बुधवार, नवम्बर 19, 2025
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Lupus Cause EBV Virus : नई स्टडी में सामने आया लूपस का छुपा वायरल ट्रिगर

यह शोध इस बात को बेहद मजबूती से साबित करता है कि लूपस का इस वायरस से संबंध (lupus cause ebv virus) सिर्फ संयोग नहीं, बल्कि वास्तविक जैविक कड़ी है।

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🖊️ Edited by: Ankur Shukla

वैज्ञानिकों ने खोज निकाला ऑटोइम्यून बीमारी के पीछे की असली वजह

नई दिल्ली। Lupus Cause EBV Virus : ऑटोइम्यून बीमारी (autoimmune disease) लूपस (Lupus) के पीछे क्या कारण है, इस मिस्ट्री को Stanford University के वैज्ञानिकों ने सुलझा लेने का दावा किया है। वैज्ञानिकों की इस नई स्टडी (New Study) ने मेडिकल विज्ञान की दिशा बदल दी है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि एपस्टीन-बार वायरस (Epstein-Barr virus), जो लगभग हर वयस्क के शरीर में मौजूद होता है, वह कभी-कभी प्रतिरक्षा कोशिकाओं (B-cells) को इस तरह बदल देता है कि Systemic Lupus Erythematosus (SLE) की शुरुआत हो जाती है।
शोध के अनुसार, लूपस मरीजों में EBV-संक्रमित प्रतिरक्षा कोशिकाएं (B-cells) सामान्य लोगों के मुकाबले 25 गुना अधिक पाई गईं। यह शोध इस बात को बेहद मजबूती से साबित करता है कि लूपस का इस वायरस से संबंध (lupus cause ebv virus) सिर्फ संयोग नहीं, बल्कि वास्तविक जैविक कड़ी है।
इस खोज से भविष्य के इलाज, प्रिवेंशन और रोग की समझ तीनों क्षेत्रों में नए रास्ते खुल सकते हैं। इसी कारण यह अध्ययन विश्वभर के वैज्ञानिकों और मरीजों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

EBV क्या है और यह इतना आम क्यों है?

एपस्टीन-बार वायरस (Epstein-Barr virus) दुनिया के सबसे सामान्य वायरसों में एक है। अनुमान है कि 90–95% वयस्क जीवन में कभी न कभी इससे संक्रमित हो चुके होते हैं।

कई बार यह साधारण बुखार जैसा लगता है, जबकि कई मामलों में यह संक्रमण मोनोन्यूक्लियोसिस (Mononucleosis) का कारण भी बनता है, जिसे “किसिंग डिजीज” कहा जाता है। यह वायरस संक्रमित होने के बाद प्रतिरक्षा कोशिकाओं (B-cells) के भीतर निष्क्रिय (latent) रूप में छिप जाता है और दशकों तक वहीं बना रहता है।

आमतौर पर यह किसी नुकसान का कारण नहीं बनता, इसलिए लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते। लेकिन यह निष्क्रिय अवस्था वैज्ञानिकों के लिए लंबे समय से पहेली रही है।

अब यह समझ बढ़ रही है कि यही निष्क्रिय EBV कुछ व्यक्तियों में सक्रिय होकर प्रतिरक्षा प्रणाली को गलत दिशा में मोड़ सकता है और यही बदलाव आगे चलकर लूपस जैसी गंभीर बीमारी का प्रारम्भ बनता है। इसलिए लूपस का इस वायरस से संबंध (lupus cause ebv virus) चिकित्सा विज्ञान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

EBV-infected B-cells — तुलना
डेटा स्रोत: मूल रिपोर्ट के आँकड़े (सारांश)
श्रेणीEBV-संक्रमित B-cells अनुपात
स्वस्थ व्यक्ति1 में 10,000
लूपस मरीज1 में 400
वैज्ञानिकों के अनुसार लगभग 20 में से 19 अमेरिकियों में यह वायरस पाया जाता है और यह किशोरों व युवाओं में अक्सर मोनोन्यूक्लियोसिस (Mononucleosis) का कारण बनता है। शोध ने यह भी दिखाया कि वायरस कई बार प्रतिरक्षा कोशिकाएं (B-cells) में निष्क्रिय रूप से छिप जाता है।
स्वस्थ लोगों में EBV-संक्रमित प्रतिरक्षा कोशिकाओं का अनुपात बहुत कम होता है, जबकि लूपस मरीजों में यह अनुपात कई गुना अधिक पाया गया। जब आंकड़ों की तुलना करते हैं, तो लूपस के इस वायरस से संबंध (lupus cause ebv virus) की पुष्टि और मजबूत होती दिखती है, क्योंकि मरीजों में EBV-संक्रमित B-cells की संख्या स्पष्ट रूप से ऊपर थी।

Lupus Cause EBV Virus: नई स्टडी क्या बताती है?

