मंगलवार, जुलाई 29, 2025
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Mental Health Authority: दिल्ली में 7 वर्षों बाद स्वास्थ्य अधिकारों की वापसी

Delhi Mental Health Authority के गठन से न केवल इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि मानसिक रोगियों को उनके अधिकार (Rights of mentally challenged people) भी मिलेंगे, जो अब तक केवल कानूनों में लिखे रह गए थे।

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दिल्ली में मानसिक रोगियों के लिए बड़ी राहत, अब मिलेगा सम्मानजनक इलाज और न्याय

Mental Health Authority : दिल्ली (Delhi) में मानसिक स्वास्थ्य संकट (Mental health crisis) से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। Mental Health Authority की स्थापना की प्रक्रिया अब दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने औपचारिक रूप से शुरू कर दी है।
इस प्राधिकरण (Delhi Mental Health Authority) के गठन से न केवल इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि मानसिक रोगियों को उनके अधिकार (Rights of mentally challenged people) भी मिलेंगे, जो अब तक केवल कानूनों में लिखे रह गए थे।

जानिए क्या है Mental Health Authority?

mental health authority का उद्देश्य है दिल्ली (Delhi) के सभी मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों (mental health institutions) की निगरानी करना, मरीजों को सम्मानजनक और वैज्ञानिक इलाज दिलाना, और किसी भी प्रकार की लापरवाही या शोषण के मामलों में कानूनी कार्रवाई की व्यवस्था करना।
यह प्राधिकरण मानसिक रोगियों के अधिकारों की रक्षा करेगा, निजी और सरकारी अस्पतालों व क्लीनिकों को लाइसेंस देगा, और एक स्वतंत्र रिव्यू बोर्ड (Independent Review Board) गठित करेगा ताकि शिकायतों का निष्पक्ष समाधान हो सके।
इस पहल की सबसे खास बात यह है कि अब मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के लिए समर्पित विशेषज्ञों की एक स्थायी, संस्थागत व्यवस्था बनेगी जो जनता और सरकार दोनों के लिए जवाबदेह होगी।
 

क्या होगा प्राधिकरण का काम?

🧠 अस्पतालों की निगरानी और रजिस्ट्रेशन

  • दिल्ली में संचालित सभी मानसिक अस्पतालों, क्लीनिकों और पुनर्वास केंद्रों को Delhi Mental Health Authority के पास रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
  • इलाज के तरीकों, डॉक्टरों की योग्यता और मरीजों की सुरक्षा की जांच की जाएगी।

🛡 मरीजों के अधिकारों की रक्षा

  • मानसिक रोगियों को जबरन भर्ती करने, बिना जानकारी के दवा देने या अपमानजनक व्यवहार जैसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  • Mental health rights in India के तहत हर मरीज को इलाज का विकल्प चुनने का अधिकार होगा।

👥 रिव्यू बोर्ड का गठन

  • यह बोर्ड मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित शिकायतों की सुनवाई करेगा।
  • इसमें मनोचिकित्सक, समाजसेवी, मरीज प्रतिनिधि और मानवाधिकार विशेषज्ञ शामिल होंगे।

7 साल की देरी: आखिर क्यों?

 2017 में कानून, लेकिन अब 2025 में जागी सरकार

भारत सरकार ने Mental Healthcare Act 2017 के तहत हर राज्य को अपना मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण गठित करने का आदेश दिया था। लेकिन दिल्ली सरकार ने इस पर 7 साल तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

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कोर्ट की फटकार बनी वजह

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा कि “मरीजों के अधिकारों की रक्षा करना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है” जिसके बाद अब जाकर यह प्रक्रिया शुरू हुई है।

Mental Health Authority: कौन होंगे इस प्राधिकरण में?

सरकार ने 11 सदस्यों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं, जिनमें ये शामिल होंगे:

Delhi Mental Health Authority के सदस्यों की संरचना

  • ✔️ रजिस्टर्ड मनोचिकित्सक (Psychiatrist)
  • ✔️ क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट (Psychologist)
  • ✔️ मानसिक स्वास्थ्य नर्स (Mental Health Nurse)
  • ✔️ मानसिक स्वास्थ्य सामाजिक कार्यकर्ता (Social Worker)
  • ✔️ मानवाधिकार कार्यकर्ता
  • ✔️ विधि विशेषज्ञ
  • ✔️ दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी

दिल्ली के लिए क्यों जरूरी था ये प्राधिकरण?

