शनिवार, जुलाई 26, 2025
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BSAH Coin Ingestion Child: खेल-खेल में निगल लिए 3 सिक्के, एसोफैगोस्कापी से बची जान

ज्यादातर सिक्के पेट तक पहुंचकर बिना किसी परेशानी के बाहर निकल जाते हैं लेकिन जब ये एसोफैगस में फंस जाएं, तो परेशानी हो सकती है।

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Edited By: Ankur Shukla

Baba Saheb Ambedkar Hospital Delhi : हरियाणा में 12‑साल के बच्चे ने निगली दो ₹5 और एक ₹10 सिक्का

BSAH Coin Ingestion Child की घटना बुधवार की सुबह हरियाणा (Haryana) के सोनीपत (Sonipat) में तब सामने आई जब एक 12‑साल के बच्चे ने खेल‑खेल में दो ₹5 और एक ₹10 का सिक्का निगल लिया। थोड़ी ही देर में खाने-पीने में तकलीफ हुई तो परिवार ने केला खिलाया। रात 11 बजे जब दर्द बढ़ गया, तो उसे रोहिणी (Rohini) के बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल (Baba Saheb Ambedkar Hospital Delhi) लाया गया।
एक्स‑रे से पता चला कि तीनों सिक्के उसकी एसोफैगस (खाने की नली) में फंसे हैं। अस्पताल (Baba Saheb Ambedkar Hospital Delhi) के ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पंकज कुमार की टीम ने एनेस्थीसिया के तहत एसोफैगोस्कापी प्रक्रिया (esophagoscopy procedure) कर सिक्के निकाल दिए। टीम में डा. अजय गुप्ता, डा. पंकज कुमार, डा. सरवनन व डा. दिव्यांशु शामिल रहे। लगभग 40 मिनट चली इस प्रक्रिया के बाद बच्‍चा पूरी तरह स्वस्थ हो गया है।

सिक्के निगलने पर क्या होता है? | Pediatric foreign body ingestion

  • बच्चों द्वारा सिक्के निगलना बहुत आम है। अमेरिका में वर्ष 2007 में 1,25,000 से अधिक विदेशी वस्तुओं की निगलने की रिपोर्टें हुईं, जिसमें अधिकांश केस सिक्के निगलने से जुड़ी थीं।
  • एक्स-रे से पता चलता है कि 37% केसों में foreign body खाने की नली में फंसा होता है, और सबसे आम वस्तु ‘coin’ ही होती है।
  • ज्यादातर सिक्के पेट तक पहुंचकर बिना किसी परेशानी के बाहर निकल जाते हैं लेकिन जब ये एसोफैगस में फंस जाएं, तो परेशानी हो सकती है। जिसमें, खाना निगलने में तकलीफ, उल्टी, छाती में दर्द या सांस लेने में दिक्कत शामिल है।

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एसोफैगोस्कापी क्या है? | क्या होता है Procedural overview

एसोफैगोस्कापी (esophagoscopy) एक एंडोस्कोपी-आधारित प्रक्रिया है जिसमें:
  • मरीज को एनेस्थीसिया (गैर्बल नींद) दिया जाता है।
  • एक पतली लाइटेड कैमरा युक्त ट्यूब मुंह के रास्ते नली में जाती है।
  • डॉक्टर सिक्कों की स्थिति देखते हैं और उन्हें कैसा हटाना सुरक्षित रहेगा, तय करते हैं।
  • टूल की मदद से सिक्कों को बाहर निकाला जाता है।
यह प्रक्रिया लगभग 30–45 मिनट में पूरी हो जाती है, जैसा इस केस में भी डॉ. पंकज कुमार ने बताया।

क्यों जरूरी है समय पर उपचार?

  • यदि सिक्का एसोफैगस में 24 घंटे से अधिक समय रहेगा तो ulceration, घाव या मॉन्युकैलर संक्रमण (mediastinitis) जैसी गंभीर रोग हो सकते हैं।
  • NASPGHAN और ESPGHAN दिशानिर्देश के अनुसार यदि सिक्का एसोफैगस में सिंटमेटिक बच्चे में हो, तब 2 घंटे के अंदर हटाना आवश्यक है।
इस केस (BSAH Coin Ingestion Child) में समय पर इलाज और एक्स-रे के बाद तुरंत हस्तक्षेप करने की वजह से बच्चे का रिकवरी सफल रहा।

BSAH Coin Ingestion Child : सोनीपत केस से क्या सीखें?

