून सिस्टम को दबाने वाली दवा होने के कारण डॉक्टर की निगरानी आवश्यक है।
  • बच्चों, गर्भवती महिलाओं और टीबी/एचआईवी के मरीजों में इसके उपयोग से पहले विशेष सावधानी जरूरी।

Tofacitinib approval – क्या यह भारत में मंजूर है?

जी हां, 2013 में भारत में पहली बार मंजूरी मिली थी रूमेटॉइड अर्थराइटिस के लिए। बाद में इसके उपयोग (Tofacitinib uses) को सोरियाटिक अर्थराइटिस (psoriatic arthritis) अर्थराइटिस और एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के उपचार में भी किया जाने लगा।।

Tofacitinib vs biologics – बायोलॉजिक्स और बायोसिमिलर से कैसे भिन्न है यह दवा?

Tofacitinib को एक Targeted Synthetic DMARD (tsDMARD) माना जाता है, जबकि बायोलॉजिक्स और बायोसिमिलर दवाएं Biological DMARDs (bDMARDs) की श्रेणी में आती हैं। इन दोनों वर्गों के बीच कुछ प्रमुख अंतर इस प्रकार हैं:

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निर्माण की प्रकृति (Nature of Drug)

  • Tofacitinib एक छोटा अणु (small molecule) है जिसे रासायनिक तरीके से लैब में तैयार किया जाता है।
  • बायोलॉजिक्स और बायोसिमिलर जैविक स्रोतों से बनाए जाते हैं (जैसे जीवित कोशिकाओं से) और अत्यधिक जटिल होते हैं।

सेवन की विधि (Mode of Administration)

  • Tofacitinib को मुँह से टैबलेट के रूप में लिया जाता है।
  • जबकि अधिकांश बायोलॉजिक्स और बायोसिमिलर को इंजेक्शन या ड्रिप (IV/SC) के जरिए दिया जाता है।

स्टोरेज व लॉजिस्टिक्स (Storage & Handling)

Tofacitinib को स्टोर करना आसान होता है, इसे रूम टेम्परेचर पर रखा जा सकता है।
बायोलॉजिक्स को विशेष कोल्ड स्टोरेज की जरूरत होती है, जिससे इनकी डिस्ट्रिब्यूशन कॉस्ट भी अधिक होती है।

शरीर में प्रभाव का तरीका (Mechanism of Action)

  • Tofacitinib विशेष रूप से JAK enzymes (JAK1, JAK3) को ब्लॉक करता है जिससे इनफ्लेमेशन कम होती है।
  • बायोलॉजिक्स, जैसे TNF inhibitors, IL-6 blockers आदि सीधे साइटोकाइन्स या रिसेप्टर्स को टारगेट करते हैं।

Tofacitinib uses : लागत और सुविधा

  • Tofacitinib, खासकर भारत में, जनरिक रूप में उपलब्ध है जिससे यह तुलनात्मक रूप से सस्ता और अधिक सुलभ है।
  • बायोलॉजिक्स और बायोसिमिलर बहुत महंगे होते हैं और अधिकतर मरीजों की पहुंच से बाहर होते हैं।

Tofacitinib impact – इस दवा के आने से मरीजों को क्या राहत मिली?

Tofacitinib के बाजार में आने से रूमेटॉइड अर्थराइटिस और एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित मरीजों की कई पुरानी समस्याएं दूर हो गईं, जो पहले बायोलॉजिक्स और बायोसिमिलर के प्रयोग के समय सामने आती थीं।

Tofacitinib uses : खुद से खुराक लेना आसान

  • पहले मरीजों को अस्पताल या क्लिनिक में इंजेक्शन लगवाने जाना पड़ता था।
  • Tofacitinib टैबलेट के रूप में होने के कारण घर बैठे बिना डॉक्टर के हस्तक्षेप के लिया जा सकता है।

