रविवार, जून 29, 2025
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Heatwave Diseases: गर्मी में बीमारियाँ क्यों बढ़ती हैं और कैसे बचें?

हाल के अध्ययनों से पता चला है कि हीटवेव रोगों की संख्या (Number of heatwave diseases) में वृद्धि होती है।

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Heatwave Diseases : कैसे बढ़ती हैं बीमारियाँ गर्मियों में? जानिए वैज्ञानिकों की राय, जोखिम के आंकड़े और जरूरी बचाव उपाय।

हीटवेव (Heatwave Diseases), जिसे आमतौर पर ‘लू’ कहा जाता है, भारत में एक गंभीर और बढ़ती हुई समस्या बन गई है। जलवायु परिवर्तन (Climate change), शहरीकरण (Urbanization) और बढ़ते तापमान (Rising Temperatures) के कारण हीटवेव की तीव्रता और आवृत्ति (Intensity and frequency of heatwaves) में वृद्धि हुई है,
 
जिससे स्वास्थ्य (Health), पर्यावरण (Environment) और सामाजिक संरचनाओं (Social structures) पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
 

वैज्ञानिक दृष्टिकोण: हीटवेव और रोगों का संबंध (Heatwaves and Diseases)

हाल के अध्ययनों से पता चला है कि हीटवेव रोगों की संख्या (Number of heatwave diseases) में वृद्धि होती है। उच्च तापमान (High temperature) और उमस (Humidity) के कारण शरीर की थर्मोरेगुलेशन प्रणाली (thermoregulation system) प्रभावित होती है,
 
जिससे हीट स्ट्रोक (Heat Stroke), डिहाइड्रेशन (Dehydration), हृदयाघात (Heart attack), ब्रेन हैमरेज (Brain Haemorrhage) और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेष रूप से बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और पहले से बीमार लोग अधिक संवेदनशील (Sensitive) होते हैं।
 

Heatwave Diseases: आंकड़े और प्रभाव

Heatwave Diseases: गर्मी में बीमारियाँ क्यों बढ़ती हैं और कैसे बचें?
Heatwave Diseases: गर्मी में बीमारियाँ क्यों बढ़ती हैं और कैसे बचें?
  • 2024 में, भारत में हीटवेव के कारण 700 से अधिक मौतें दर्ज की गईं, और 40,000 से अधिक संदिग्ध हीटस्ट्रोक के मामले (Heatstroke cases) सामने आए।
  • भारत में पिछले 50 वर्षों में हीटवेव के कारण 17,000 से अधिक लोगों की जान गई है।
  • साइंस डायरेक्ट (Science Direct) में प्रकाशित एक अध्ययन (Study) के अनुसार, हीटवेव के कारण दैनिक मृत्यु दर (Daily mortality rate due to heatwave) में 12.2% की वृद्धि होती है।

हीटवेव के प्रकार और उनका प्रभाव

एक अध्ययन के अनुसार, भारत में ‘अत्यधिक’ (उच्च तापमान, कम आर्द्रता) और oppressive’ (उच्च तापमान, उच्च आर्द्रता) हीटवेव दोनों की frequency बढ़ रही है, जिसमें उत्पीड़क हीटवेव का प्रभाव (impact of extreme heatwave) अधिक घातक होता है।

हीटवेव के नकारात्मक प्रभाव

भारत में हीटवेव के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं (Health Problems Due to Heatwave) बढ़ रही हैं। 2024 में, मार्च से मई के बीच, देश में 16,344 संदिग्ध हीटस्ट्रोक के मामले सामने आए, जिनमें से 60 लोगों की मौत हुई।
 
विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक गर्मी (Extreme heat) से डिहाइड्रेशन, हीटस्ट्रोक, हृदय संबंधी समस्याएं, और सांस की बीमारियां जैसे अस्थमा (Asthma) और सीओपीडी (COPD) की स्थिति बिगड़ सकती है।
 
इसके अलावा, हीटवेव के कारण महिलाओं में मृत्यु दर (Mortality among women due to heatwaves) अधिक पाई गई है, जो सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों और ठंडक के साधनों की कमी से जुड़ी हो सकती है।
 

नियंत्रित गर्मी का संभावित लाभ

कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि सीमित और नियंत्रित गर्मी का संपर्क शरीर के लिए लाभकारी हो सकता है।
 
उदाहरण के लिए, सॉना (sauna bath) या गर्म पानी के स्नान के दौरान शरीर में हीट शॉक प्रोटीन (HSPs) का उत्पादन होता है, जो कोशिकाओं (Cells) की मरम्मत में मदद करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) को मजबूत बनाते हैं।
 
ये प्रोटीन न्यूरोलॉजिकल बीमारियों (neurological diseases) जैसे अल्जाइमर और पार्किंसंस (Alzheimer’s and Parkinson’s) की प्रगति को धीमा कर सकते हैं।
 