नई स्टडी में यह पाया गया कि EBV-संक्रमित प्रतिरक्षा कोशिकाओं (B-cells) की संख्या स्वस्थ लोगों में लगभग 1 प्रति 10,000 कोशिकाएं होती है लेकिन लूपस मरीजों में यही संख्या 1 प्रति 400 तक पहुंच जाती है। यह अंतर इतना अधिक है कि इसे सिर्फ संयोग नहीं कहा जा सकता।
शोध में उपयोग किए गए जीन-विश्लेषण मॉडलों से पता चला कि वायरस इन B-cells में EBNA2 नामक वायरल प्रोटीन (EBNA2 protein) सक्रिय कर देता है, जो कोशिकाओं के जीन को बदलकर सूजनकारी प्रतिक्रिया शुरू करता है। यह सूजन प्रतिरक्षा प्रणाली को भ्रमित कर स्वस्थ ऊतकों पर हमला करवाती है।
इसी प्रक्रिया को देखकर वैज्ञानिकों ने कहा कि लूपस का इस वायरस से संबंध (lupus cause ebv virus)  प्रत्यक्ष और जैविक है। यानी, EBV संक्रमित कोशिकाएं धीरे-धीरे शरीर को अपनी ही कोशिकाओं के खिलाफ खड़ा कर देती हैं, और लूपस की शुरुआत इसी ट्रिगर से होती है।
अध्ययन में खास
  • latent (निष्क्रिय) EBV उस B-cell में EBNA2 नामक वायरल प्रोटीन को सक्रिय कर देता है।
  • जिससे वह कोशिका जीन-स्तर पर बदलकर सूजनकारक व्यवहार दिखाने लगती है।
  • यही बदलाव अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाओं को गलत संकेत भेजते हुए स्वस्थ ऊतकों पर हमले का कारण बनता है।
– वरिष्ठ शोधकर्ता प्रोफेसर William Robinson
लूपस क्या है और यह शरीर को कैसे नुकसान पहुंचाता है?
लूपस एक क्रॉनिक ऑटोइम्यून रोग है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वस्थ कोशिकाओं और अंगों पर हमला करती है। यह बीमारी शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकती है ( जैसे त्वचा, जोड़, गुर्दे, हृदय, फेफड़े और तंत्रिका तंत्र)। लक्षणों में अत्यधिक थकान, लगातार joint pain, चेहरे पर तितली के आकार के दाने, बालों का झड़ना और बुखार शामिल हैं।
दुनिया भर में लगभग 90% लूपस मरीज महिलाएं होती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि हार्मोनल अंतर, आनुवंशिक कारण और वायरस-संक्रमित प्रतिरक्षा कोशिकाएं (B-cells) मिलकर रोग की शुरुआत करते हैं।
नई स्टडी बताती है कि EBV-संक्रमित कोशिकाओं में होने वाली सूजनकारी गतिविधि इस रोग के मुख्य कारणों में शामिल है। इसलिए लूपस का इस वायरस से संबंध (lupus cause ebv virus) उजागर हो जाने से यह समझने में मदद मिलेगी कि लूपस क्यों और कैसे शुरू होता है। इससे डॉक्टरों और शोधकर्ताओं को बीमारी की जड़ तक पहुंचने का नया रास्ता मिला है।

EBV संक्रमित B-cells में बदलाव कैसे होता है?

EBV संक्रमित प्रतिरक्षा कोशिकाएं (B-cells) अंदर ही अंदर धीरे-धीरे बदलने लगती हैं। वायरस इन कोशिकाओं में EBNA2 जैसे महत्वपूर्ण वायरल प्रोटीन (EBNA2 protein) सक्रिय करता है। यह प्रोटीन कोशिका के जीन को प्रभावित करके उसे सामान्य एंटीबॉडी बनाने की प्रक्रिया से हटाकर सूजन पैदा करने वाला बना देता है।
चूंकि B-cells प्रतिरक्षा प्रणाली की नींव होती हैं, इसलिए उनका सूजनकारी रूप में बदलना पूरे immune system को गलत दिशा में धकेल देता है।
ये बदली हुई कोशिकाएं अपने आसपास की अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाओं को भी गलत संकेत भेजने लगती हैं, जिससे पूरा immune system स्वस्थ कोशिकाओं को बाहरी दुश्मन मानकर उन पर हमला करता है। यही प्रक्रिया लूपस के शुरुआती चरण को जन्म देती है। इस तरह लूपस का इस वायरस के साथ संबंध (lupus cause ebv virus) लूपस की molecular-level व्याख्या प्रदान करता है।

