Sunday, February 16, 2025
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Blue Zone Diet : ये 5 ब्लू जोन जहां के लोग हैं बीमारियों से मुक्त

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स्वस्थ्य और शतायु रखती है Blue Zone Diet

नई दिल्ली।टीम डिजिटल : आज के दौर में रोग मुक्त रहना एक चुनौती है लेकिन दुनियाभर में ऐसे पांच ब्लू जोन आहार (Blue Zone Diet) हैं, जहां के लोग अन्य स्थानों में रहने वाले लोगों के मुकाबले ज्यादा जीते हैं और बीमारियों से भी मुक्त रहते हैं। इन्हें विशेष डाइट जोन (Blue Zone Diet) भी कहा जाता है क्योंकि इनकी आहारशैली भी अन्य स्थानों पर रहने वाले लोगों के मुकाबले अलग है। तो आईए, समझते हैं इनकी विशेषता और इनके स्वस्थ और लंबा जीवन जीने के पीछे का राज।

क्या है ब्लू जोन – what is blue zone

धरती के 5 हिस्सों को ब्लू जोन कहा जाता है। यहां के लोग धरती पर रहने वाले अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा लंबा और स्वस्थ जीवन जीते हैं। ब्लू जोन की अवधारणा को सबसे पहले अपने डेमोग्राफिक काम के आधार पर गिएनी पेस और माइकल पॉलेन द्वारा दिया गया था। वर्ष 2004 में इन्होंने इस विषय पर अपना शोध प्रकाशित किया था। इन्होंने इटली में नूओरो प्रांत में सार्डिनिया नाम की एक जगह खोज निकाली थी। इन्होंने दावा किया था कि यहां के पुरुषों की औसत उम्र 100 साल के आसपास होती हैं।

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जबकि, ऐसा दूसरे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के साथ नहीं होता। इसके बाद डेन ब्यूटनर ने ब्लू जोन की लिस्ट में चार और जगहों को जोडा और यह दावा किया कि सार्डिनिया के साथ इन चारों जगहों के लोगों की जीवन में भी गहरी समानताएं हैं। इन्होनें दावा किया कि 5 जगहों पर लोगों की औसत आयु 100 साल के करीब होती है।

इन पांचों जगहों में रहने वाले लोगों की आहारशैली (Blue Zone Diet) भी लगभग समान है। इन लोगों में जीवनशैली से जुडी बीमारियां न के बराबर होती है। ऐसे में यह जानना अपने आप में रोचक है कि आखिरकार, ये लोग ऐसी कौन सी डाइट (Blue Zone Diet) लेते हैं, जिससे इन्हें रोग मुक्त रहने में मदद मिलती है और 100 वर्ष की औसत उम्र तक लोग यहां जीवित भी रहते हैं।

इन्हें कहते हैं धरती के 5 ब्लू जोन

Blue Zone Diet : ये 5 ब्लू जोन जहां के लोग हैं बीमारियों से मुक्त
Blue Zone Diet : ये 5 ब्लू जोन जहां के लोग हैं बीमारियों से मुक्त | Photo : freepik

इनसाइडर के मुताबिक रिसर्चर गिएन्नी पेस, माइकल पॉलैन और डेन ब्यूटनर के शोध में धरती पर 5 ब्लू जोन को मार्क किया गया है।

  • ग्रीस में इकारिया
  • इटली में सार्डिनिया
  • जापान में ओकिनावा
  • अमेरिका में लोमा लिंडा
  • कोस्टारिका में निकायो

क्या है स्वस्थ और लंबे जीवन का राज

विशेषज्ञ कहते हैं कि हेल्दी लाइफ और लंबी उम्र में जीन की प्रमुख भूमिका होती है। किसी भी व्यक्ति की उम्र को उसकी जीन के आधार पर निर्धारित किया जाता है। जीवन में इनकी 20 से 30 प्रतिशत भूमिका होती है। इसके अलावा लाइफस्टाइल, आहा (Blue Zone Diet) और पर्यावरणीय प्रभाव भी स्वस्थ जीवन और लंबी उम्र के मानकों को प्रभावित करता है। रोचक यह है कि ब्लू जोन में रहने वाले ज्यादातर लोगों की आयु 90 से 100 तक पहुंचती हैं और यहां 100 से अधिक उम्र वाले लोगों की भी काफी संख्या है।

इनके जीवन पर भी जीन का प्रभाव है लेकिन इनकी जीवनशैली बेहद नेचुरल है। यहां के लोग मांस-मछलियों का सेवन बिल्कुल न के बराबर करते हैं। ये अपनी डाइट (Blue Zone Diet) में 95 प्रतिशत प्लांट बेस्ड फूड लेते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यही इनकी लंबी आयु का राज है। ब्लू जोन में रहने वाले लोगों की एक और खासबात है। यहां के लोगों को क्रोनिक डिजीज जैसे कि मोटापा, हार्ट डिजीज, डाइटबिटीज, अर्थराइटिस आदि रोग नहीं होते।

ब्लू जोन के लोगों की डाइट – diet of blue zone people

ब्लू जोन में रहने वाले लोगों में क्रॉनिक बीमारियां लगभग न के बराबर ही लोगों को प्रभावित करती है। यहां के लोग स्वच्छ पर्यावरण में रहते हैं। इसके अलावा प्राकृतिक अनाज, फल और सब्जियों पर निर्भर रहते हैं। यहां इन संसाधनों की कमी भी नहीं है। यहां के लोग कलरफुल हरी सब्जियों को प्रमुखता से अपनी डाइट (Blue Zone Diet)  में शामिल करते हैं। भोजन को बेहद सिंपल तरीके से खाते हैं। इनके पास फलीदार सब्जियों की कोई कमी नहीं होती। मुख्य भोजन के तौर पर ये लोग साबूत अनाज का उपयोग करते हैं।

एनसीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक साबुत अनाज आंत में होने वाले कैंसर और हृदय रोग से रक्षा करता है। ताजे फल भी इनकी डाइट  का एक अहम हिस्सा होता है। इसके अलावा ये लोग ड्राई फ्रूट्स में बादाम, अखरोट, पिस्ता को अपने आहार में शामिल करते हैं। फलों में सेब, संतरे, एवोकाडो, स्ट्रॉबेरी का भरपूर मात्रा में सेवन करते हैं। वहीं एनिमल प्रोडक्ट, जैसे मांस-मछलियों का ये लोग बहुत ही कम सेवन करते हैं।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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