Sunday, June 15, 2025
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AIIMS Digital Transformation: एम्स दिल्ली अब होगा पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस

एम्स दिल्ली का यह aiims digital transformation कदम देश में paperless hospitals india  के लक्ष्य की ओर एक मजबूत शुरुआत है।

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Highlights

Delhi AIIMS Digital Transformation: मरीजों की डिजिटल फाइलें तैयार होंगी, कागज का झंझट खत्म

एम्स (AIIMS) दिल्ली ने स्वास्थ्य सेवाओं में aiims digital transformation के तहत बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है। अब मरीजों की मेडिकल फाइलें डिजिटल फॉर्मेट में (Medical files in digital format) तैयार की जाएंगी, जिससे पेपर का इस्तेमाल पूरी तरह बंद हो जाएगा। इस कदम से न सिर्फ इलाज की प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि अस्पताल की कार्यप्रणाली भी पारदर्शी और कुशल बनेगी।

AIIMS Paperless System: कैसे काम करेगा नया सिस्टम?

aiims paperless system (aiims digital transformation) के अंतर्गत अब हर मरीज का यूनिक डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड (Unique Digital Health Record) तैयार किया जाएगा, जिसे डॉक्टर कभी भी एक्सेस कर सकेंगे। यह रिकॉर्ड केंद्रीय डेटाबेस (Central Database) में सुरक्षित रहेगा और मरीज की सहमति से किसी भी अन्य डॉक्टर या संस्थान के साथ साझा किया जा सकेगा। इससे इलाज में एकरूपता आएगी और समय की बचत होगी।
 
एम्स दिल्ली का यह aiims digital transformation कदम देश में paperless hospitals india  के लक्ष्य की ओर एक मजबूत शुरुआत है। यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए लाभकारी है बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच को भी बेहतर बनाएगा।
 
क्या है ये पेपरलेस सिस्टम?
  •  इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड (E-MR)
  • मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड अब Ayushman Bharat Digital Health Account (ABHA ID) से जुड़ेंगे।
  • डॉक्टर, लैब रिपोर्ट और ई-प्रिस्क्रिप्शन (E-Prescription) एक ही डिजिटल सिस्टम (Digital Systems) में उपलब्ध होंगे। इससे मरीजों को कहीं भी, कभी भी अपनी जानकारी देखने की सुविधा होगी

ई-प्रिस्क्रिप्शन और फार्मेसी अपडेट

डॉक्टर जब पर्ची लिखेंगे तो वह सीधे डिजिटल फार्मेसी सिस्टम (Digital pharmacy system) से जुड़ जाएगी। मरीज को मैन्युअली पर्ची लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी ।

QR कोड आधारित पेपरलेस चेक‑इन

OPD में मरीज अब QR कोड स्कैन करके स्वयं रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। इससे लंबी कतार और कागज की आवश्यकता समाप्त होगी ।

ई-पेमेंट और स्मार्ट कार्ड प्रणाली

AIIMS में सबके लिए एक स्मार्ट कार्ड (AIIMS Smart Card) उपलब्ध होगा, जिससे UPI, कार्ड या ई-पेमेंट की सुविधा मिलेगी। पेमेंट प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी।

स्मार्ट शेड्यूलिंग और डॉक्टर अलर्ट

OPD अपॉइंटमेंट सीधे डॉक्टर को भेजे जाएंगे और उन्हें अगले दिन की सूची ईमेल/नोटिफिकेशन से मिल जाएगी ।

Also Read :

डीप डैशबोर्ड और बेड मैनेजमेंट

अस्पताल में कितने बेड खाली हैं या कितने मरीज भर्ती हैं, यह सब रियल‑टाइम डैशबोर्ड (AIIMS Real‑time dashboard) पर उपलब्ध होगा ।

AIIMS Digital Transformation : डॉक्टर्स और अस्पताल प्रशासन को क्या मिलेगा?

