Blood Sugar Level का अधिक सटीक पूर्वानुमान देगा नया एआई मॉडल
NIT Rourkela AI Model for Diabetes Test, AI Model for Blood Sugar Test : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान राउरकेला (NIT Rourkela) के बायोटेक्नोलॉजी और मेडिकल इंजीनियरिंग विभाग (Department of Biotechnology and Medical Engineering) के विशेषज्ञों ने डायबिटीज टेस्ट के लिए एक नया मॉडल (new AI model for diabetes test) विकसित किया है।
सहायक प्रोफेसर, डा. मिर्जा खालिद बेग (Dr. Mirza Khalid Baig) के मार्गदर्शन में शोध टीम ने डायबिटीज (Diabetes) मरीजों के ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) का बेहतर पूर्वानुमान देने वाले एआई आधारित एक नए मॉडल (New AI-based predictive models) को विकसित करने में कामयाबी हासिल की है।
AI Model for Diabetes Test: शुगर लेवल टेस्ट के लिए मशीन-लर्निंग मॉडल
शोधपत्र को प्रो. बेग और उनके रिसर्च स्कॉलर दीपज्योति कलीता ने मिल कर तैयार किया है। जिसके निष्कर्ष को आईईईई जर्नल ऑफ बायोमेडिकल एंड हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स (IEEE Journal of Biomedical and Health Informatics) में प्रकाशित किया गया है।
इस शोध में एक मशीन-लर्निंग मॉडल (Machine-learning models) प्रस्तुत किया गया है। जो ब्लड शुगर लेवल का अधिक सटीक पूर्वानुमान देने में सक्षम है। इससे डायबीटीज के बेहतर और व्यक्तिगत तौर पर उपचार का निर्णय लेने में मरीजों और चिकित्सकों को मदद मिलेगी।
2025 तक 124.9 मिलियन हो सकती है मरीजों की तादाद
भारत में डायबिटीज (Diabetes in India) गंभीर स्वास्थ्य संबंधी चिंता का कारण बना हुआ है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि साल 2045 तक डायबिटीज के मरीजों की संख्या (Number of diabetic patients) 124.9 मिलियन हो सकती है।

डायबिटीज के प्रभावी उपचार (effective treatment for diabetes) के लिए ग्लूकोज लेवल (Glucose Levels) पर नियमित रूप से नजर रखना जरूरी है। इससे ब्लड शुगर में खतरनाक स्पाइक्स (Hyperglycemia) और ड्रॉप्स (Hypoglycemia) की रोकथाम करने में मदद मिलती है।
इन कारणों से जटिल होता है उपचार
विशेषज्ञों की कमी
समान स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलना
नियमित रूप से दवा का सेवन नहीं करना
स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही
कम खर्च में बेहतर उपचार
नई डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी (New digital health technology), खास कर एआई (artifical Intelligence) युक्त टेक्नोलॉजी, डायबिटीज का उपचार (Treatment of diabetes) बेहतर और इसका खर्च कम करने का नया नजरिया पेश करती है।
डायबिटीज पर शोध (Research on diabetes) के विभिन्न पहलुओं में मशीन लर्निंग (machine learning) का उपयोग किया जा रहा है। इनमें बुनियादी अध्ययनों से लेकर पूर्वानुमान देने वाले उपकरण (predictive tools) तक शामिल हैं। यह (AI Model for Diabetes Test) डॉक्टरों और मरीजों को उपचार का बेहतर और समय पर निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं।
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हालांकि, एआई लर्निंग मॉडल (AI Learning Models), विशेष कर प्रेडिक्टिव एआई मॉडल (Predictive AI Models) में कुछ कमियां हैं। इनमें कई मॉडल ‘ब्लैक बॉक्स’ की तरह काम करते हैं, यानि, उनके पूर्वानुमानों को समझना कठिन होता है।
पारदर्शिता में कमी देखते हुए डॉक्टर और मरीज उन पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर पाते हैं। इतना ही नहीं, पारंपरिक मॉडल (Traditional Model) जैसे कि सांख्यिकीय पूर्वानुमान की विधियां (Methods of Statistical Forecasting) या बेसिक न्यूरल नेटवर्क (Basic Neural Network) अक्सर लंबी अवधि में ग्लूकोज के उतार-चढ़ाव (Glucose fluctuations) को नहीं समझ पाते हैं और उन्हें फाइन-ट्यून करने की आवश्यकता होती है जो एक जटिल काम है।
AI Model for Diabetes Test : डीप लर्निंग तकनीक पर आधारित नया मॉडल
