गुरूवार, जुलाई 24, 2025
होमNewsDelhiAIIMS TU Dresden Healthcare Collaboration: डिजिटल इलाज की दिशा में भारत-जर्मनी की...

AIIMS TU Dresden Healthcare Collaboration: डिजिटल इलाज की दिशा में भारत-जर्मनी की नई पहल

AIIMS दिल्ली के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास के नेतृत्व में 15 से 18 जुलाई को जर्मनी में हुई वर्कशॉप में यह सहयोग (AIIMS TU Dresden Healthcare Collaboration) औपचारिक रूप से शुरू किया गया।

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

Highlights

b2df6bbb7b1b8ed47e655d912d7deec2
Edited By: Ankur Shukla

Aiims Delhi Latest News : Translational Healthcare में India Germany Medical Innovation से इलाज होगा और भी आधुनिक

aiims tu dresden healthcare collaboration के तहत ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) और जर्मनी की ड्रेसडेन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के बीच एक ऐतिहासिक साझेदारी (aiims germany partnership) हुई है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं में इंजीनियरिंग और डिजिटल टेक्नोलॉजी को जोड़ते हुए एक ऐसा वैश्विक हेल्थकेयर मॉडल (aiims hospital digital treatment) बनाना है जो भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखे।
AIIMS दिल्ली के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास के नेतृत्व में 15 से 18 जुलाई को जर्मनी में हुई वर्कशॉप में यह सहयोग (AIIMS TU Dresden Healthcare Collaboration) औपचारिक रूप से शुरू किया गया। इसमें कार्डियोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, पेडियाट्रिक सर्जरी, रेडियो डायग्नोसिस और अन्य विभागों के प्रोफेसर शामिल हुए।

AIIMS TU Dresden Healthcare Collaboration: क्या है इस सहयोग का मकसद?

इस साझेदारी का उद्देश्य मात्र तकनीकी ज्ञान साझा करना नहीं, बल्कि हेल्थकेयर सिस्टम को भविष्य के लिए तैयार करना है। डॉ. श्रीनिवास के अनुसार,
 

डॉ. श्रीनिवास

डॉ. श्रीनिवास : “AIIMS का विश्वस्तरीय क्लीनिकल अनुभव और TU Dresden की इंजीनियरिंग विशेषज्ञता मिलकर एक ऐसा हेल्थ मॉडल बनाएंगे, जिसका लाभ सिर्फ भारत या जर्मनी नहीं, बल्कि पूरी दुनिया उठा सकेगी।”

डिजिटल तकनीक से क्लीनिकल इलाज में आएगा बदलाव

AIIMS TU Dresden Healthcare Collaboration: डिजिटल टेक्नोलॉजी का होगा गहरा समावेश

AIIMS TU Dresden Healthcare Collaboration: इस सहयोग के तहत दोनों संस्थान निम्नलिखित क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे:
  • ट्रांसलेशनल रिसर्च
  • शोध को प्रयोगशाला से निकालकर मरीज के बिस्तर तक लाने की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।

क्लीनिकल इंटीग्रेशन

डॉक्टर और इंजीनियर साथ मिलकर इलाज के हर चरण में तकनीक के समावेश की योजना बनाएंगे।

डिजिटल हेल्थ टूल्स

जैसे, एक्सटेंडेड रियलिटी (XR), रोबोटिक सर्जरी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और बिग डेटा एनालिटिक्स।

Also Read :

AI in clinical treatment: इलाज में होंगे बड़े इनोवेशन

AI और रोबोटिक्स से इलाज में सुधार

aiims tu dresden healthcare collaboration: डिजिटल इलाज की दिशा में भारत-जर्मनी की नई पहल
aiims tu dresden healthcare collaboration: डिजिटल इलाज की दिशा में भारत-जर्मनी की नई पहल (Symbolic image)
वर्कशॉप में सबसे अधिक चर्चा AI‑based diagnostics और रोबोटिक्स-इंटीग्रेटेड सर्जरी पर हुई। इससे सर्जरी की जटिलताओं को कम किया जा सकेगा, साथ ही रीयल टाइम में सटीक निर्णय लिए जा सकेंगे।

एक्सटेंडेड रियलिटी (XR) का क्लीनिकल उपयोग

  • डॉक्टरों ने बताया कि कैसे वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी की मदद से प्रशिक्षण, योजना और सर्जिकल प्रैक्टिस को और अधिक उन्नत किया जा सकता है।
  • (उदाहरण के लिए) रेडियोलॉजी में XR के माध्यम से 3D anatomical models तैयार कर मरीजों को बेहतर तरीके से समझाया जा सकता है।

India Germany Medical Innovation का वैश्विक महत्व

एकेडमिक + टेक + मेडिकल = ग्लोबल सॉल्यूशन

AIIMS और TU Dresden का यह सहयोग यह दर्शाता है कि जब एकेडमिया, क्लीनिकल मेडिसिन और इंजीनियरिंग मिलते हैं, तो कैसे वह स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव (aiims healthcare innovation) ला सकते हैं।

ग्लोबल स्केलेबिलिटी

 

प्रोफेसर रीमा दादा

प्रोफेसर रीमा दादा : “यह मॉडल इतना मजबूत है कि इसे ग्लोबली स्केल किया जा सकता है। यानी, इस शोध और तकनीक का उपयोग दुनिया के किसी भी अस्पताल में किया जा सकता है।”

15-18 जुलाई की वर्कशॉप में क्या हुआ?

