बाहर से आने वाले मरीजों के लिए वेटिंग हॉल बना रहा है एम्स
Delhi Aiims में दिल्ली के बाहर से आने वाले मरीजों को कुछ और राहत देने की तैयारी चल रही है। एम्स के ओपीडी में उपचार के लिए आने वाले और अपनी बारी का इंतजार करते ओपीडी मरीजों के लिए एम्स ने नया वेटिंग हॉल तैयार करने का फैसला किया है।
एम्स (Delhi Aiims) इस नए वेटिंग हॉल को 16 करोड की लागत से तैयार करवाएगा। इसके निर्माण की जिम्मेदारी एचएससीसी को सौंपी गई है। एचएससीसी ने वेटिंग हॉल निर्माण कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
Delhi Aiims ने छह महीने में निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा
जानकारी के मुताबिक नए वेटिंग हॉल के निर्माण का कार्य तेज गति से किया जाएगा। टेंडर आवंटन के छह महीने में वेटिंग हॉल को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके बाद उम्मीद की जा रही है कि नया वेटिंग हॉल इस साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा। यानि, 2024 के अंत तक एम्स आने वाले बाहरी मरीजों को ठहरने के लिए एक नई व्यवस्था मिल जाएगी।
एम्स (Aiims Delhi) में इस निर्माण कार्य से ओपीडी में उपचार कराने वाले दूर-दराज से आने वाले मरीजों को बडी राहत मिलेगी। एम्स ओपीडी में भारी तादाद में मरीज उपचार के लिए आते हैं। आंकडों में अगर बात करें तो एम्स ओपीडी में रोजाना करीब 15 हजार मरीज उपचार के लिए आते हैं। इसमें से हजारों की तादाद में ऐसे मरीज होते हैं, दो दूसरे राज्यों से उपचार के लिए आते हैं।
आधी राहत से ही लगनी शुरू हो जाती है मरीजों की लाइन
ओपीडी पंजीकरण के लिए मरीज रात में ही एम्स (Aiims Delhi) पहुंचने लग जाते हैं। रात ढाई से तीन बजे ही ओपीडी ब्लॉक के बाहर मरीजों की लाइन लगनी शुरू हो जाती है। बावजूद इसके सुबह आठ बजे ओपीडी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होने पर मरीजों के लिए स्लॉट कम पड जाते हैं और कई मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाता है।
वेटिंग हॉल की सुविधा से ओपीडी रजिस्ट्रेशन में मिलेगी राहत
बताया जा रहा है कि वेटिंग हॉल की सुविधा मिलने से दूर-दराज से आने वाले मरीजों के लिए ओपीडी रजिस्ट्रेशन करना कुछ आसान हो जाएगा। मस्जिद मोठ के पास और नए ओपीडी के करीब मौजूद अंडरग्राउंड पार्किंग में वेटिंग हॉल बनाने की योजना तैयार की गई है। जिसके बाद मरीज वेटिंग हॉल में बैठकर ओपीडी रजिस्ट्रेशन के लिए अपनी बारी आने की प्रतीक्षा कर सकेंगें।
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यहां बता दें कि मरीजों की सुविधा को बढाने और असुविधा को दूर करने के लिए एम्स लगातार प्रयासरत होने का दवा कर रहा है। इसके लिए कई योजनाओं पर काम चल रहा है और कई योजनाओं को पूरा भी कर लिया गया है। एम्स में आने वाले मरीजों के लिए वेटिंग भी एक बडी चुनौती बनी हुई है। जिसे दूर करने के लिए एम्स को और भी अधिक प्रयास करने होंगे।