Lupus Cause EBV Virus: भविष्य के इलाज की दिशा

इस नई खोज ने लूपस के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव की संभावना पैदा कर दी है। चूंकि EBV-संक्रमित प्रतिरक्षा कोशिकाएं (B-cells) ही रोग की शुरुआत में मुख्य भूमिका निभाती हैं, इसलिए वैज्ञानिक अब ऐसे इलाज की तलाश में हैं जो इन B-cells को लक्ष्य बनाकर बीमारी को जड़ से कमजोर कर सके।
इसी दिशा में “ultradeep B-cell depletion” एक नई रणनीति है, जिसमें शरीर की सभी B-cells को अस्थायी रूप से हटाया जाता है ताकि शरीर बाद में नई, EBV-रहित कोशिकाएं बना सके।
यह तरीका अभी शोध चरण में है, लेकिन शुरुआती परिणाम उत्साहजनक हैं। यदि यह रणनीति सफल रहती है, तो पहली बार लूपस का disease-modifying उपचार संभव हो सकेगा। इसके अलावा EBV-विशिष्ट वैक्सीन, antiviral दवाएं और genetic therapies पर भी काम चल रहा है।
 

अन्य बीमारियों के पीछे कारणों को समझने में मिलेगी मदद

लूपस पैदा करने वाले जिस वायरस (lupus cause ebv virus) के बारे में पता चला है, उसका संबंध सिर्फ लूपस तक ही सीमित नहीं है, बल्कि Multiple Sclerosis और Rheumatoid Arthritis जैसी अन्य बीमारियों में भी EBV की भूमिका पर नया शोध शुरू हो चुका है।
वैज्ञानिक उम्मीद कर रहे हैं कि लूपस को ट्रिगर करने वाले वायरस का पता चलने से लूपस जैसी बीमारियों की असली वजह तक पहुंचने में मदद मिल सकती है। जब बीमारी की वजह का पता चल जाता है तो उसके प्रभावी उपचार को तैयार करना आसान हो जाता है।

बांकि है अभी सबसे बड़ा सवाल

यदि EBV इतना सामान्य है तो क्यों केवल कुछ ही लोग लूपस से प्रभावित होते हैं? शोधकर्ता यही सोचते हैं कि इसका कारण वायरस के विशिष्ट स्ट्रेन, हो सकता है कि संक्रमित B-cells की संख्या में असाधारण वृद्धि, और व्यक्ति की आनुवंशिक या हार्मोनल संवेदनशीलता का संयोजन हो सकता है।

Lupus Cause EBV Virus : अब कुछ ऐसा सोच रहे हैं वैज्ञानिक

वैज्ञानिकों का विचार है कि संक्रमण व्यापक है पर लूपस-उत्पत्ति के लिए कुछ विशेष परिस्थितियां चाहिएं इसलिए वैज्ञानिक अभी यह भी देखते हैं कि यदि प्रारंभिक चरणों में उन्हीं EBV-संक्रमित B-cells को टार्गेट कर दिया जाए तो लूपस की शुरुआत रोकी जा सकती है।
इस संभावना को देखते हुए लुपस के साथ इस वायरस के संबंध (lupus cause ebv virus) की खोज इलाज और रोकथाम दोनों के लिए निर्णायक मार्गदर्शक बन सकती है।

निष्कर्ष

इस नई वैज्ञानिक रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि lupus cause ebv virus यह केवल एक संभावना नहीं, बल्कि एक वास्तविक जैविक प्रक्रिया है। EBV-संक्रमित प्रतिरक्षा कोशिकाओं (B-cells) का पुन:प्रोग्राम होना और सूजनकारी गतिविधि शुरू होना लूपस के मूल कारणों में शामिल है।
इस खोज ने न केवल बीमारी की समझ को गहरा किया है बल्कि नए उपचारों और वैक्सीन विकास की दिशा भी खोल दी है।

जिज्ञासा

अस्वीकरण (Disclaimer)


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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Kavya Singh
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Kavya Singh: Blending Poetry with Journalism, Flavor with Stories : Kavya Singh is not just a journalist she's a storyteller who weaves facts with feelings and sprinkles creativity into everything she writes. With dual degrees in Journalism and Home Science, Kavya brings a rare blend of sharp narrative skills and deep cultural understanding to the world of feature writing.While most journalists chase the conventional beats of politics or crime, Kavya follows a road less traveled feature journalism. She believes that the most meaningful stories are found not in headlines but in the everyday rhythm of life.
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