इन विषयों पर की गई चर्चा

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल डायग्नोसिस से थैरेपी तक
  • एक्सटेंडेड रियलिटी का ट्रेंनिंग और सर्जरी में समावेश
  • रोबोटिक असिस्टेड सर्जरी का विस्तार
  • डेटा आधारित क्लीनिकल निर्णय प्रणाली
  • डिजिटल मेडिकल रिकॉर्ड्स का सुरक्षित उपयोग

AIIMS TU Dresden Healthcare Collaboration: कौन-कौन शामिल हुए?

AIIMS से इन प्रमुख विशेषज्ञों ने भाग लिया:
  • डॉ. एम श्रीनिवास – निदेशक
  • डॉ. संदीप अग्रवाल – एचओडी, पीडियाट्रिक सर्जरी
  • डॉ. नीतीश नायक – प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी
  • डॉ. एमडी रे – प्रोफेसर, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी
  • डॉ. अनीता धर – प्रोफेसर, सर्जिकल डिसिप्लिन
  • डॉ. कृतिका रंगराजन – एसोसिएट प्रोफेसर, रेडियो डायग्नोसिस

AIIMS TU Dresden Healthcare Collaboration: मरीजों को कैसे मिलेगा सीधा लाभ?

  • नई तकनीकों से इलाज में तेजी और सटीकता
  • AI-आधारित रिपोर्टिंग से बीमारियों की जल्द पहचान
  • रोबोटिक्स से जटिल सर्जरी में जोखिम की कमी
  • डिजिटल रिकॉर्ड्स से मरीजों की जानकारी अधिक सुरक्षित और सुलभ

दूरदराज इलाकों तक पहुंचेगा लाभ

AIIMS Digital healthcare innovation के माध्यम से यह टेक्नोलॉजी दूरदराज इलाकों में भी पहुंचाई जाएगी, जिससे वहां के मरीजों को भी वैश्विक स्तर की सुविधा मिलेगी।

AIIMS TU Dresden Healthcare Collaboration: क्या हैं चुनौतियां?

  • तकनीकी और नैतिक पहलू
  • डेटा प्राइवेसी का खतरा
  • AI मॉडल्स की सटीकता की जांच
  • डॉक्टरों और टेक्निशियनों के लिए नए ट्रेनिंग प्रोग्राम

निष्कर्ष

aiims tu dresden healthcare collaboration सिर्फ एक समझौता नहीं बल्कि हेल्थकेयर में भविष्य की दिशा तय करने वाला कदम है। इससे भारतीय स्वास्थ्य तंत्र में नई ऊर्जा का संचार होगा और जर्मन तकनीकी दक्षता से क्लीनिकल ट्रीटमेंट को ग्लोबल स्तर तक पहुंचाया जा सकेगा। यह साझेदारी आने वाले वर्षों में डिजिटल हेल्थकेयर का एक मजबूत स्तंभ बनकर उभरेगी।

जिज्ञाशा

Q1. AIIMS और जर्मनी की ड्रेसडेन यूनिवर्सिटी की साझेदारी (AIIMS collaboration) का उद्देश्य क्या है?

इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य हेल्थकेयर सिस्टम को भविष्य के लिए तैयार करना है, जिसमें AIIMS का क्लीनिकल अनुभव और ड्रेसडेन की तकनीकी विशेषज्ञता मिलकर मेडिकल इनोवेशन को आगे बढ़ाएंगे।

Q2. क्या इस सहयोग से मरीजों के इलाज में नई तकनीकों (AI in treatment) का इस्तेमाल होगा?

जी हां, इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत AI, रोबोटिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी जैसी उन्नत तकनीकों को मरीजों के इलाज में सीधे तौर पर इंटीग्रेट किया जाएगा।

Q3. AIIMS news 2025 : किन-किन विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जर्मनी वर्कशॉप में भाग लिया?

एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास समेत पीडियाट्रिक सर्जरी, कार्डियोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रेडियो डायग्नोसिस विभागों के सीनियर डॉक्टर्स ने इस वर्कशॉप में हिस्सा लिया।

Q4. क्या यह साझेदारी ग्लोबल हेल्थकेयर सिस्टम को भी प्रभावित करेगी?

बिल्कुल, इस पहल का मकसद केवल भारत और जर्मनी तक सीमित नहीं है; इसका लक्ष्य एक ऐसा ग्लोबल प्रोटोटाइप बनाना है जिससे दुनिया भर में हेल्थकेयर को बेहतर बनाया जा सके।

Q5. AIIMS इस साझेदारी से किन क्षेत्रों में तकनीकी उन्नति की योजना बना रहा है?

AIIMS डिजिटल डायग्नोसिस, ट्रांसलेशनल रिसर्च, क्लीनिकल इंटीग्रेशन और एडवांस थेरेपी जैसे क्षेत्रों में तकनीकी नवाचार (AIIMS health innovation) की दिशा में काम करेगा।

अस्वीकरण (Disclaimer)


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

 caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News, Breaking News, Autoimmune Disease News, Latest Research, Health Tips, Lifestyle Tips, Food Recipes on https://www.caasindia.in. caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Kavya Singh
Kavya Singhhttps://www.caasindia.in
Kavya Singh: Blending Poetry with Journalism, Flavor with Stories : Kavya Singh is not just a journalist she's a storyteller who weaves facts with feelings and sprinkles creativity into everything she writes. With dual degrees in Journalism and Home Science, Kavya brings a rare blend of sharp narrative skills and deep cultural understanding to the world of feature writing.While most journalists chase the conventional beats of politics or crime, Kavya follows a road less traveled feature journalism. She believes that the most meaningful stories are found not in headlines but in the everyday rhythm of life.
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Latest Article