हालांकि, यह लाभ तभी संभव है जब गर्मी का संपर्क सीमित समय और नियंत्रित तापमान (Controlled Temperature) (40°C से 60°C) के भीतर हो, और व्यक्ति अच्छी तरह से हाइड्रेटेड (Hydrated) हो। pre-existing health problems वाले व्यक्तियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

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Heatwave Diseases:  बच्चों और संवेदनशील समूहों पर प्रभाव

यूनिसेफ की रिपोर्ट (UNICEF report) के अनुसार, 2050 तक लगभग दो बिलियन (2 billion) बच्चे हीटवेव के उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों (Areas at high risk of heatwaves) में रहेंगे।
 
बच्चों की इम्यूनिटी (immunity of children) कमजोर होने के कारण वे हीट स्ट्रेस (Heat Stress), एलर्जी (Allergies), अस्थमा, हृदय रोग, अल्पपोषण (Undernutrition) और दस्त (Diarrhea) जैसी बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
 

शहरीकरण और हीटवेव

शहरों में तेजी से हो रहे निर्माण कार्य (construction work), हरित क्षेत्रों की कमी (Lack of green areas) और कंक्रीट संरचनाओं (Concrete Structures) के कारण ‘अर्बन हीट आइलैंड’ प्रभाव (The ‘Urban Heat Island’ Effect) उत्पन्न होता है, जिससे शहरी क्षेत्रों का तापमान (Temperature of urban areas) ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में 4-5 डिग्री अधिक हो जाता है।
 

Heatwave Diseases: हीटवेव से बचाव के उपाय

Heatwave Diseases: गर्मी में बीमारियाँ क्यों बढ़ती हैं और कैसे बचें?
Heatwave Diseases: गर्मी में बीमारियाँ क्यों बढ़ती हैं और कैसे बचें?
हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, भले ही प्यास न लगी हो। ओआरएस (ORS), नींबू पानी, लस्सी, छाछ और फलों के रस का सेवन करें।
कपड़े: हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े (cotton fabric) पहनें। बाहर निकलते समय छाता, टोपी और चश्मा पहनें।
खानपान: तेल-मसाले और तले-भुने भोजन से बचें। हल्का और ताजा भोजन करें।
 समय का चयन: दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें।
 विशेष ध्यान: बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।
 

निष्कर्ष

हीटवेव (Heatwave) एक गंभीर स्वास्थ्य संकट (serious health crisis) बनता जा रहा है, जिसका प्रभाव समाज के सभी वर्गों पर पड़ रहा है। इससे निपटने के लिए व्यक्तिगत सावधानियों के साथ सरकारी और सामाजिक स्तर पर भी ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
 
जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने, हरित क्षेत्रों को बढ़ावा देने और जनजागरूकता फैलाने से ही हम इस संकट का सामना कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

 

Q1: What are heatwave diseases? हीटवेव डिजीजेज क्या होती हैं?

Heatwave diseases include heatstroke, dehydration, sunburn, and respiratory or cardiovascular problems that arise due to extreme heat. हीटवेव डिजीजेज में हीटस्ट्रोक, पानी की कमी, सनबर्न और सांस व हृदय संबंधी दिक्कतें शामिल होती हैं जो अत्यधिक गर्मी के कारण होती हैं।

Q2: Who is most at risk during a heatwave? हीटवेव के दौरान सबसे अधिक जोखिम में कौन होता है?

Elderly, children, pregnant women, and people with chronic diseases are most vulnerable. बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और पुराने रोगों से ग्रस्त लोग सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं।

Q3: How can I protect myself from heatwave diseases? मैं हीटवेव की बीमारियों से खुद को कैसे बचा सकता/सकती हूँ?

Stay hydrated, avoid going out between 12–3 PM, wear light cotton clothes, and eat fresh food. पानी अधिक पिएं, दोपहर 12 से 3 बजे तक बाहर न निकलें, हल्के सूती कपड़े पहनें और ताजा भोजन करें।

Q4: Can heatwaves cause death? क्या हीटवेव मौत का कारण बन सकती है?

Yes, severe heatwaves can lead to fatal heatstroke and organ failure, especially without timely medical help. हाँ, गंभीर हीटवेव हीटस्ट्रोक और अंग विफलता जैसी घातक स्थितियाँ पैदा कर सकती हैं यदि समय पर इलाज न मिले।

अस्वीकरण (Disclaimer)


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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Ankur Shukla
Ankur Shuklahttps://caasindia.in
Ankur Shukla: The Journalist Who Strikes a Chord with Words and MusicWith over 13 years of rich experience in journalism, Ankur Shukla has carved a niche for himself as a trusted senior journalist, having served with distinction in several leading dailies. His in-depth reporting, especially on the health beat, has earned him prestigious honors like the Indraprastha Gaurav Award and the Swami Vivekananda Award and many more.But Ankur’s talents go far beyond the newsroom. A passionate Indian classical vocalist and a skilled sitar player he effortlessly blends the art of storytelling with the soul of music. And beyond pen and performance, he wears yet another hat — that of a committed social contributor, working actively for the welfare of autoimmune disease patients across the country.
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