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Road Safety Training : प्रयागराज पुलिस के 48 अफसरों को जीवन रक्षक BTLS प्रशिक्षण

यह प्रशिक्षण Prayagraj में हुआ, जिसमें डिप्टी कमिश्नर ट्रैफिक नीरज कुमार पांडेय, A.D.C.P कुलदीप सिंह समेत संस्थान की टीम मौजूद रही।

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सड़क हादसों में समय रहते बचाई जाएंगी जानें

प्रयागराज। Road Safety Training : साल 2023 में भारत ने करीब1,72,000 सड़क हादसों में मौतें देखीं, यह चिंता का विषय है और नीति निर्माताओं के लिए चुनौती भी। उत्तर प्रदेश सबसे आगे है इस सूची में, जहां पिछले साल 23,652 मौतें हुईं। यदि Prayagraj जिले की बात करें, तो साल 2023 में यहां 582 लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवा बैठे। स्थिति गंभीर है और बदलाव के लिए ठोस कदम जरूरी हैं।

Jeevan Rakshak और Zero Fatality District

SaveLIFE Foundation ने पुलिस, Tata AIG और प्रशासन के साथ मिलकर ‘जीवन रक्षक’ कार्यक्रम के अंतर्गत BTLS ट्रेनिंग (Road Safety Training) आयोजित की। यह प्रशिक्षण Prayagraj में हुआ, जिसमें डिप्टी कमिश्नर ट्रैफिक नीरज कुमार पांडेय, A.D.C.P कुलदीप सिंह समेत संस्थान की टीम मौजूद रही। Tata AIG ने CSR के तहत आर्थिक और तकनीकी सहयोग दिया, जिससे प्रशिक्षण का स्तर बेहद पेशेवर रहा।

Road Safety Training : हादसे में प्राथमिक उपचार बनता है संजीवनी

भारत में अधिकांश हादसों में प्राथमिक उपचार न मिलने से कई जिंदगियां असमय चली जाती हैं। BTLS ट्रेनिंग का लक्ष्य यही है कि पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचते ही CPR, bleeding control, C-spine सुरक्षा जैसी लाइफ सेविंग तकनीकों से शुरुआती उपचार दें, ताकि एंबुलेंस के आने तक पीड़ित की जान बच सके।

Road Safety Training : BTLS कोर्स में पुलिस ने कैसे सीखी जीवन रक्षा

  • हृदय-गति रुकने पर तुरंत CPR देना
  • तेज रक्तस्राव रोकना
  • गर्दन की चोट या C-spine को स्थिर करना
  • सांस लेने में दिक्कत, choking जैसी स्थिति पहचानना और आवश्यक हस्तक्षेप करना
  • ‘Good Samaritan Law’ की समझ ताकि मददगार कानूनी झंझट से बचें
  • घटना स्थल की सुरक्षा और शुरुआती आंकलन का तरीका

BTLS ट्रेनिंग में सिखाया गया

  • घटनास्थल सुरक्षित करना : पुलिस पीड़ित के आसपास की भीड़ नियंत्रित करके खुद को और पीड़ित को खतरे से बचाते हैं।
  • पीड़ित का त्वरित आंकलन करना : सांस, रक्तस्राव, होश की स्थिति की जांच।
    त्वरित प्रतिक्रिया – Emergency Medical Services को कॉल करना।
  • Immediate First Aid शुरू करना : CPR, bleeding control, airway management, c-spine immobilisation।
  • सही संवाद करना :  पीड़ित व आसपास वालों को भरोसा दिलाना।
    Good Samaritan Protocol अपनाना : ध्यान रखना कि मददगार की सुरक्षा और हौसला बना रहे।
  • Ambulance आने तक पीड़ित का ध्यान रखना : पीडित की मूवमेंट सीमित रखना, एग्जिट पॉइंट खाली करवाना, जरूरत पड़े तो बार-बार vitals चेक करना।

उत्तर प्रदेश सड़क हादसे के आंकड़े (2023-24)

