Delhi AIIMS में फेफड़ों की जांच न होने से टल रही ‘हार्ट सर्जरी’
Delhi AIIMS PFT Delay के कारण राजधानी दिल्ली के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल AIIMS में दिल के मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह बेहद हैरानी का विषय है कि समय के साथ मरीजों की सुविधाओं को बेहतर बनाने और उपचार में हाईटेक तकनीक अपनाने के दावों के बीच एम्स प्रशासन पिछले सात महीनों से फेफड़ों की कार्यक्षमता जांचने वाली PFT मशीन की तकनीकी समस्या (Delhi AIIMS PFT Delay) को दूर नहीं कर पा रहा है।
सवाल यह है कि क्या तकनीकी समस्या (Delhi AIIMS PFT Delay) वाकई इतनी जटिल है या इसमें किसी तरह की लापरवाही या उदासीनता भी आडे आ रही है? इस मशीन के ठप पडे होने से इसका सीधा असर उन मरीजों के स्वास्थ्य पर हो रहा है जो ओपन हार्ट सर्जरी (open heart surgery) कराकर रोगमुक्त होने की आश लगाए बैठे हैं।
Delhi AIIMS pft delay सिर्फ एक तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि हजारों मरीजों की उम्मीदों और स्वास्थ्य पर मंडराते खतरे का दूसरा नाम बन चुका है। एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi), जिसे देश का सबसे प्रतिष्ठित सरकारी अस्पताल माना जाता है, वहां सात महीनों से पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (PFT) मशीन बंद पड़ी है। इस वजह से हार्ट सर्जरी से पहले जरूरी माने जाने वाले टेस्ट के अभाव में मरीजों की सर्जरी की तारीखें लगातार टल रही हैं।
कई मरीज दूसरी इमारतों में चक्कर काट रहे हैं, तो कुछ को दो-दो महीने आगे की तारीखें मिल रही हैं। इसका असर न सिर्फ मरीजों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, बल्कि उनके आर्थिक और मानसिक हालात पर भी भारी बोझ बनता जा रहा है।
एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में ठप है जरूरी जांच मशीन
दिल्ली एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में मौजूद PFT मशीन बीते सात महीनों से खराब पड़ी है। यह मशीन हार्ट सर्जरी से पहले मरीजों के फेफड़ों की क्षमता जांचने के काम आती है। जब तक यह टेस्ट नहीं होता, तब तक सर्जरी की प्रक्रिया को आगे नहीं बढाया जा सकता है।
PFT यानी Pulmonary Function Test, फेफड़ों की ऑक्सीजन लेने और छोड़ने की क्षमता की जांच करता है। हार्ट सर्जरी से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी होता है कि मरीज का रेस्पिरेटरी सिस्टम सर्जरी के बाद पर्याप्त ऑक्सीजन सपोर्ट कर सके।
Delhi AIIMS PFT Delay : इलाज के लिए गोरखपुर से आया मरीज दिल्ली में फंसा
गोरखपुर निवासी विजय, जो कि अपने बेटे के साथ एम्स दिल्ली में भर्ती हैं, दो महीने से हार्ट सर्जरी की तारीख का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि,
“मेरे सभी ब्लड टेस्ट किए जा चुके हैं। ब्लड शैंपल और पैसे भी जमा कर दिए। लेकिन डॉक्टर ने कहा कि PFT रिपोर्ट लाओ। जब कार्डियोलॉजी विभाग में गए, तो पता चला मशीन सात महीने से खराब है।”
इसके बाद उन्हें RAK बिल्डिंग भेजा गया, जहां न सिर्फ फिर से ओपीडी कार्ड बनवाना पड़ा, बल्कि लंबी लाइन में लगने के बावजूद उन्हें जांच के लिए 21 अगस्त की तारीख दी गई।
Delhi AIIMS PFT Delay : विकल्प भी उतने ही तकलीफदेह
विजय को सलाह दी गई कि यदि जल्दी जांच करानी है, तो ट्रॉमा सेंटर (Trauma Center) जाकर रात भर लाइन में लगना होगा, जहां सुबह एक बस मरीजों को टेस्ट के लिए ले जाती है लेकिन न वहां रुकने की व्यवस्था थी, न ही कोई गारंटी कि जल्द जांच हो पाएगी।
किसकी लापरवाही और उदासीना का खामियाजा भुगत रहे हैं मरीज?
