दिल्ली में मानसिक रोगियों के लिए बड़ी राहत, अब मिलेगा सम्मानजनक इलाज और न्याय
जानिए क्या है Mental Health Authority?
क्या होगा प्राधिकरण का काम?
🧠 अस्पतालों की निगरानी और रजिस्ट्रेशन
- दिल्ली में संचालित सभी मानसिक अस्पतालों, क्लीनिकों और पुनर्वास केंद्रों को Delhi Mental Health Authority के पास रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
- इलाज के तरीकों, डॉक्टरों की योग्यता और मरीजों की सुरक्षा की जांच की जाएगी।
🛡 मरीजों के अधिकारों की रक्षा
- मानसिक रोगियों को जबरन भर्ती करने, बिना जानकारी के दवा देने या अपमानजनक व्यवहार जैसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- Mental health rights in India के तहत हर मरीज को इलाज का विकल्प चुनने का अधिकार होगा।
👥 रिव्यू बोर्ड का गठन
- यह बोर्ड मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित शिकायतों की सुनवाई करेगा।
- इसमें मनोचिकित्सक, समाजसेवी, मरीज प्रतिनिधि और मानवाधिकार विशेषज्ञ शामिल होंगे।
7 साल की देरी: आखिर क्यों?
2017 में कानून, लेकिन अब 2025 में जागी सरकार
कोर्ट की फटकार बनी वजह
Mental Health Authority: कौन होंगे इस प्राधिकरण में?
Delhi Mental Health Authority के सदस्यों की संरचना
- ✔️ रजिस्टर्ड मनोचिकित्सक (Psychiatrist)
- ✔️ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट (Psychologist)
- ✔️ मानसिक स्वास्थ्य नर्स (Mental Health Nurse)
- ✔️ मानसिक स्वास्थ्य सामाजिक कार्यकर्ता (Social Worker)
- ✔️ मानवाधिकार कार्यकर्ता
- ✔️ विधि विशेषज्ञ
- ✔️ दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी
दिल्ली के लिए क्यों जरूरी था ये प्राधिकरण?

1. बढ़ती मानसिक बीमारियां
2. लापरवाही के बढ़ते मामले
3. लोकल अस्पतालों की कमी
दिल्ली की जनता को इससे क्या लाभ?
- ✅ उचित इलाज, समय पर और मानवता के साथ
- ✅ लापरवाह डॉक्टरों और संस्थानों पर कार्रवाई
- ✅ शिकायत दर्ज कराने की कानूनी व्यवस्था
- ✅ मुफ्त या रियायती इलाज के लिए गाइडलाइन
- ✅ मानसिक बीमारियों को लेकर जागरूकता अभियान
अब आगे क्या होगा?
दिल्ली सरकार की तरफ से इस प्राधिकरण की अधिसूचना जल्द जारी होने वाली है। माना जा रहा है कि अगस्त 2025 तक यह प्राधिकरण सक्रिय रूप से कार्य शुरू कर देगा।
साथ ही, सरकार की योजना है कि दिल्ली (Delhi) में mental health board की मदद से जिला स्तर पर भी मरीजों के अधिकार सुनिश्चित किए जाएं।
🧠 दिल्ली में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति
📊 मानसिक रोगियों की संख्या
- दिल्ली में 13.6% वयस्क मानसिक बीमारियों से पीड़ित (NMHS 2016)
- 2021 में अनुमानित जनसंख्या: 2 करोड़ (Statista)
- कुल मानसिक रोगियों का अनुमान: 27 लाख
💀 आत्महत्या से जुड़ी स्थिति (दिल्ली)
- कुल आत्महत्याएं (2022): 2,586
- पुरुष: 1,839
- महिलाएं: 747
- ➡️ पुरुषों की आत्महत्या दर महिलाओं से अधिक
⚠️ आत्महत्या की प्रमुख वजहें
- मानसिक अवसाद (Depression)
- पारिवारिक तनाव
- बेरोजगारी
- नशे की लत
- रिश्तों में टूटन
जिज्ञासा
Q1. क्या मानसिक रोगियों के लिए अब अलग से बोर्ड होगा?
हां, Delhi Mental Health Authority के तहत एक स्वतंत्र रिव्यू बोर्ड भी बनेगा।
Q2. क्या सभी अस्पतालों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा?
जी हां, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सभी संस्थाओं को प्राधिकरण में पंजीकरण अनिवार्य होगा।
Q3. यह प्राधिकरण कब तक काम शुरू करेगा?
सरकार की योजना अगस्त 2025 से इसकी सक्रियता की है।
Q4. इसमें किस तरह के विशेषज्ञ होंगे?
Psychiatrists, Psychologists, Nurses, और Social Workers सहित 11 सदस्य होंगे।