वर्षकुल सड़क दुर्घटनाएंकुल मौतें
202344,53423,652
202446,05224,118

स्रोत – भारत सरकार सड़क रिपोर्ट

Zero Fatality District (ZFD) : प्रयागराज का मॉडल

ZFD प्रोग्राम के तहत प्रयागराज में सड़क सुरक्षा की चार फिल्ड्स (4E)—Engineering, Emergency Care, Enforcement, Education को समेकित करके स्थान विशेष पर दुर्घटनाओं का गहन विश्लेषण और हल निकाला जाता है। प्रशिक्षण (Road Safety Training) सिर्फ आंकड़ों पर नहीं, बल्कि स्थानीय पुलिस की जरूरतों पर आधारित होता है।

“पुलिसकर्मियों को BTLS ट्रेनिंग देने से वे किसी भी गंभीर सड़क हादसे का सामना करने के लिए तैयार हो गए हैं। प्रथम प्रतिक्रिया के स्तर पर ये स्किल्स कई जिंदगियों को बचा सकती हैं।”

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— कुलदीप सिंह,

Additional Deputy Commissioner of Police, Prayagraj

Good Samaritan Law : रक्षक को रक्षा

Good Samaritan Law का फायदा पीड़ित के साथ-साथ मदद करने वाले को भी मिलता है। भारत के न्याय तंत्र ने राहगीरों और पुलिस के लिए कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित की है, वे बिना डर के घायल को सहायता दें। BTLS प्रशिक्षण (Road Safety Training) में इस कानून के बारे में विस्तार से बताया गया है ताकि पुलिस कर्मियों का भरोसा बढ़े।

“सड़क हादसे के बाद हर मिनट कीमती है। यदि पहला रेस्पॉन्डर प्रशिक्षित हो, तो मृत्युदर में बड़ी गिरावट संभव है।”

— पियूष तेवारी, CEO, SaveLIFE Foundation

Road Safety Training : प्रशिक्षण का राष्ट्रीय प्रभाव

  • 26,000+ पुलिस व नागरिकों को राष्ट्रव्यापी ट्रेनिंग 
  • दिल्ली पुलिस ने SaveLIFE के सहयोग से सड़क हादसों में 2012–2017 के दौरान 30% मृत्यु दर कम की
  • Good Samaritan Law लागू कराने के लिए पंचायत, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग के बीच साझेदारी
  • रोड क्रैश हॉटस्पॉट्स पर इंटरवेंशन और डेटा आधारित रणनीति ने मॉडल जिला तैयार किए

“Tata AIG का उद्देश्य सिर्फ इंश्योरेंस देना नहीं बल्कि समुदाय को सुरक्षा प्रशिक्षण देकर जीवन रक्षा तक पहुंचाना है।”

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— सौरभ मेनी, Sr. Executive VP, Tata AIG

अनुभव : पुलिसकर्मियों की नजर से

BTLS प्रशिक्षण लेने वाले अधिकारी कहते हैं, “पहले घटनास्थल पर पहुंचकर खुद को असहाय महसूस करते थे, अब ट्रॉमा के मामलों में आत्मविश्वास बढ़ा है। CPR, bleeding control और कानूनी दिशा-निर्देश से पूरी पुलिस टीम पहले से बेहद बेहतर रेस्पॉन्स दे पा रही है।”

जिज्ञासा

Q1. Road Safety Training के तहत BTLS क्या है?

BTLS यानी Basic Trauma Life Support ट्रेनिंग है जो सड़क हादसे में पीड़ित को कानूनी, प्राथमिक और मेडिकल मदद देना सिखाती है।

Q2. इस प्रशिक्षण का Prayagraj में क्यों आयोजन हुआ?

क्योंकि प्रयागराज सड़क हादसों के मामले में उत्तर प्रदेश के संवेदनशील जिलों में है, यहां पुलिस को रिजर्व मोड से एक्टिव फर्स्ट रेस्पॉन्डर बनाने की जरूरत थी।

Q3. BTLS कोर्स में कितने अफसरों को ट्रेन किया गया?

कुल 48 पुलिसकर्मियों को BTLS का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।

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Q4. Road safety training से जिले में क्या बदलाव आया?

प्रशिक्षित पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचकर पीड़ित के लिए मेडिकल फर्स्ट एड उपलब्ध करवा पा रहे हैं, इससे मृत्युदर में गिरावट संभव है।

Q5. क्या Good Samaritan Law का पालन जरूरी है?

बिल्कुल; हर पुलिस कर्मी और राहगीर को इसका ज्ञान और पालन जरूरी किया गया है ताकि कानूनी झंझट न हो।

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Caas India Web Team
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