CSR समर्थन से IIT में हुआ Lactation Room सपना साकार
Lactation Room at IIT Delhi : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली ने एक महत्वपूर्ण और मानवीय पहल करते हुए अपने कैंपस में पहला लैक्टेशन रूम (Lactation Room) शुरू किया है।
यह समर्पित, निजी कक्ष (lactation room at iit delhi) नवजात शिशु को स्तनपान कराने वाली माताओं को एक सुरक्षित, सम्मानजनक और सुविधाजनक वातावरण प्रदान करेगा। इस पहल को संस्थान की समावेशी और संवेदनशील सोच का एक उदाहरण माना जा रहा है।
पहली बार महिलाओं की जरूरतों को प्राथमिकता
lactation room at iit delhi की शुरुआत एक सशक्त संदेश देती है — मातृत्व और करियर को एक साथ संभालने वाली महिलाओं के लिए अब शैक्षणिक संस्थानों में भी सहानुभूतिपूर्ण और व्यावहारिक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए।
इस पहल के पीछे IIT दिल्ली की यह सोच स्पष्ट रूप से दिखती है कि महिलाओं को सिर्फ पढ़ाई या नौकरी की सुविधा देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन्हें उनकी पारिवारिक और शारीरिक जरूरतों के लिए भी स्पेस देना जरूरी है।
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Lactation Room at IIT Delhi: शुरुआत के खास पल
लैक्टेशन रूम (Lactation room) का उद्घाटन IIT दिल्ली के एक समुदाय सदस्य — एक नवोदित मां की उपस्थिति में हुआ।
“यह कदम संस्थान की समावेशी सोच और कर्मचारियों एवं छात्रों की विविध जरूरतों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”– IIT के निदेशक प्रोफेसर रंजन बनर्जी, निदेशक, IIT Delhi
कॉर्पोरेट-सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) के तहत हुआ निर्माण
इस पहल को Shorthills AI नामक डेटा और एआई कंपनी के CSR समर्थन से साकार किया गया। Shorthills AI के सह-संस्थापक परमदीप सिंह, जो स्वयं IIT दिल्ली के पूर्व छात्र हैं, ने कहा:
“वास्तविक प्रगति वहीं से शुरू होती है, जहां हर किसी को बराबरी का अवसर और देखभाल मिले। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि हम IIT दिल्ली के साथ मिलकर इस सकारात्मक बदलाव का हिस्सा बन सके। मातृत्व के हर चरण में महिलाओं के साथ खड़े रहना हमारे मूल मूल्यों में शामिल है।”
IIT दिल्ली की डीन प्रो. एंजली मुल्तानी का बयान
संस्थान की डीन, डाइवर्सिटी एंड इन्क्लूज़न प्रो. एंजली मुल्तानी ने बताया:
“लैक्टेशन रूम की शुरुआत यह दर्शाती है कि IIT दिल्ली अपने समुदाय के भले के लिए संकल्पित है। यह न केवल माताओं के लिए एक आवश्यक सुविधा है, बल्कि यह एक समावेशी और संवेदनशील वर्कप्लेस कल्चर की दिशा में उठाया गया अहम कदम है।”
क्या है लैक्टेशन रूम और क्यों है जरूरी?

लैक्टेशन रूम (Lactation room) एक ऐसा विशेष कक्ष होता है जहां नवजात को स्तनपान (Breast Feeding) कराने वाली महिलाएं प्राइवेसी, स्वच्छता और सम्मान के साथ यह प्रक्रिया कर सकें।
अधिकतर महिलाएं कार्यस्थल पर इस सुविधा के अभाव में या तो स्तनपान छोड़ देती हैं या असहजता झेलती हैं। इससे ना केवल बच्चे के पोषण पर असर पड़ता है, बल्कि मां की मानसिक स्थिति पर भी प्रभाव होता है।
WHO और यूनिसेफ जैसी संस्थाएं भी स्तनपान को जीवन के पहले छह महीनों तक अनिवार्य मानती हैं। ऐसे में संस्थानों द्वारा लैक्टेशन रूम की सुविधा देना मानवता और स्वास्थ्य-दृष्टि से जरूरी कार्य है।
भारत में ऐसी सुविधाएं कितनी आम हैं?
भारत में बहुत कम शैक्षणिक या निजी संस्थानों में अब तक लैक्टेशन रूम की व्यवस्था है। हालाँकि सरकार और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस दिशा में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। IIT दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का यह कदम अन्य शिक्षण संस्थानों और कंपनियों को प्रेरणा देगा।
Lactation Room at IIT Delhi: संभावनाओं का नया द्वार
इस पहल का सबसे बड़ा संदेश यही है कि एक शैक्षणिक संस्था भी सिर्फ पढ़ाई और शोध का केंद्र न होकर सहानुभूतिपूर्ण सामाजिक वातावरण का निर्माण कर सकती है। ऐसे प्रयास न केवल महिलाओं को कार्यस्थल पर सम्मान और सुविधा देते हैं, बल्कि समाज को भी एक नई सोच की ओर ले जाते हैं।
निष्कर्ष
IIT दिल्ली द्वारा लैक्टेशन रूम की शुरुआत निश्चित रूप से एक क्रांतिकारी और सकारात्मक पहल है, जिससे न केवल छात्राएं, बल्कि महिला कर्मचारी और संकाय सदस्य भी लाभान्वित होंगी। यह कदम यह दर्शाता है कि एक श्रेष्ठ संस्था की पहचान केवल उसके शैक्षणिक प्रदर्शन से नहीं, बल्कि उसके सामाजिक संवेदनशीलता और समावेशी दृष्टिकोण से होती है।