BSAH Coin Ingestion Child: खेल-खेल में निगल लिए 3 सिक्के, एसोफैगोस्कापी से बची जान
BSAH Coin Ingestion Child: खेल-खेल में निगल लिए 3 सिक्के, एसोफैगोस्कापी से बची जान
  • समय पर अस्पताल लाना जरूरी: बुधवार रात 11 बजे अस्पताल पहुंचे, बच्‍चा सुरक्षित रहा।
  • कम समय में इलाज: लगभग 40 मिनट में सिक्के बाहर निकले।
  • बीमारियों से बचाव : यदि समय रहते बच्चे को अस्पताल न लाया गया, तो नली में घाव या संक्रमण हो सकता था।
  • डॉक्टरों की टीम : डॉ. अजय गुप्ता, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. सरवनन व डॉ. दिव्यांशु की काबिलियत ने बच्चे की जान बचाई।

BSAH Coin Ingestion Child: सिक्के निगल जाने पर तुरंत क्या करें?

  • पैनिक ना करें, पर जल्दी एक्स-रे द्वारा पता लगाएँ कि सिक्के किस स्थिति में हैं।
  • वेडिंग इलाज गलत है : केला या दाल का पानी जैसे घरेलू उपाय सिक्के को बाहर नहीं निकालेगा, समय बरबाद होने की वजह है।
  • तुरंत अस्पताल जाएं: बेहतर है नली फंसने पर घर पर इंतज़ार करने की जगह तुरंत चिकित्सा मदद लेना।
  • एनेस्थीसिया और एंडोस्कोपी : एसोफैगोस्कापी प्रक्रिया द्वारा सिक्कों को सुरक्षित हटवाएँ।
  • डॉक्टर की सलाह : सफल ऑपरेशन के बाद नियमित निगरानी और भोजन शुरू करें।

बचाव कैसे करें? | Preventive measures for parents

  • घर में छोटे सिक्के, खिलौनों के हिस्से, मोती, घुंघरू इत्यादि तक बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • निगरानी रखें : खासकर 1–5 साल के उम्र के बच्चों को सहूलियत से चीजें मुंह में डालने की आदत होती है।
  • बच्चों को गेम-खेल के दौरान एक्सट्रा ध्यान दें, जैसे पैसे, कड़ी, गोली इत्यादि मुंह में डालना।
  • अगर कोई चीज गले में फंसी लगे तो तुरंत अस्पताल लेकर जाएँ, घरेलू इलाज में समय ना गँवाएँ।

स्टडी से सीख

  • विश्व स्तर पर foreign body ingestion सबसे आम
  • अमेरिका में 250,000+ इमरेजेंसी वार्ड में रिपोर्ट, ज्यादातर सिक्कों के केस।
  • 30% सिक्का एसोफैगस से स्पॉन्टेनियसली निकल जाता है जबकि बाकी एंडोस्कोपी की जरूरत होती है।
  • सिक्कों से पेट में निकलने के बाद समस्याएँ कम ही होती हैं, लेकिन एसोफैगस की दीवार पतली होने के कारण अक्सर यह खतरनाक साबित हो सकता है।

जिज्ञाशा

Q1: क्या घर पर सिक्का निकलना संभव है?

अगर सिक्का पेट तक पहुंच गया है (BRAH coin ingestion child)और बच्चा स्वस्थ है, तो डॉक्टर की निगरानी में रह-रहकर X-ray और स्टूल की जांच की जा सकती है। लेकिन अगर गले में फंसा है तो एसोफैगोस्कापी ही सुरक्षित उपाय है।

Q2: सिक्का निगलने पर सबसे पहले क्या करना चाहिए?

तुरंत अस्पताल (BRAH coin ingestion child) ले जाएँ और एक्स-रे करवाएँ, हो सकता सिक्का एसोफैगस में फंसा हो। घर पर घरेलू नुस्खे न अपनाएँ।

Q3: सिक्का निकलवाने की लागत क्या होती है?

सरकारी अस्पतालों में साधारण या निशुल्क हो सकता है।

Q4: क्या सिक्का निगलना बच्चों में बार-बार होता है?

हाँ, खासकर 1–4 साल की उम्र में बच्चों में सिक्का निगलना सामान्य है। इस दौरान मॉनिटरिंग जरूरी है।

अस्वीकरण (Disclaimer)


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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Pooja Mishra
Pooja Mishrahttps://www.caasindia.in
"Pooja Mishra is a passionate journalist with 3 years of experience in the field of reporting and storytelling. She loves expressing through words, singing soulful tunes, and exploring adventurous destinations. Her curiosity and creativity fuel her journey in journalism."
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