Tofacitinib uses : नियमित अस्पताल विजिट  की आवश्यकता समाप्त

  • बायोलॉजिक्स के साथ बार-बार हॉस्पिटल विजिट जरूरी होते थे।
  • अब मरीजों को महीनों अस्पताल नहीं जाना पड़ता, जिससे समय और खर्च दोनों की बचत होती है।

सस्ती दवा, कम जेब पर बोझ

Tofacitinib uses : स्टोरेज की परेशानी नहीं

  • बायोलॉजिक्स को फ्रिज में रखना जरूरी होता था।
  • Tofacitinib टैबलेट को कहीं भी रखा और ले जाया जा सकता है, जिससे यात्राओं में भी इलाज में रुकावट नहीं आती।
  • डर और साइड इफेक्ट की आशंका में कमी
  • इंजेक्शन का डर, सुई से जुड़ी जटिलताएं और संक्रमण का खतरा अब बहुत कम हो गया है।

Tofacitinib side effects – साइड इफेक्ट से बचाव के उपाय और आयुर्वेदिक समाधान

Tofacitinib uses : एक असरदार लेकिन इम्यून सिस्टम को दबाने वाली दवा है। इसलिए इसके साथ कुछ साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं जैसे:
  • संक्रमण का खतरा (सर्दी, खांसी, टीबी, शिंगल्स)
  • लिवर एंजाइम्स का बढ़ना
  • कोलेस्ट्रॉल लेवल में वृद्धि
  • थकान या एनर्जी की कमी
  • जी मिचलाना या दस्त
*लेकिन अच्छी बात यह है कि कुछ खास उपायों और देसी उपचारों को साथ अपनाकर इन दुष्प्रभावों से काफी हद तक बचा जा सकता है।

संक्रमण से बचाव के लिए आयुर्वेदिक उपाय

  • गिलोय का रस (10–15 ml सुबह खाली पेट) : संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए रामबाण
  • आंवला और हल्दी मिलाकर सेवन : एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण
  • तुलसी के पत्ते या तुलसी अर्क : वायरल प्रोटेक्शन
  • शीतकाल में च्यवनप्राश (1 चम्मच) : इम्युनिटी बढ़ाने के लिए उत्तम

लिवर की सुरक्षा के लिए घरेलू और आयुर्वेदिक सहायक उपाय

  • भृंगराज या कल्पमेघ अर्क : लिवर एंजाइम्स को नियंत्रित रखने में सहायक
  • हरी सब्जियों और नींबू पानी का नियमित सेवन : प्राकृतिक डिटॉक्सिफिकेशन
  • हल्दी वाला गुनगुना दूध : एंटी-इंफ्लेमेटरी व लिवर सेफ
  • क्या न खाएं:  डीप फ्राइड, बहुत मसालेदार भोजन और शराब,  ये लिवर पर अधिक भार डालते हैं।

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर घरेलू नियंत्रण उपाय

  • रोज सुबह 1 लहसुन की कली चबाना : लिपिड लेवल नियंत्रित
  • मेथी के बीज भिगोकर सुबह पीना : हाई कोलेस्ट्रॉल पर असरदार
  • ओमेगा-3 रिच चीज़ें : जैसे अलसी के बीज (flax seeds), अखरोट

थकान, कमजोरी से राहत के लिए उपाय

  • अश्वगंधा चूर्ण या कैप्सूल (दवा के डॉक्टर से पूछकर) :  एनर्जी और सहनशक्ति के लिए
  • खजूर, अंजीर, शहद और दूध :  ताकत बढ़ाने वाली संजीवनी संयोजन
  • नींद पूरी लें :  कम से कम 7–8 घंटे की गहरी नींद जरूरी

पाचन की गड़बड़ी (जी मिचलाना, दस्त) से राहत

  • सौंफ और मिश्री का काढ़ा : पाचन तंत्र को शांत करता है
  • दही + काला नमक : प्रोबायोटिक सपोर्ट
  • इसबगोल + ठंडा दूध : लूज मोशन में असरदार