एनआईटी राउरकेला (NIT Rourkela) के शोधकर्ताओं ने ग्लूकोज लेवल का अधिक सटीक पूर्वानुमान (More accurate prediction of glucose levels) देने के लिए डीप लर्निंग तकनीक (Deep Learning Techniques) के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया।

उन्होंने एक विशेष एआई मॉडल (AI Model for Diabetes Test) शामिल किया जो ब्लड शुगर के पिछले ट्रेंड से जानकारी लेता है और अब तक प्रचलित विधियों की तुलना में अधिक सटीक पूर्वानुमान देता है। यह मॉडल ग्लूकोज डेटा को ऑटोमैटिक प्रोसेस (Automatic processing of glucose data) करता है।
जबकि इससे भिन्न पारंपरिक पूर्वानुमान मॉडल (Traditional forecasting models) अक्सर लंबी अवधि के ट्रेंड बताने में नाकाम रहा है। इनमें मैनुअल एडजस्टमेंट (Manual Adjustment) की भी आवश्यकता होती है। नया मॉडल खास पैटर्न की पहचान करता है और सटीक पूर्वानुमान देता है।
नए मॉडल की विशेषता (Features of the new model)
एनआईटी राउरकेला (NIT Rourkela) में बायोटेक्नोलॉजी और मेडिकल इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर प्रो. मिर्ज़ा खालिद के मुताबिक, ‘‘साल 2023 में जारी आईसीएमआर इंडियाएबी के शोध (Research by ICMR IndiaAB) परिणामों के अनुसार हमारे देश में डायबिटीज कुल जनसंख्या का (Diabetes percentage of total population) 11.4 प्रतिशत है और प्रीडायबिटीज 15.3 प्रतिशत है।
इसलिए इस समस्या से निपटने का नया समाधान विकसित करना जरूरी हो जाता है। हमारा बुनियादी इनोवेशन एक न्यूरल बेसिस एक्सपेंशन नेटवर्क (Neural Basis Expansion Network) के अंदर मल्टी-हेड अटेंशन लेयर्स (Multi-Head Attention Layers) का उपयोग करना है। नया मॉडल (AI Model for Diabetes Test) अनावश्यक पहलुओं की अनदेखी करते हुए सबसे प्रासंगिक डेटा प्वाइंट्स (Relevant data points) पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम है।
जिसके कारण बेहतर प्रदर्शन मिलता है। जबकि बड़ी मात्रा में प्रशिक्षण डेटा या बहुत अधिक कंप्यूटिंग की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके सटीक होने के साथ सक्षमता को जोड़ कर विशेषज्ञों ने व्यावहारिक उपकरण पेश करने का लक्ष्य रखा है।
जिसे डिजिटल स्वास्थ्य समाधानों (digital health solutions) के साथ जोड़ा जा सकता है। इससे डायबिटीज के अधिक प्रभावी उपचार (More effective treatments for diabetes) में मरीजों और डॉक्टरों को मदद मिलेगी।
निजी ग्लूकोज पैटर्न आधारित परिणाम
यह मॉडल (AI Model for Diabetes Test) ब्लड शुगर ट्रेंड (blood sugar trends) की महत्वपूर्ण जानकारियों की प्राथमिकता तय करने में सक्षम है। इसके पूर्वानुमान किसी व्यक्ति के निजी ग्लूकोज पैटर्न (Personal Glucose Pattern) से अधिक मिलते हैं।
जिसके कारण यह अधिक सटीक पूर्वानुमान (Accurate forecasts) देता है, जो उचित समय पर भविष्य में इंसुलिन की मात्रा (Amount of insulin) , आहार और शारीरिक गतिविधि सही (समायोजित) करने के लिए जरूरी है।
इसके अलावा, यह मॉडल स्मार्टफोन और इंसुलिन पम्प (Smartphones and insulin pumps) जैसे उपकरणों के साथ काम काम करने के लिए अनुकूलित है। इससे डायबिटीज की दैनिक देखभाल (daily care for diabetes) करना और आसान होगा।
AI Model for Diabetes Test : स्मार्ट इंसुलिन पम्प से जोड सकते हैं
इसे स्मार्ट इंसुलिन पम्प में जोड़ कर इंसुलिन देने का काम स्वचालित किया जा सकता है। मोबाइल हेल्थ ऐप (Mobile health app) में जोड़ कर ग्लूकोज लेवल पर रियल टाइम में नजर (Monitor glucose levels in real time) रखा जा सकता है या क्लिनिक में लगा कर मरीज की निजी जरूरत के अनुसार उपचार योजना बनाने में डॉक्टरों की मदद की जा सकती है।
वर्तमान में शोधकर्ता इस तकनीक (AI Model for Diabetes Test) के व्यापक क्लिनिकल ट्रायल (Extensive clinical trials) की योजना बना रहे हैं। ये परीक्षण ओडिशा के वरिष्ठ डायबिटीज विशेषज्ञ (Diabetes Specialist) डॉ. जयंत कुमार पांडा (Dr. Jayanta Kumar Panda) और उनकी टीम के सहयोग से विभिन्न अस्पतालों में किए जाएंगे।