Mental Health Authority: दिल्ली में 7 वर्षों बाद स्वास्थ्य अधिकारों की वापसी
 दिल्ली में 7 वर्षों बाद स्वास्थ्य अधिकारों की वापसी

1. बढ़ती मानसिक बीमारियां

COVID-19 के बाद दिल्ली में डिप्रेशन, एंग्जायटी और PTSD के मामलों में तेज़ बढ़ोतरी हुई है।

2. लापरवाही के बढ़ते मामले

कई निजी क्लीनिकों पर बिना अनुमति भर्ती करने और गलत दवाएं देने के मामले सामने आए थे, लेकिन निगरानी तंत्र न होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।

3. लोकल अस्पतालों की कमी

दिल्ली के कई इलाकों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं, खासकर पूर्वी और दक्षिणी जिलों में। delhi mental health crisis को हल करने के लिए प्राधिकरण जरूरी था।
 

दिल्ली की जनता को इससे क्या लाभ?

  • ✅ उचित इलाज, समय पर और मानवता के साथ
  • ✅ लापरवाह डॉक्टरों और संस्थानों पर कार्रवाई
  • ✅ शिकायत दर्ज कराने की कानूनी व्यवस्था
  • ✅ मुफ्त या रियायती इलाज के लिए गाइडलाइन
  • ✅ मानसिक बीमारियों को लेकर जागरूकता अभियान

अब आगे क्या होगा?

दिल्ली सरकार की तरफ से इस प्राधिकरण की अधिसूचना जल्द जारी होने वाली है। माना जा रहा है कि अगस्त 2025 तक यह प्राधिकरण सक्रिय रूप से कार्य शुरू कर देगा।
साथ ही, सरकार की योजना है कि दिल्ली (Delhi) में mental health board की मदद से जिला स्तर पर भी मरीजों के अधिकार सुनिश्चित किए जाएं।


🧠 दिल्ली में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति

📊 मानसिक रोगियों की संख्या

  • दिल्ली में 13.6% वयस्क मानसिक बीमारियों से पीड़ित (NMHS 2016)
  • 2021 में अनुमानित जनसंख्या: 2 करोड़ (Statista)
  • कुल मानसिक रोगियों का अनुमान: 27 लाख
स्रोत: NIMHANS (2016), Statista

💀 आत्महत्या से जुड़ी स्थिति (दिल्ली)

  • कुल आत्महत्याएं (2022): 2,586
  • पुरुष: 1,839
  • महिलाएं: 747
  • ➡️ पुरुषों की आत्महत्या दर महिलाओं से अधिक
स्रोत: NCRB Report 2022

⚠️ आत्महत्या की प्रमुख वजहें

  • मानसिक अवसाद (Depression)
  • पारिवारिक तनाव
  • बेरोजगारी
  • नशे की लत
  • रिश्तों में टूटन
विशेषज्ञों के अनुसार, 30–40% आत्महत्याएं मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी होती हैं।

जिज्ञासा

Q1. क्या मानसिक रोगियों के लिए अब अलग से बोर्ड होगा?

हां, Delhi Mental Health Authority के तहत एक स्वतंत्र रिव्यू बोर्ड भी बनेगा।

Q2. क्या सभी अस्पतालों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा?

जी हां, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सभी संस्थाओं को प्राधिकरण में पंजीकरण अनिवार्य होगा।

Q3. यह प्राधिकरण कब तक काम शुरू करेगा?

सरकार की योजना अगस्त 2025 से इसकी सक्रियता की है।

Q4. इसमें किस तरह के विशेषज्ञ होंगे?

Psychiatrists, Psychologists, Nurses, और Social Workers सहित 11 सदस्य होंगे।

अस्वीकरण (Disclaimer)


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

 caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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Ankur Shukla
Ankur Shuklahttps://caasindia.in
Ankur Shukla: The Journalist Who Strikes a Chord with Words and MusicWith over 13 years of rich experience in journalism, Ankur Shukla has carved a niche for himself as a trusted senior journalist, having served with distinction in several leading dailies. His in-depth reporting, especially on the health beat, has earned him prestigious honors like the Indraprastha Gaurav Award and the Swami Vivekananda Award and many more.But Ankur’s talents go far beyond the newsroom. A passionate Indian classical vocalist and a skilled sitar player he effortlessly blends the art of storytelling with the soul of music. And beyond pen and performance, he wears yet another hat — that of a committed social contributor, working actively for the welfare of autoimmune disease patients across the country.
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