सड़क हादसों में समय रहते बचाई जाएंगी जानें
Jeevan Rakshak और Zero Fatality District
Road Safety Training : हादसे में प्राथमिक उपचार बनता है संजीवनी
Road Safety Training : BTLS कोर्स में पुलिस ने कैसे सीखी जीवन रक्षा
- हृदय-गति रुकने पर तुरंत CPR देना
- तेज रक्तस्राव रोकना
- गर्दन की चोट या C-spine को स्थिर करना
- सांस लेने में दिक्कत, choking जैसी स्थिति पहचानना और आवश्यक हस्तक्षेप करना
- ‘Good Samaritan Law’ की समझ ताकि मददगार कानूनी झंझट से बचें
- घटना स्थल की सुरक्षा और शुरुआती आंकलन का तरीका
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BTLS ट्रेनिंग में सिखाया गया
- घटनास्थल सुरक्षित करना : पुलिस पीड़ित के आसपास की भीड़ नियंत्रित करके खुद को और पीड़ित को खतरे से बचाते हैं।
- पीड़ित का त्वरित आंकलन करना : सांस, रक्तस्राव, होश की स्थिति की जांच।
त्वरित प्रतिक्रिया – Emergency Medical Services को कॉल करना। - Immediate First Aid शुरू करना : CPR, bleeding control, airway management, c-spine immobilisation।
- सही संवाद करना : पीड़ित व आसपास वालों को भरोसा दिलाना।
Good Samaritan Protocol अपनाना : ध्यान रखना कि मददगार की सुरक्षा और हौसला बना रहे। - Ambulance आने तक पीड़ित का ध्यान रखना : पीडित की मूवमेंट सीमित रखना, एग्जिट पॉइंट खाली करवाना, जरूरत पड़े तो बार-बार vitals चेक करना।
उत्तर प्रदेश सड़क हादसे के आंकड़े (2023-24)
स्रोत – भारत सरकार सड़क रिपोर्ट
Zero Fatality District (ZFD) : प्रयागराज का मॉडल
ZFD प्रोग्राम के तहत प्रयागराज में सड़क सुरक्षा की चार फिल्ड्स (4E)—Engineering, Emergency Care, Enforcement, Education को समेकित करके स्थान विशेष पर दुर्घटनाओं का गहन विश्लेषण और हल निकाला जाता है। प्रशिक्षण (Road Safety Training) सिर्फ आंकड़ों पर नहीं, बल्कि स्थानीय पुलिस की जरूरतों पर आधारित होता है।
“पुलिसकर्मियों को BTLS ट्रेनिंग देने से वे किसी भी गंभीर सड़क हादसे का सामना करने के लिए तैयार हो गए हैं। प्रथम प्रतिक्रिया के स्तर पर ये स्किल्स कई जिंदगियों को बचा सकती हैं।”
— कुलदीप सिंह,
Additional Deputy Commissioner of Police, Prayagraj
Good Samaritan Law : रक्षक को रक्षा
Good Samaritan Law का फायदा पीड़ित के साथ-साथ मदद करने वाले को भी मिलता है। भारत के न्याय तंत्र ने राहगीरों और पुलिस के लिए कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित की है, वे बिना डर के घायल को सहायता दें। BTLS प्रशिक्षण (Road Safety Training) में इस कानून के बारे में विस्तार से बताया गया है ताकि पुलिस कर्मियों का भरोसा बढ़े।
“सड़क हादसे के बाद हर मिनट कीमती है। यदि पहला रेस्पॉन्डर प्रशिक्षित हो, तो मृत्युदर में बड़ी गिरावट संभव है।”
— पियूष तेवारी, CEO, SaveLIFE Foundation
Road Safety Training : प्रशिक्षण का राष्ट्रीय प्रभाव
- 26,000+ पुलिस व नागरिकों को राष्ट्रव्यापी ट्रेनिंग
- दिल्ली पुलिस ने SaveLIFE के सहयोग से सड़क हादसों में 2012–2017 के दौरान 30% मृत्यु दर कम की
- Good Samaritan Law लागू कराने के लिए पंचायत, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग के बीच साझेदारी
- रोड क्रैश हॉटस्पॉट्स पर इंटरवेंशन और डेटा आधारित रणनीति ने मॉडल जिला तैयार किए
“Tata AIG का उद्देश्य सिर्फ इंश्योरेंस देना नहीं बल्कि समुदाय को सुरक्षा प्रशिक्षण देकर जीवन रक्षा तक पहुंचाना है।”
— सौरभ मेनी, Sr. Executive VP, Tata AIG
अनुभव : पुलिसकर्मियों की नजर से
जिज्ञासा
Q1. Road Safety Training के तहत BTLS क्या है?
BTLS यानी Basic Trauma Life Support ट्रेनिंग है जो सड़क हादसे में पीड़ित को कानूनी, प्राथमिक और मेडिकल मदद देना सिखाती है।
Q2. इस प्रशिक्षण का Prayagraj में क्यों आयोजन हुआ?
क्योंकि प्रयागराज सड़क हादसों के मामले में उत्तर प्रदेश के संवेदनशील जिलों में है, यहां पुलिस को रिजर्व मोड से एक्टिव फर्स्ट रेस्पॉन्डर बनाने की जरूरत थी।
Q3. BTLS कोर्स में कितने अफसरों को ट्रेन किया गया?
कुल 48 पुलिसकर्मियों को BTLS का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
Q4. Road safety training से जिले में क्या बदलाव आया?
प्रशिक्षित पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचकर पीड़ित के लिए मेडिकल फर्स्ट एड उपलब्ध करवा पा रहे हैं, इससे मृत्युदर में गिरावट संभव है।
Q5. क्या Good Samaritan Law का पालन जरूरी है?
बिल्कुल; हर पुलिस कर्मी और राहगीर को इसका ज्ञान और पालन जरूरी किया गया है ताकि कानूनी झंझट न हो।




