Saturday, July 27, 2024
HomeLatest Researchचिंताजनक : चोरी छिपे किया जा रहा है तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन

चिंताजनक : चोरी छिपे किया जा रहा है तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

पहली तिमाही में 2,000 से ज्‍यादा तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन देखे गए 

नई दिल्ली। टीम डिजिटल :   
देश में तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन (advertising of tobacco products) पर बैन है लेकिन लूप होल्स का फायदा उठाकर इसका विज्ञापन अब भी किया जा रहा है। विशेषज्ञों ने इसपर चिंता जाहिर की है। यह हाल तब है जब भारत में तंबाकू के विज्ञापन प्रचार और स्‍पॉन्‍सरशिप को प्रतिबंधित करने वाली मजबूत नीतियां (Strong policies restricting tobacco advertising in India) हैं, फि‍र भी पारंपरिक मीडिया चैनल्‍स पर अप्रत्‍यक्ष रूप से तंबाकू उत्‍पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘सरोगेट मार्केटिंग’ (‘Surrogate Marketing’)  का उपयोग धड़ल्‍ले से हो रहा है। हालांकि, पहले के मुकाबले तंबाकू उत्पादों के उपयोग में कमियां आई है। बावजूद इसके, करीब 29 प्रतिशत वयस्‍क (15+) आबादी अभी भी तंबाकू का सेवन कर रही है।

ऐसे हो रहा है गडबडझाला 

चिंताजनक : चोरी छिपे किया जा रहा है तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन
चिंताजनक : चोरी छिपे किया जा रहा है तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन
विज्ञापन का यह रूप तम्बाकू उत्पाद के समान या समान ब्रांड पहचान का उपयोग करके पान मसाला जैसे अनियमित उत्पादों को बढ़ावा देता है ताकि उपभोक्ता उसे तम्बाकू उत्पाद से जोड़ सके। वैश्विक सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य संगठन वाइटल स्ट्रैटेजीज (Global Public Health Organization Vital Strategies) ने सोमवार को अपनी ताजा रिपोर्ट ‘हिडन इन प्‍लेन साइट: भारत, में सोशल मीडिया पर तंबाकू उत्‍पादों के सरोगेट मार्केटिंग’ को जारी किया है। ये रिपोर्ट सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म्‍स पर सरोगेट मार्केटिंग’ (Surrogate marketing on social media platforms) को उजागर करती है। रिपोर्ट ने जनवरी और मई 2022 के बीच एकत्र किए गए 2,000 से ज्‍यादा पोस्‍ट का विश्‍लेषण किया, जो अप्रत्‍यक्ष रूप से तंबाकू का प्रचार करते हैं। जिनमें से 12 प्रतिशत सरोगेट मार्केटिंग थे। रिपोर्ट के निष्‍कर्ष इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे सोशल मीडिया यूजर्स को तंबाकू कंपनियों और ब्रांडों से जुड़े भ्रामक विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं।
[irp posts=”8934″ ]
चिंताजनक : चोरी छिपे किया जा रहा है तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन
चिंताजनक : चोरी छिपे किया जा रहा है तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन

“इस बात के पुख्‍ता सबूत हैं कि तंबाकू विज्ञापनों से इसका इस्‍तेमाल बढ़ता है, खासकर बच्‍चों और युवाओं के बीच। हमारी ताजा टीईआरएम रि‍पोर्ट में पाया गया है कि लोकप्रिय सोशल मीडिया चैनल्‍स के माध्‍यम से तंबाकू उत्‍पादों को गुप्‍त रूप से ऑनलाइन प्रचारित किया जा रहा है। तंबाकू विज्ञापनों के छिपे हुए रूप मौजूदा तंबाकू नियंत्रण उपायों की प्रभावशीलता को कम करते हैं और उपभोक्‍ताओं, विशेष रूप से युवाओं को सबसे अधिक जोखिम में डालते हैं। यह महत्‍वपूर्ण है कि ऑनलाइन तंबाकू विज्ञापन पर अंकुश लगाने के लिए सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य के नेतृत्‍व वाले प्रयासों को प्राथमिकता दी जाए।”
  • डॉ. नंदिता मुरुकुटला, वाइस प्रेसिडेंट, ग्‍लोबल पॉलिसी और रिसर्च, वाइटल स्ट्रैटेजीज

