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Brain Spinal Interface : चीन में पैरालाइज्ड मरीज को चलने योग्‍य बना दिया

जनवरी से मार्च 2025 के बीच चार स्पाइनल कॉर्ड की गंभीर चोटों वाले मरीजों पर यह प्रक्रिया की गई।

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Edited By: Ankur Shukla

नई Neural Bypass तकनीक ने कल की उम्मीदों को आज में बदल दिया

Brain Spinal Interface : चीन (China) के Fudan University और Zhongshan Hospital, Shanghai की एक टीम ने brain spinal interface नाम की अत्याधुनिक neuro‑implant तकनीक से एक नया मेडिकल मुकाम हासिल किया है। यह तकनीक स्पाइनल कॉर्ड इनजरी (SCI) का इलाज करने की दिशा में सबसे बड़े कदमों में से एक मानी जा रही है।

Brain Spinal Interface : तकनीक की मूल विशेषताएँ

brain spinal interface एक मिनिमली इनवेसिव neural bypass सिस्टम है, जिसमें मस्तिष्क (motor cortex) और रीढ़ की हड्डी में लगभग 1mm इलेक्ट्रोड चिप्स इम्प्लांट किए जाते हैं। ये चिप्स मस्तिष्क से आने वाले मोटर-सिग्नल्स को realtime में डिकोड करते हैं और रीढ़ की निचली जगह पर targeted electrical impulses भेजते हैं।

Clinical ट्रायल के मुख्य तथ्य

मरीजों की संख्या और टाइमलाइन

जनवरी से मार्च 2025 के बीच चार स्पाइनल कॉर्ड की गंभीर चोटों वाले मरीजों पर यह प्रक्रिया की गई। पहले मरीज का ऑपरेशन 8 जनवरी को हुआ, और बाकी तीन मरीज फरवरी–मार्च में शामिल हुए।

24 घंटे में पहला परिणाम

ऑपरेशन के केवल एक दिन बाद मरीजों ने अपनी टाँगों को हिलाना शुरू कर दिया। दो सप्ताह में कुछ मरीज स्टैंडिंग फ्रेम के साथ चलने लगे, और कुछ ने स्वतंत्र रूप से कदम भी उठाए।

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Brain Spinal Interface : चीन में पैरालाइज्ड मरीज को चलने योग्‍य बना दिया
चीन में पैरालाइज्ड मरीज को चलने योग्‍य बना दिया
Electrical stimulation से नसों में “neural remodeling” प्रक्रिया शुरू होती है, जिससे मस्तिष्क और मांसपेशियों के बीच टूटे हुए कनेक्शन फिर से बनने लगते हैं। मरीजों ने मूत्र या मल पर नियंत्रण व पसीना आने जैसी क्रियाएँ भी दोबारा महसूस की।

प्रतिस्पर्धात्मक गति

स्विट्जरलैंड या Western BCI trials में आमतौर पर पैरों पर नियंत्रण वापस आने में 6 महीने से अधिक लगते थे, लेकिन चीन की यह तकनीक केवल कुछ हफ़्तों में यह मुमकिन बना रही है, इसे एक उल्लेखनीय प्रगति माना जा रहा है।

चुनौतियाँ और भविष्य की राह

  • यह अभी प्रारंभिक क्लिनिकल ट्रायल है और बड़े पैमाने पर सुरक्षित प्रमाणित होने के बावजूद further validation की आवश्यकता है।
  • तकनीक को global स्वास्थ्य नियामकों (FDA/CE) से approval मिलने में समय लग सकता है।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि rehabilitation programmes और long‑term neural retraining से सफलता और बढ़ेगी।

वैश्विक प्रभाव और भारत में संभावनाएँ

  • चीन की यह सफलता neurotech क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत है, जो दुनिया भर में कई मरीजों के लिए उम्मीद जगाती है।
  • भारत में स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के लगभग 2 लाख सक्रिय मामले हैं, और नई तकनीक के आने से री-हैब सेंटर, clinical trials और नीति मॉडल बदल सकते हैं।
  • संयुक्त शोध व निवेश से यह तकनीक भारत में भी जल्द उपलब्ध हो सकती है।

निष्कर्ष और आगे की राह

brain spinal interface तकनीक ने दिखाया है कि SCI परिदृश्य में सुधार बेहद तेजी से संभव है। फुडान टीम द्वारा विकसित यह न्यूरल बायपास सिस्टम मस्तिष्क से सीधे स्पाइन तक signals पहुंचाकर धीमी प्रक्रिया को मिनटों और हफ्तों में बदल सकता है।
भले ही यह अभी प्रारंभिक स्टेज में है, लेकिन परिणाम इतने प्रभावशाली हैं कि आधुनिक मेडिसिन में एक नया युग शुरू हो सकता है। भविष्य में बड़े पैमाने पर trials और उच्च-स्तरीय सुरक्षा मानकों के पूरा होने पर यह कई देशों में आम चिकित्सा में तब्दील हो सकता है। इस तकनीक के विकास से ऐसे मरीजों को दोबारा सक्रिय जीवन में लौटने का मौका मिलेगा और मरीज अपने जीवन को सामान्य तरीके से जीने में सक्षम होंगे।

अस्वीकरण (Disclaimer)


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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Kavya Singh
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Kavya Singh: Blending Poetry with Journalism, Flavor with Stories : Kavya Singh is not just a journalist she's a storyteller who weaves facts with feelings and sprinkles creativity into everything she writes. With dual degrees in Journalism and Home Science, Kavya brings a rare blend of sharp narrative skills and deep cultural understanding to the world of feature writing.While most journalists chase the conventional beats of politics or crime, Kavya follows a road less traveled feature journalism. She believes that the most meaningful stories are found not in headlines but in the everyday rhythm of life.
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