Injection Safety और ग्लूकोज इन्फ्यूजन (electrolyte infusion) की गुणवत्ता पर गहन जांच के बाद तत्काल बैन
Delhi Hospital Sterile Alert : जांच और परिणाम
जांच के कारण
Iron Injection Safety : परिणाम
- गुरु गोबिंद सिंह सरकारी अस्पताल व डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान में आयरन इंजेक्शन में एलर्जी (adverse drug reaction) पाया गया।
- जीबी पंत अस्पताल में 500 ml ग्लूकोज बैच में फंगस संक्रमण (fungus contaminated glucose) का पता चला।
IV infusion contamination : रोक के निर्देश
अस्पतालों को जारी निर्देश
बैच व एक्सपायरी स्टेटस
Patient Safety Implications
Iron Injection Safety : एलर्जी और फंगल संक्रमण का खतरा

अस्पतालों की जिम्मेदारी
- स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का पालन
- दवाओं की उचित स्टोरेज और हैंडलिंग सुनिश्चित करना
- क्वालिटी कंट्रोल के लिए रैंडम टेस्टिंग जारी रखना
Healthcare Regulation Impact
- मानक प्रक्रियाओं की समीक्षा
- दिल्ली सरकार की कार्रवाई Healthcare Sector में Sterile Standards पर चिंता जताती है। इसे और सख्त जांच व गुणवत्ता प्रोटोकॉल की आवश्यकता है।
पब्लिक ट्रस्ट और जवाबदेही
अगला कदम क्या होगा?
- दवाओं की विस्तृत जांच
- स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा National Institute of Biologicals या अन्य मान्यता प्राप्त लैब में संबंधित बैच की पेशेवर जांच कराई जाएगी।
Iron Injection Safety : विवादित बैच की रिकॉल
SOPs को सख्ती से लागू करना
उपयोगकर्ता के लिए सुझाव
- यदि आपने हाल ही में इन तीन अस्पतालों से आयरन इंजेक्शन या ग्लूकोज इन्फ्यूजन लिया है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- किसी भी संक्रमण या एलर्जी के लक्षण दिखें तो तुरंत इलाज कराएं।
- स्वास्थ्य विभाग से समय-समय पर जारी सही जानकारी प्राप्त करें।
निष्कर्ष
FAQ : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. आयरन इंजेक्शन से एलर्जी क्यों होती है?
आयरन इंजेक्शन से एलर्जी की संभावना तब बढ़ जाती है जब दवा की स्टरलिटी में कमी हो, प्री-एक्सिस्टिंग हाइपरसेंसिटिविटी हो या उपयोग किए गए स्टेबलाइजर और प्रिजर्वेटिव से रिएक्शन हो। इसके अलावा खराब स्टोरेज या तापमान नियंत्रण में कमी से भी दवा की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
Q2. फंगस संक्रमण आईवी ग्लूकोज में कैसे आता है?
फंगस संक्रमण तब होता है जब उत्पादन के दौरान या स्टोरेज के समय दवा में माइक्रोबियल कंटैमिनेशन हो जाए। अक्सर यह खराब सेनेटाइजेशन, पैकेजिंग दोष या लेबोरेटरी टेस्टिंग में लापरवाही के कारण होता है।
Q3. मरीजों को आयरन इंजेक्शन के विकल्प क्या हो सकते हैं?
जिन मरीजों को आयरन इंजेक्शन से एलर्जी का खतरा हो, उनके लिए ओरल आयरन सप्लीमेंट्स, फूड बेस्ड आयरन सोर्सेज या कुछ मामलों में आयरन सक्रोस और फेरिक कार्बोक्सीमाल्टोज जैसे वैकल्पिक इंजेक्शन उपयोग किए जा सकते हैं। विकल्प चयन से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।
Q4. ग्लूकोज इन्फ्यूजन में फंगल कंटैमिनेशन की पहचान मरीज कैसे कर सकता है?
ग्लूकोज इन्फ्यूजन लेने के बाद यदि मरीज को अचानक बुखार, ठंड लगना, त्वचा पर रैश, सांस लेने में तकलीफ या इंजेक्शन साइट पर लालिमा और सूजन महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह फंगल संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं।
Q5. दवाओं की गुणवत्ता की जांच के लिए दिल्ली सरकार की प्रक्रिया क्या है?
दिल्ली सरकार की दवा गुणवत्ता जांच प्रक्रिया में सैंपल कलेक्शन, प्रयोगशाला में माइक्रोबायोलॉजिकल और केमिकल एनालिसिस, बैच नंबर वेरिफिकेशन और प्री-डिस्ट्रीब्यूशन क्वालिटी अप्रूवल शामिल होता है। गंभीर मामलों में राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं से पुनः परीक्षण कराया जाता है और आवश्यकता होने पर दवा बैच रिकॉल किया जाता है।