[irp posts=”8909″ ]


 ”यूनियन इस तरह की पहली रिपोर्ट के लिए वाइटल स्ट्रैटेजीज़ की सराहना करता है। यह रिपोर्ट हमें इस परिदृश्य को बेहतर तरीके से समझने और तंबाकू नियंत्रण से जुड़े हमारे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इन उभरती चुनौतियों की पहचान करने में हमारी मदद करती है। हमें ऑनलाइन सरोगेट मार्केटिंग पर ध्यान देना चाहिए ताकि ऑफलाइन इंफोर्समेंट अधिक प्रभावी हो। मार्केटिंग उन प्रमुख तरीकों में से एक है, जिसके द्वारा तंबाकू की खपत को बढ़ावा दिया जाता है और बनाए रखा जाता है। हालांकि हमारे पास तंबाकू के विज्ञापनों और स्पॉन्सरशिप को लेकर कड़े प्रतिबंध हैं, लेकिन फिर भी सरोगेट टोबैको मार्केटिंग जैसे आंखों में धूल झोंकने वाले तरीकों से ये प्रोडक्ट ग्राहकों तक आसानी से पहुंच रहे हैं। यह डेटा भारत में तंबाकू नियंत्रण के उपायों को बेहतर बनाने और लागू करने में हमारे प्रयासों, हमारे कई भागीदारों और राज्य सरकारों की मदद करता है। इसके साथ ही यह नीति निर्माताओं और नियम लागू करने वाली एजेंसियों को तंबाकू विज्ञापन और मार्केटिंग से जुड़े एविडेंस बेस्ड प्रूफ भी उपलब्ध कराता है। इस तरह के प्रूफ तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रमों को विश्वसनीयता प्रदान करेंगे, जो आगे चलकर नीतिगत निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं।
  • डॉ. राणा जे. सिंह,टोबैको कंट्रोल के डिप्टी रीजनल डायरेक्टर, द इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरकुलोसिस एंड लंग डिजीज (द यूनियन) 

 


चौंकाने वाली रिपोर्ट (जनवरी से मई 2022)

चिंताजनक : चोरी छिपे किया जा रहा है तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन
चिंताजनक : चोरी छिपे किया जा रहा है तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन
  • ऑनलाइन तंबाकू मार्केटिंग के 2,111 मामलों में से 90 प्रतिशत से ज्‍यादा तंबाकू कंपनियों से संबद्ध उत्‍पादों के लिए थे, जिनमें सरोगेट मार्केटिंग और ब्रांड-एक्‍सटेंडेड उत्‍पाद शामिल हैं।
  • ऑनलाइन तंबाकू विज्ञापन के 2,111 मामलों में से, ऑनलाइन सरोगेट मार्केटिंग (12 प्रतिशत) के 243 मामले और कंपनी ब्रांड एक्‍सटेंशन विज्ञापन (80 प्रतिशत) के 1691 मामले थे। अन्‍य 8 प्रतिशत सीधे तौर पर तंबाकू उत्‍पादों के विज्ञापन थे, जहां उत्‍पादों को स्‍पष्‍ट रूप से चित्रित किया गया था और उन्‍हें छि‍पाया नहीं गया था।
  • सभी सरोगेट मार्केटिंग में माउथ फ्रेशनर्स और पान मसाला उत्‍पादों को ठीक उसी विजुअल ब्रांड पहचान के साथ दिखाया गया जो स्‍मोकलेस तंबाकू उत्‍पादों (100 प्रतिशत) में होते हैं।
  • अधिकांश सरोगेट उत्‍पादों (98 प्रतिशत) को स्‍पष्‍ट उत्‍पाद पिक्‍चर्स और तंबाकू कंपनी के लोगो के साथ सीधे प्रचारित किया गया था। ऑनलाइन देखे गए करीब आधे सरोगेट मार्केटिंग में गणतंत्र दिवस और चैत्र नवरात्रि जैसे सांस्‍कृतिक उत्‍सवों और समारोहों का फायदा उठाया, और ऋतिक रोशन, टाइगर श्रॉफ और महेश बाबू सहित प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेताओं को इनमें दिखाया गया।
  • ऑनलाइन सरोगेट मार्केटिंग का तीन-चौथाई (75 प्रतिशत) मेटा प्‍लेटफॉर्म (फेसबुक और इंस्‍टाग्राम) पर देखा गया।
[irp posts=”8417″ ]