Aiims new system के लागू होने से अस्पताल का प्रशासनिक कामकाज भी बेहद आसान हो जाएगा। डॉक्टर पुराने रिकॉर्ड तुरंत देख सकेंगे, जिससे सही इलाज और कम समय में निर्णय लेने में सुविधा होगी। साथ ही रिपोर्ट्स की गुमशुदगी या डेटा लॉस जैसी समस्याएं भी खत्म हो जाएंगी।

Digital Healthcare India: क्या देशभर में लागू होगा यह मॉडल?

AIIMS Digital Transformation: एम्स दिल्ली अब होगा पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस
AIIMS Digital Transformation: एम्स दिल्ली अब होगा पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस
स्वास्थ्य मंत्रालय इस digital healthcare india मॉडल को सफल बनाकर अन्य सरकारी अस्पतालों में भी लागू करने की योजना बना रहा है। एम्स दिल्ली इस दिशा में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर काम करेगा। यदि यह प्रणाली सफल होती है, तो भारत में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह डिजिटल हो सकती है।
 
Digital Medical Files: मरीजों को क्या होगा फायदा?
इस digital medical files सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मरीजों को बार-बार अपनी रिपोर्ट्स और पर्चियां लेकर आने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ एक डिजिटल आईडी (Digital Health ID) से सभी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी। इससे बुजुर्ग, दिव्यांग और दूर-दराज से आने वाले मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

AIIMS Digital Transformation: AIIMS क्यों कर रहा यह परिवर्तन?

समय की बचत और सुविधा

कागज नहीं भरना, लंबी कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं। ये सब मरीजों और स्टाफ दोनों के लिए समय और ऊर्जा बचाता है।

डेटा की पारदर्शिता और सुरक्षित एक्सेस

डॉक्टर और मरीज दोनों ही कहीं से भी अपने रिकॉर्ड देख पाएंगे। इससे इलाज और ट्रिटमेंट में सटीकता और पारदर्शिता बढ़ेगी।

मल्टी‑हॉस्पिटल रिफरल सिस्टम

पूरे देश के AIIMS और अन्य अस्पतालों के बीच मरीजों का डेटा सहज रूप से ट्रांसफर हो सकेगा, जिससे इलाज सुचारु होगा।

डिजिटल इंडिया और ABDM मिसन का समर्थन

यह कदम Ayushman Bharat Digital Mission (ABDM) जैसे राष्ट्रीय भविष्य‑दृष्टि जैसे स्वास्थ्य नेटवर्क्स के अनुरूप है ।
 

AIIMS Digital Transformation: AIIMS में इस सिस्टम की ट्रांसफॉर्मेटिव प्रक्रिया

e‑Hospital मॉड्यूल्स

National Informatics Centre (NIC) ने अक्टूबर 2022 में OPD, OT, क्लिनिकल, लैब, फार्मेसी  (pharmacy) और टेलीमेडिसिन (Telemedicine) जैसे मॉड्यूल्स का डेमो दिया था।

कमिटी और निगरानी प्रणाली

एक मॉनिटरिंग और वर्किंग कमिटी (AIIMS Monitoring and Working Committee) गठित की गई है, जो इस पेपरलेस ट्रांजिशन को नियमित रूप से देखेगी ।

IT नोडल ऑफिसर्स

हर विभाग से एक‑एक नोडल IT अफसर होगा, जो NIC और हॉस्पिटल के बीच कॉर्डिनेशन करेगा ।

ABHA ID अनिवार्यता

अब सभी OPD और IPD मरीजों का ABHA ID बनाना ज़रूरी है, जिससे उनके रिकॉर्ड्स लिंक हो जाएं।
 
AIIMS Digital Transformation: अतिरिक्त लाभ (Value Additions)

बेहतर आपातकालीन तैयारियाँ

रियल‑टाइम बेड मैनेजमेंट के जरिए एमरजेंसी बेड डिस्पैच जल्दी तय हो सकेंगे, जिससे आपातकालीन मरीजों की सुविधा बढ़ेगी।

डेटा‑ड्रिवन एनालिटिक्स और रिसर्च

डिजिटल रिकॉर्ड्स (Digital Health Records) के कारण उपचार, संसाधन और खर्च की परख आसान होगी। यह बेहतर रिसर्च और पॉलिसी बनाने में सहायक होगा।