Delhi Aiims PFT Delay: 7 महीने से खराब मशीन, ऑपरेशन की तारीख को तरसते मरीज
Delhi AIIMS PFT Delay : विभागीय समन्वय की कमी
PFT मशीन के खराब होने पर मरीजों को पल्मोनोलॉजी विभाग (RAK बिल्डिंग) भेजा जाता है, लेकिन वहां फिर से ओपीडी प्रोसेस से गुजरना होता है। इससे मरीजों को कम से कम दो से तीन बार अतिरिक्त आना-जाना करना पड़ता है।
समय और खर्च की मार
दिल्ली जैसे महंगे शहर में बाहर से आए मरीजों को कई दिन ठहरना पड़ता है। ऐसे में किराया, दवा, जांच और खाने का खर्च बढ़ जाता है, जिससे गरीब मरीजों की कमर टूट जाती है।
Delhi AIIMS PFT Delay : क्या कहता है एम्स प्रशासन?
एम्स के जनसंपर्क विभाग की प्रमुख डॉ. रीमा दादा ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा,
प्रोफेसर रीमा दादा : “PFT मशीन जल्द ठीक कर दी जाएगी। उम्मीद है कि अगले कुछ हफ्तों में मरीजों को कार्डियोलॉजी विभाग में ही जांच की सुविधा मिलने लगेगी।”
हालांकि, इस वक्तव्य में स्पष्ट तारीख या वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई।
क्या यह तकनीकी नहीं, प्रबंधन की असफलता है?
एम्स जैसे संस्थानों में उपकरणों का सात महीने तक खराब रहना महज तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और प्रबंधन में कमी को उजागर करता है। देशभर से लाखों मरीज AIIMS पर भरोसा करते हैं, लेकिन ऐसी स्थितियों में उनका भरोसा डगमगाता है।
Delhi AIIMS PFT Delay : समाधान क्या हो सकते हैं?
खराब मशीनों की टाइमबाउंड मरम्मत योजना बनाई जाए
PFT जैसी अहम जांचों के लिए वैकल्पिक नेटवर्क विकसित किया जाए
RAK और कार्डियोलॉजी विभागों के बीच डेटा समन्वय स्थापित हो
ऐसे मरीजों को तत्काल इमरजेंसी स्लॉट मुहैया कराई जाए
जिज्ञाशा
Q1: PFT मशीन क्या है और यह क्यों जरूरी है?
PFT मशीन फेफड़ों की कार्यक्षमता जांचने वाली एक प्रमुख डिवाइस है। हार्ट सर्जरी से पहले यह जांच जरूरी होती है ताकि मरीज की रेस्पिरेटरी स्थिति का मूल्यांकन हो सके।
Q2: क्या PFT टेस्ट न होने से सर्जरी टल सकती है?
हां, जब तक यह टेस्ट (PFT) नहीं होता, डॉक्टर सर्जरी को आगे नहीं बढ़ाते, जिससे मरीज को ऑपरेशन की तारीख नहीं मिलती। ओपन हार्ट सर्जरी की सूरत में मरीज को अनिवार्य रूप से इस जांच प्रक्रिया से गुजरनी पडती है।
Q3: मरीज क्या विकल्प चुन सकते हैं?
वैकल्पिक रूप से वे सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) जा सकते हैं, लेकिन वहां लंबी लाइन और असुविधा का सामना करना पड़ता है।
अस्वीकरण (Disclaimer)
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