Autoimmune Disease जिसमें UV Rays से बढता है Joint Pain
Joint Pain In Lupus, disease causes joint pain due to exposure to sunlight : सूरज की किरणें (Sun rays) कई बीमारियों का इलाज (cure diseases) है। इससे हमें विटामिन डी (vitamin D) जैसे जरूरी पोषण (Essential Nutrition) भी प्राप्त होते हैं।
सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से किसी को जोडों में दर्द (Can exposure to sunlight cause joint pain?) हो सकता है। जी, ऐसा बिल्कुल हो सकता है। एक ऐसी बीमारी है, जिसमें सूरज की किरणों में मौजूद अल्ट्रा वायलट किरणों के संपर्क में आने से जोडों में दर्द (Joint pain due to exposure to ultraviolet rays) बढ जाता है। इस बीमारी का नाम ल्यूपस (Lupus) है।
ऑटोइम्यून कंडीशन है ल्यूपस
Lupus is an autoimmune condition
यह एक ऑटोइम्यून कंडिशन है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) अपने ही हेल्दी सेल्स पर अटैक करने लगती है। जिसकी वजह से महत्वपूर्ण अंगों (vital organs) को क्षति पहुंचने लगती है। जिसमें ज्वाइंट के बीच मौजूद सेल्स भी होते हैं।
Joint Pain In Lupus: धूप के संपर्क में आने से इस बीमारी में होता है जोडों में दर्द
ल्यूपस (Lupus) शरीर के लगभग सभी हिस्सों को प्रभावित करता है। इसमें स्किन रैशेज (Skin Rashes), थकान (Tiredness), बुखार (Fever), ग्लैंड्स में सूजन (Swollen glands), सीने में दर्द (Chest pain), वजन का अचानक कम होना (Sudden loss of weight) आदि समस्याएं शामिल हैं। हम यहां आपको यह बताने जा रहे हैं कि ल्यूपस में जोडों में दर्द क्यों होता है और इसे मैनेज कैसे किया जा सकता है।
आखिर क्यों होता है ल्यूपस में क्यों होता है जोड़ों का दर्द?
What causes joint pain in lupus?
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली जब जोडों के बीच मौजूद सेल्स पर हमला करती है, जब इन सेल्स में सूजन (inflammation in cells) पैदा होती है। जिसके कारण ल्यूपस से प्रभावित मरीज को जोडों में असहनीय दर्द (Unbearable joint pain in lupus) महसूस होता है।
ल्यूपस के मरीजों के ज्वाइंट लाइनिंग में सूजन (inflammation of the joint lining) आ जाती है। ल्यूपस के कारण अर्थराइटिस (Arthritis) और आर्थ्राल्जिया (Arthralgia) भी हो सकती है। ये दोनों ही समस्या जोडों से संबंधित होते हैं। इसमें हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।
कैसे पता करें कि यह दर्द ल्यूपस का है
How To Know If Joint Pain Is Lupus In Hindi
ल्यूपस से संबंधित ज्वाइंट पेन (Lupus-Related Joint Pain) के साथ अकडन (stiffness) भी होती है। इस कंडीशन में मूवमेंट प्रभावित होती है। मरीज का हिलना और चलना-फिरना भी मुश्किल हो सकता है। इसका दर्द अक्सर सुबह उठने के बाद ज्यादा महसूस हो सकता है।
ठीक इसी तरह सोने के दौरान भी ल्यूपस में होने वाला ज्वाइंट पेन (Joint pain in lupus) प्रभावित कर सकता है। कई मरीजों में दर्द से प्रभावित ज्वाइंट लाल भी हो सकता है। जिसे छूने से पेन होता है। ल्यूपस के लक्षण (Symptoms of Lupus) काफी हदतक एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) से भी मिलते-जुलते हैं। यह भी एक ऑटोइम्यून कंडिशन (Autoimmune Condition) है।
ल्यूपस में जोड़ों के दर्द को कैसे मैनेज करें
Tips To Manage Joint Pain In Lupus In Hindi
ल्यूपस में ज्वाइंट पेन के लिए नियमित एक्सरसाइज करें
Exercise regularly to reduce joint pain in lupus
इस ऑटोइम्यून कंडिशन (Autoimmune Condition) को कोई स्थाई और प्रभावी उपचार नहीं है। हालांकि, इसके लक्षणों को प्रबंधित कर मरीज के जीवन की गुणवत्ता (Quality of life) को बेहतर बनाई जा सकती है।
इसमें चिकित्सक की निगरानी में नियमित रूप से दवा लेनी पडती है और नियमित एक्सरसाइज (Regular Exercise) से ज्वाइंट में होने वाले स्टिफनेस और पेन (Stiffness and pain in the joints) को मैनेज (Manage) करने में मदद मिलती है।
ल्यूपस की वजह से होने वाले असहनीय ज्वाइंट पेन में राहत (Relief in joint pain) के लिए चिकित्सक ठंडी गर्म सिकाई (hot cold therapy) करने के लिए भी कहते हैं।
इसके लिए हीटिंग पैड (Heating Pad) का इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं आइस पैक (ice pack) की मदद से भी दर्द प्रभावित जोडों की ठंडी सिकाई कर सकते हैं। हालांकि, यह ज्वाइंट पेन का स्थाई उपचार नहीं होता है लेकिन इन उपायों की मदद से मरीज को फौरी तौर पर आराम मिल सकता है।
धूप के संपर्क में आने से बचें
Avoid exposure to sunlight
सूरज की किरणों में मौजूद यूवी रेज (UV Rays) के संपर्क में आने से बचें क्योंकि रेज के संपर्क में आने से जोडों का दर्द (Joint Pain) बढ सकता है। इससे कई ल्यूपस मरीजों (Lupus Patients) की स्थिति अचानक बिगड भी सकती है। ऐसे में डॉक्टर जितना हो सके यूवी रेज के संपर्क (exposure to uv rays) में आने से बचने के लिए कहते हैं। बाहर जाने के दौरान यूवी प्रोटेक्टेड कपडे (UV protected clothing) पहनकर निकलें। इससे यूवी किरणों के संपर्क में आने से बचाव (protection from exposure to UV rays) होता है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण:caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट
Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.