ग्रामीण और दूरदराज इलाज

टेलीमेडिसिन सिस्टम के विस्तार से दूर‑दराज के लोग भी AIIMS के डॉक्टर्स से दूर से कंसल्ट कर पाएंगे।

वातावरण की रक्षा

लाखों कागज बचने से पेपर वेस्ट कम होगा और यह पर्यावरण के अनुकूल दिशा में एक बड़ा कदम होगा।
 

भविष्य की दिशा : अगले कदम

चरणसुविधासमयसीमा
1QR आधारित चेक‑इनलागू
2OPD/इमरजेंसी बेड डैशबोर्डजल्द
3e‑प्रिस्क्रिप्शन पूरे अस्पताल में फैलाना2025 मध्य
4राष्ट्रीय AIIMS नेटवर्क और रिफरल सिस्टमराष्ट्रीय AIIMS नेटवर्क और रिफरल सिस्टम
5स्मार्ट सहायक: AI/ML आधारित हेल्थ चेक2026 के बाद

विशेषज्ञों की राय

“Endocrinology और Mother & Child Health ब्लॉक में e‑प्रिस्क्रिप्शन शुरू हो चुका है और फार्मेसी तक जुड़ने की प्रक्रिया चल रही है।”
– Dr Nirupam Madan, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, AIIMS
 
“ABDM के जरिए भारत में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज लक्ष्य की दिशा में AIIMS मॉडल बन सकता है… AI, machine‑learning और दूरसंचार का उपयोग संभव है।”
– Dr Harsh Mahajan, FICCI हेल्थ सर्विसेज चेयर

AIIMS Digital Transformation: आम मरीजों को क्या मिलेगा?

  • तेज रजिस्ट्रेशन : कतार अब नहीं, QR स्कैन करें और हो जाएं रजिस्ट्रेशन।
  • एक क्लिक में रिकॉर्ड एक्सेस : घर बैठे या AIIMS में किसी भी जगह।
  • कोई पेपर नही़, कागजहीन प्रक्रिया : आपकी मेडिकल जानकारी अब डिजिटल।
  • फार्मेसी से तुरंत पर्ची अपडेट : पर्ची लेकर दोबारा दौड़ने की जरूरत नहीं।
  • अपॉइंटमेंट की सूचनाएं : हर अपडेट मिलेगा फोन/ईमेल पर।

AIIMS Digital Transformation: 18 सदस्यीय समिति बनी, 3 महीने में तैयार होगा पूरा प्लान

इस बदलाव (aiims digital transformation) को लागू करने के लिए एम्स के निदेशक ने हाल ही में 18 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। यह समिति आने वाले तीन महीनों में डिजिटलीकरण की सभी जरूरतों का खाका तैयार करेगी और टेंडर प्रक्रिया को भी पूरा करेगी। यानी आने वाले समय में यह समिति एम्स को पूरी तरह से डिजिटल बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी।
 
AIIMS Digital Transformation: अब डिस्चार्ज समरी भी मिलेगी ऑनलाइन
एम्स को डिजिटल बनाने के लिए बनाई गई 18 सदस्यीय समिति में न सिर्फ एम्स के डॉक्टर और आईटी एक्सपर्ट शामिल हैं, बल्कि निम्हांस (NIMHANS), सीएसआईआर (CSIR), डीआरडीओ (DRDO) और इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय (Ministry of Electronics and IT) के विशेषज्ञों को भी जोड़ा गया है। इससे साफ है कि इस परियोजना को देश के सर्वोच्च तकनीकी संस्थानों का सहयोग मिल रहा है।
 
वैसे एम्स में पहले से ही ओपीडी अपॉइंटमेंट, पंजीकरण, और लैब रिपोर्ट जैसी सुविधाएं ऑनलाइन दी जा रही हैं। अब एक और अहम सुविधा को डिजिटल किया गया है, अस्पताल में भर्ती मरीजों की डिस्चार्ज समरी भी अब ऑनलाइन (Online Discharge Summary AIIMS) तैयार होने लगी है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को कागजी झंझट से राहत मिलेगी।
 

