Delhi Aiims में स्थापित होगा डॉ. एस रामचन्द्रन चेयर
नई दिल्ली। दिल्ली एम्स (Delhi Aiims) में न्यूरोसांइस क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान और अकादमिक उत्कृष्ठा की उन्नति के लिए भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के पूर्व सचिव डॉ. एस रामचन्द्रन की पत्नी भामा रामचंद्रन ने उदारतापूर्वक 2 करोड रुपए दान दिए हैं।
यह दान एम्स (Delhi Aiims) एंडोमेंट फंड में किया गया है। इस योगदान का उद्देश्य तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ावा देना और डॉ. एस. रामचंद्रन की स्मृति और विरासत का सम्मान करना है। इसका उपयोग अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स, नई दिल्ली में “न्यूरोसाइंसेज के लिए डॉ. एस. रामचंद्रन चेयर” की स्थापना के लिए किया जाएगा।
जानिए कौन थे डॉ. एस रामचंद्रन

प्रतिष्ठित भारतीय वैज्ञानिक डॉ. एस. रामचंद्रन ने भारत सरकार के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने वर्ष 1986 में सचिव के रूप में कार्य किया। भारतीय विज्ञान में उनके अद्वितीय योगदान ने उन्हें 2011 में प्रतिष्ठित पद्म भूषण पुरस्कार दिलाया। डॉ. रामचन्द्रन के मार्गदर्शन ने प्रमुख भारतीय संस्थानों के अनगिनत वैज्ञानिकों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है और देश के वैज्ञानिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है।
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जल्द ही होगी नियुक्ति
एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए और इसके तहत एम्स एक खुली आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से भारतीय मूल के एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध प्रोफेसर को “डॉ. एस. रामचंद्रन चेयर ऑफ न्यूरोसाइंसेज” के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इसके अध्यक्ष का कार्यकाल 1 से 3 वर्ष का होगा और वह अनुदान द्वारा वित्त पोषित अनुसंधान और शैक्षणिक गतिविधियों की देखरेख करेंगे। यह अनुदान तंत्रिका विज्ञान में अनुसंधान को बढ़ावा देने सहित तंत्रिका विज्ञान से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का समर्थन करेगा।
इस अनुदान से कम से कम 2 पीएचडी और पोस्टडॉक्टरल छात्रों को भी लाभ होगा। एम्स मीडिया सेल की प्रभारी डॉ. रीमा दादा के मुताबिक भामा रामचंद्रन के इस उदार दान से एम्स में तंत्रिका विज्ञान अनुसंधान और अकादमिक गतिविधियों की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है। जिससे अंततः संकाय और छात्रों दोनों वैज्ञानिक समुदाय को लाभ होगा और डॉ. एस. रामचंद्रन की विरासत को आगे बढ़ाया जाएगा।
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