क्या कहता है कानून 

चिंताजनक : चोरी छिपे किया जा रहा है तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन
चिंताजनक : चोरी छिपे किया जा रहा है तंबाकू उत्पादों का विज्ञापन
जून 2022 में, केंद्रीय उपभोक्‍ता संरक्षण प्राधिकरण (central consumer protection authority) ने “भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के लिए एंडोर्समेंट के लिए दिशा-निर्देश”जारी किए, जो सरोगेट मार्केटिंग और अन्‍य विज्ञापनों को प्रतिबंधित करता है, जो निराधार दावे, अतिरंजित वादे, गलत सूचना या झूठे दावों की पेशकश करते हैं। ये निष्‍कर्ष सोशल मीडिया पर इस प्रकार के विज्ञापनों की सीमा और प्र‍कृति की ओर ध्‍यान आकर्षित करते हैं।

“सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग के उदय के साथ, भारत के युवा चिंताजनक रूप से तंबाकू उद्योग के लिए अधिक आसानी से पहुंचने योग्‍य बाजार बन गए हैं। तंबाकू आधे लोगों को मार देती है जो इसका नियमित उपयोग करते हैं, जो किसी भी प्रकार के तंबाकू विज्ञापनों, प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष, को लोगों की नजरों से दूर रखने के लिए इसे एक तत्‍काल सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य मुद्दा बनाता है। ये निष्‍कर्ष सरोगेट मार्केटिंग सहित भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए केंद्रीय उपभोक्‍ता संरक्षण प्राधिकरण के हाल ही में जारी दिशा-निर्देशों को दृढ़ता से लागू करने की आवश्‍यकता पर जोर देते हैं।”
  • वैशाखी मलिक, एसोसिएट डायरेक्‍टर, साउथ एशिया, पॉलिसी एडवोकेसी एंड कम्‍युनिकेशन डिवीजन, वाइटल स्ट्रैटेजीज इंडिया

क्या है टीईआरएम

टीईआरएम (TERM) तंबाकू उद्योग के ऑनलाइन मार्केटिंग की निगरानी करने वाला एक किफायती, व्‍यवस्थित और सस्टेनेबल मॉडल है। यह खतरनाक उत्‍पादों के ऑनलाइन विज्ञापनों पर रोक लगाने में मदद करने के लिए सरकारी भागीदारों और सामाजिक संगठनों को कार्रवाई योग्‍य प्रमाण प्रदान करता है और इसका उपयोग नई पीढि़यों को तंबाकू और निकोटीन की लत से जोड़ने के लिए उद्योग द्वारा किए जा रहे प्रयासों का मुकाबला करने के लिए किया जा सकता है। टीईआरएम भारत, इंडोनेशिया और मैक्सिको सहित कई देशों में तंबाकू के अत्‍यधिक सेवन के साथ ऑनलाइन तंबाकू विज्ञापन के साक्ष्‍य प्रदान करने वाली रिपोर्ट तैयार करना जारी रखेगा। ये तकनीकी संसाधन विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के तंबाकू नियंत्रण पर फ्रेमवर्क कन्‍वेंशन के अनुच्‍छेद 13 के साथ संरेखित करने और डिजिटल मीडिया द्वारा लागू होने वाली उभरती चुनौतियों का जवाब देने के लिए विज्ञापन प्रतिबंधों को मजबूत करने के प्रयासों का समर्थन करेंगे।

[irp posts=”8301″ ]

Read : Latest Health News|Breaking News |Autoimmune Disease News |Latest Research | on https://caasindia.in | caas india is a Multilanguage Website | You can read news in your preferred language. Change of language is available at the beginning of the post (before the highlights).

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindi
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindihttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article