मेडिकल सुविधाओं का संसदीय समिति ने किया निरीक्षण

शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) से जुड़ी स्थायी संसदीय समिति (Standing Parliamentary Committee) के सदस्य एम्स पहुंचे और वहां चल रही चिकित्सा सुविधाओं और विस्तार परियोजनाओं (AIIMS Digital Transformation) का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान दोपहर में समिति के सदस्यों ने एम्स की इमरजेंसी यूनिट का दौरा किया।
 
इस दौरान उन्होंने देखा कि तेज गर्मी और धूप के बीच कई मरीज स्ट्रेचर पर इलाज का इंतजार कर रहे थे। समिति ने इमरजेंसी के भीतर पहुंचकर वहां की चिकित्सा व्यवस्था की स्थिति को करीब से देखा और अधिकारियों से जानकारी ली।
 
इसके बाद सदस्यों ने कनवर्जन ब्लॉक (Conversion Block AIIMS) और सीआईएमआर (Center for Integrative Medicine and Research) का भी दौरा किया, जहां उन्होंने योग के माध्यम से इलाज पर चल रहे शोध कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
 

FAQ : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. एम्स दिल्ली पूरी तरह डिजिटल कब बनेगा?

एम्स दिल्ली को पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस बनाने की प्रक्रिया (AIIMS Digital Transformation) शुरू हो चुकी है। इसके लिए 18 सदस्यीय समिति बनाई गई है, जो तीन महीने में डिजिटलीकरण का पूरा खाका तैयार करेगी।

Q2. एम्स में मरीजों की मेडिकल फाइल अब कैसे मिलेगी?

एम्स दिल्ली में अब मरीजों की मेडिकल फाइल डिजिटल रूप में तैयार की जाएगी, जिसे जरूरत पड़ने पर एक क्लिक में ऑनलाइन एक्सेस किया जा सकेगा।

Q3. क्या एम्स में डिस्चार्ज समरी भी अब ऑनलाइन मिलेगी?

हां, अब एम्स में भर्ती मरीजों की डिस्चार्ज समरी भी ऑनलाइन तैयार की जा रही है, जिससे इलाज से जुड़े दस्तावेजों को सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से पाया जा सकता है।

Q4. एम्स के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (AIIMS Digital Transformation) में कौन-कौन सी संस्थाएं शामिल हैं?

इस परियोजना (AIIMS Digital Transformation) में एम्स के डॉक्टरों के साथ-साथ निम्हांस, CSIR, DRDO और आईटी मंत्रालय के विशेषज्ञ भी शामिल हैं, जो तकनीकी सहायता प्रदान कर रहे हैं।

Q5. एम्स में कौन-कौन सी सुविधाएं पहले से ऑनलाइन उपलब्ध हैं?

एम्स में ओपीडी अपॉइंटमेंट, पंजीकरण, और लैब रिपोर्ट्स जैसी सुविधाएं पहले से ही ऑनलाइन उपलब्ध हैं। अब इसमें डिस्चार्ज समरी और डिजिटल मेडिकल फाइल भी जोड़ी जा रही है।

अस्वीकरण (Disclaimer)


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

 caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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Ankur Shukla
Ankur Shuklahttps://caasindia.in
Ankur Shukla: The Journalist Who Strikes a Chord with Words and MusicWith over 13 years of rich experience in journalism, Ankur Shukla has carved a niche for himself as a trusted senior journalist, having served with distinction in several leading dailies. His in-depth reporting, especially on the health beat, has earned him prestigious honors like the Indraprastha Gaurav Award and the Swami Vivekananda Award and many more.But Ankur’s talents go far beyond the newsroom. A passionate Indian classical vocalist and a skilled sitar player he effortlessly blends the art of storytelling with the soul of music. And beyond pen and performance, he wears yet another hat — that of a committed social contributor, working actively for the welfare of autoimmune disease patients across the country.
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