Disability Commissioner Delhi रिक्ति ने पैदा की असमंजस और चिंता
रिक्त पद से उत्पन्न समस्याएँ और कानूनी दबाव
NHRC की चेतावनी और High Court के निर्देश
Rights of Persons With Disabilities : रिक्त पद की वजह से क्या खो रहें हैं दिव्यांग?
- शिकायतों और न्यायिक मामलों के निस्तारण में देरी
- अधिनियम की क्रियान्वयन समिति और स्थानीय आयोगों की बैठकें रद्द
- सरकारी योजनाओं में disinfestation और हस्तक्षेप की कमी
May 2025 में हुए इंटरव्यू : बिना परिणाम के खत्म हुई उम्मीदें
Disability Commissioner Delhi : पूर्वांचल विचार मंच ने उठाया मुद्दा
ज्ञापन में क्या रहे मुख्य बिंदु?
- पिछले 10 दिनों से उपराज्यपाल से समय की मांग का कोई जवाब नहीं
- पद रिक्त रहने से विकलांग व्यक्तियों को न्याय की दुहाई तक अधिकार नहीं मिल पा रहे
- एक सप्ताह में कार्रवाई की मांग, कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
अगले कदम : क्या है आगे की रणनीति?
- एक हफ्ते की समय सीमा बीतने के बाद प्रदर्शन
- NHRC और Delhi High Court को पत्र भेजकर follow-up
- अदालत में PIL के माध्यम से सरकारी नीति की मांग
पूर्व दिव्यांगजन आयुक्त की राय

“देश की कुल आबादी का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा दिव्यांग व्यक्तियों का है। यह सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के सभी देशों के लिए सच है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली ने हमेशा दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए उन्हें बेहतर सुविधाएं और उपचार देने में अग्रणी भूमिका निभाई है।”“2020 से 2023 तक जब मैं राज्य दिव्यांग आयुक्त (SCPD) के पद पर रहा, उस दौरान कई सक्रिय और नए तरह की पहलें की गईं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि हजारों दिव्यांग व्यक्तियों की शिकायतों का गंभीरता से निवारण किया गया, जिससे उन्हें राहत और संतोष मिला।”“आज भी मुझे दिव्यांगजनों की कई शिकायतें मिलती हैं, और अपनी क्षमता के अनुसार मैं उनकी मदद करने की पूरी कोशिश करता हूं। लेकिन यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि इस तरह के संवेदनशील विभाग में फुल टाइम राज्य आयुक्त का पद खाली न रहे। मुझे उम्मीद है कि वर्तमान सरकार जल्द ही इस मामले पर उचित कार्रवाई करेगी।”– Air Cmde. Ranjan Mukherjee VSM IAF
Delhi SCPD Commissioner Duties : Disability Commissioner Delhi की नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण?
- Policy to People Bridge: यह पद नीतियों को धरातल पर लागू कर पाने का सबसे मजबूत माध्यम है।
- सामाजिक न्याय की गारंटी (How to complain disability commissioner delhi): दिव्यांगों को न्याय, शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के अधिकार दिलाना।
- न्यायिक आदेशों का पालन: NHRC और HC निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चत करना।
Disability Commissioner Delhi (FAQ) : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. दिल्ली में disability commissioner (SCPD) का कार्यकाल कितना होता है?
RPWD Rules, 2017 के मुताबिक, दिल्ली में disability commissioner का कार्यकाल आमतौर पर तीन वर्षों का होता है। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में यह अवधि सरकार द्वारा बढ़ाई या घटाई जा सकती है।
Q2. कौन व्यक्ति SCPD delhi Post लिए आवेदन कर सकता है?
SCPD पद के लिए वही व्यक्ति पात्र होता है जिसे दिव्यांगता मामलों में कम से कम 10 वर्षों का अनुभव हो और जो सरकारी या सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रूप से policy making या advocacy से जुड़ा रहा हो। इसके साथ ही, आवेदक का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है।
Q3. दिल्ली में दिव्यांग आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया क्या है?
SCPD की नियुक्ति दिल्ली सरकार द्वारा गठित चयन समिति के माध्यम से की जाती है। इस प्रक्रिया में आवेदनों की स्क्रीनिंग, इंटरव्यू, और सरकारी मंजूरी शामिल होती है। अंतिम नियुक्ति दिल्ली के Lieutenant Governor की स्वीकृति से होती है।
Q4. दिव्यांग आयुक्त delhi को किन अधिकारों और शक्तियों से लैस किया गया है?
SCPD को राज्य में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा के लिए अर्ध-न्यायिक (quasi-judicial) अधिकार प्राप्त होते हैं। वे शिकायतों की सुनवाई कर सकते हैं, सरकार को सिफारिशें दे सकते हैं, और RPWD Act, 2016 के तहत नीतिगत सुधारों की निगरानी कर सकते हैं।
Q5. अगर दिल्ली में disability commissioner का पद रिक्त हो तो दिव्यांगजन अपनी शिकायत कहां दर्ज करा सकते हैं?
यदि scpd का पद रिक्त हो तो दिव्यांगजन अपनी शिकायतें Chief Secretary, Government of Delhi, या National Commissioner for Persons with Disabilities (भारत सरकार के अंतर्गत) को भेज सकते हैं। इसके अलावा, वे NHRC (National Human Rights Commission) या दिल्ली हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर सकते हैं।