Bonus Tip: योग और प्राणायाम का लाभ

  • अनुलोम-विलोम, कपालभाति, और भ्रामरी : इम्यून सिस्टम को संतुलित करने में मदद करते हैं
  • योग मुद्राएं जैसे वज्रासन, बालासन : पाचन और आंतरिक अंगों पर अच्छा प्रभाव डालती हैं
Tofacitinib uses : *महत्वपूर्ण: इन उपायों को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य से परामर्श अवश्य लें, खासकर जब आप tofacitinib जैसी इम्यून मोड्यूलेटिंग दवा ले रहे हों।

Tofacitinib Uses: FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. टोफासिटिनिब टैबलेट किस तरह की बीमारियों में सबसे अधिक असरदार मानी जाती है?

टोफासिटिनिब मुख्य रूप से रूमेटॉयड आर्थराइटिस (RA), एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (AS) और सोरियाटिक आर्थराइटिस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों (Autoimmune Diseases) के इलाज में इस्तेमाल (tofacitinib uses) की जाती है। यह दवा जोइन्ट्स की सूजन और दर्द को कम कर मरीज की जीवन गुणवत्ता को बेहतर बनाती है।

Q2. टोफासिटिनिब को बायोलॉजिक्स और बॉयोसिमिलर से बेहतर क्यों माना जा रहा है?

टोफासिटिनिब एक oral JAK inhibitor है, जिसे इंजेक्शन की जगह टैबलेट के रूप में लिया जा सकता है। यह सुविधा, इसके तीव्र प्रभाव और शरीर में कम प्रतिरोध (resistance) के कारण इसे पारंपरिक बायोलॉजिक्स से अलग और प्रभावी बनाती है।

Q3. क्या टोफासिटिनिब के साथ आयुर्वेदिक या घरेलू उपाय भी किए जा सकते हैं?

हाँ, डॉक्टर की सलाह से टोफासिटिनिब के साथ हल्दी-दूध, अश्वगंधा, गिलोय, त्रिफला जैसे आयुर्वेदिक उपाय किए जा सकते हैं जो शरीर की सूजन को कम कर साइड इफेक्ट्स को संतुलित करने में मदद करते हैं। हालांकि, किसी भी पूरक उपाय से पहले चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक है।

Q4. टोफासिटिनिब टैबलेट भारत में किन ब्रांड्स के नाम से मिलती है और क्या इनकी कीमत बहुत अलग होती है?

भारत में टोफासिटिनिब टैबलेट Tofajak, Jaknat, Tofacirel, Tofakin जैसे ब्रांड्स में उपलब्ध है। एक पट्टी (10 टैबलेट) की कीमत यहां देखें, जो कंपनी और गुणवत्ता पर निर्भर करती है।

Q5. क्या टोफासिटिनिब लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर शरीर पर कोई गंभीर प्रभाव डाल सकती है?

जी हाँ, लंबे समय तक टोफासिटिनिब का उपयोग (tofacitinib uses) करने पर लीवर एंजाइम बढ़ना, इम्यूनिटी कमजोर होना, इंफेक्शन का खतरा, और रक्त में कोलेस्ट्रॉल लेवल में बदलाव जैसे प्रभाव देखे जा सकते हैं। इसलिए नियमित ब्लड टेस्ट और चिकित्सक की निगरानी बेहद जरूरी है।

अस्वीकरण (Disclaimer)


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

 caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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Ankur Shukla
Ankur Shuklahttps://caasindia.in
Ankur Shukla: The Journalist Who Strikes a Chord with Words and MusicWith over 13 years of rich experience in journalism, Ankur Shukla has carved a niche for himself as a trusted senior journalist, having served with distinction in several leading dailies. His in-depth reporting, especially on the health beat, has earned him prestigious honors like the Indraprastha Gaurav Award and the Swami Vivekananda Award and many more.But Ankur’s talents go far beyond the newsroom. A passionate Indian classical vocalist and a skilled sitar player he effortlessly blends the art of storytelling with the soul of music. And beyond pen and performance, he wears yet another hat — that of a committed social contributor, working actively for the welfare of autoimmune disease patients across the country.
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