Edited By: Ankur Shukla
अस्पताल के अंदर स्मार्ट, शोर-मुक्त नेविगेशन की सुविधा शुरू
नई दिल्ली। AIIMS New Delhi ने AI और IoT आधारित इंडोर नेविगेशन ऐप AIIMS Disha मोबाइल ऐप पेश किया है। जिसका उद्देश्य मरीजों, आगंतुकों और अस्पताल स्टाफ का रास्ता आसान बनाना है। बड़े अस्पतालों में सटीक दिशानिर्देश की कमी से अक्सर लोग भटकते और परेशान होते हैं। AIIMS Disha बीएलई (BLE) बीकन, स्मार्ट मैप और AI राउटिंग का उपयोग कर रियल-टाइम टर्न-बाय-टर्न मार्गदर्शन देता है ताकि OPD, लैब, फार्मेसी या बिलिंग काउंटर तक बिना तनाव पहुँचा जा सके।
क्यों AIIMS Disha अलग है (Problem it solves)
बड़े अस्पतालों में दिशा-भ्रम (wayfinding) के कारण मरीजों और तीमारदारों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पडता है। अपॉइंटमेंट मिस होना, देर से पहुँचना, रिसेप्शन के पास कंस्ट्रेशन और स्टाफ-ओवरलोड। AIIMS Disha इन समस्याओं को लक्षित करती है।
इससे न केवल मरीजों की चिंता घटेगी बल्कि अस्पताल की संचालन क्षमता भी बढ़ेगी। AIIMS ने पहले भी अस्पताल-स्तरीय नेविगेशन लागू करने की योजना पर काम किया है। ऐसे कदम स्वास्थ्य संस्थानों में मरीज-सेंट्रिक सर्विसेज की दिशा को गति देने वाली साबित होती है।
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Key Features (विस्तृत)
टर्न-बाय-टर्न नेविगेशन (Turn-by-turn navigation)
एप्स में मल्टी-लैंग्वेज वॉइस गाइड और विजुअल टर्न इंडिकेटर होंगे ताकि नेत्रहीन या उम्रदराज यूजर्स भी सहज मार्गदर्शन पा सकें। व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं के लिए कस्टम रूट का विकल्प उपलब्ध है — मतलब लिफ्ट, रैम्प और कम स्टेप वाले रास्तों को प्राथमिकता दी जाएगी।
बहु-मंजिल और बहु-भवन रूटिंग (Multi-floor & multi-building routing)
एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग तक का मार्ग, फ्लोर-स्विच और शेड्यूल्ड क्लीनिंग/कंस्ट्रक्शन ज़ोन को ध्यान में रख कर रूट बदलने की क्षमता।
भीड़ प्रवाह प्रबंधन और लाइव हीटमैप (Crowd flow management & live heatmaps)
रीयल-टाइम कलेक्टेड लोकेशन डेटा से भीड़ के प्रवाह का ग्राफिकल चित्र रियल-टाइम हिटमैप में दिखेगा। प्रशासन bottlenecks कम करने के लिए इसका उपयोग कर सकेगा। (ऐसा फीचर कई हॉस्पिटल-INS/नेविगेशन सिस्टम में आम है)।
AIIMS Disha APP कैसे काम करता है
- मैप डाउनलोड / इनिशियल सेटअप: उपयोगकर्ता ऐप डाउनलोड कर लेता है; पहली बार आने पर आवश्यक फ्लोर-मैप्स और बेसिक डेटा (ऑफलाइन मोड के लिए) कैश हो जाता है।
- लोकेशन पिनिंग (BLE Beacons): अस्पताल में रखे BLE बीकन लगातार सिग्नल भेजते हैं; मोबाइल डिवाइस सिग्नल-शक्ति के आधार पर कमरे-स्तर लोकेशन निर्धारित करता है।
- यूजर-इनपुट: यूजर अपना लक्ष्य चुनता है। डॉक्टर का नाम, OPD रूम, लैब, फार्मेसी या बिलिंग।
- AI रूट-कैल्कुलेशन: AI एल्गोरिद्म उपयोगकर्ता की वर्तमान लोकेशन, भीड़, रूट की पहुँच-योग्यता और उपयोगकर्ता प्राथमिकताओं (व्हीलचेयर आदि) को देखते हुए सबसे उपयुक्त मार्ग निकालता है।
- टर्न-बाय-टर्न निर्देश: ऐप वाइज़ुअल पथ और वॉइस निर्देश देता है; कियोस्क पर भी यही निर्देश स्क्रीन/टच के माध्यम से मिलते हैं।
- लाइव अपडेट: यदि कोई मार्ग ब्लॉक हो या अधिक भीड़ हो, तो सिस्टम ऑटोमैटिक वैकल्पिक मार्ग सुझा देता है और प्रशासन को अलर्ट कर सकता है।
किसे कैसे फायदा होगा?
मरीज और आगंतुक
- आत्म-विश्वास और तनाव में कमी; जल्दी व सटीक पहुँच।
- विशेष जरूरत वाले मरीजों के लिए उपयुक्त रूट (व्हीलचेयर, कम वॉकिंग)।
अस्पताल संचालन
- हेल्पडेस्क पर लोड में कमी — अधिक ऑपरेशनल एफिशिएंसी।
- भीड़ प्रबंधन और पिक्स ऑवर्स में ट्रैफिक-रूटिंग से समय की बचत।
स्टाफ
- दिशा-निर्देश देने में लगने वाला समय घटेगा; क्लीन-केयर और क्लिनिकल कार्यों पर अधिक फोकस।
सुरक्षा और प्राइवेसी का ध्यान
AIIMS Disha जैसे सिस्टम में लोकेशन-डेटा संवेदनशील हो सकता है। इसलिए डिजाइन में प्राइवेसी-फर्स्ट पॉलिसी, डेटा एन्क्रिप्शन और व्यक्तिगत पहचान से अलग-अल्गोरिदमिक-डेटा-संग्रह आवश्यक है। ऐप स्टोर्स पर उपलब्ध लिस्टिंग में बुनियादी विवरण मिलते हैं; विस्तृत प्राइवेसी पॉलिसी और डेटा-रिटेंशन नियम AIIMS की आधिकारिक साइट/प्रेस-रिलीज़ में देखने योग्य होने चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
AIIMS Disha का उद्देश्य साफ है: अस्पताल के अंदर हर मरीज का रास्ता सरल, सुरक्षित और समयबद्ध बनाना। तकनीकी रूप से BLE बीकन, AI-राउटिंग और ऑफलाइन मैप्स जैसे घटक इसे व्यवहारिक और भरोसेमंद बनाते हैं। AIIMS ने यह पहल बड़े संस्थागत-हेल्थकेयर में डिजिटलीकरण और मरीज-केंद्रित सर्विसेज़ की दिशा में एक प्रभावी कदम के रूप में उठाई है।

