सिर्फ 2000 रुपए में मिलेगी Balding Head से मुक्ति
Balding Head : गंजेपन की समस्या अब बीते दिनों की बात हो जाएगी। वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) मेडिकल कॉलेज के डर्मेटोलॉजी विभाग (Dermatology Department) ने गंजेपन (baldness) का प्रभावी उपचार ढूंढ निकाला है।
इस उपचार की विशेषता है कि इसमें बहुत ही कम वक्त और खर्च लगता है। डॉक्टरों ने इस उपचार प्रक्रिया को पीआरपी एक्टिवेटर तकनीक (PRP activator technology) नाम दिया है।
Balding Head को बालों से भर देगी PRP तकनीक
पीआरपी एक्टिवेटर तकनीक के तहत डॉक्टर 15 एमएल खून का इस्तेमाल करते हैं। इस उपचार प्रक्रिया में महज 30 मिनट का वक्त और 6 महीने का इंतजार लगता है।
जिसके बाद गंजेपन (baldness) से छुटकारा मिल जाता है। बीएचयू (BHU) के डॉक्टरों के इस शोध को हाल ही में इंडियन जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी (Indian Journal of Dermatology) में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है।
बीएचयू-आईएमएस (BHU-IMS) के सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट प्रोफेसर सत्येंद्र कुमार सिंह (Professor Satyendra Kumar Singh) ने डॉ. शैलेश सिंह (Dr. Shailesh Singh) के साथ मिलकर इस रिसर्च को अंजाम दिया है। बीएचयू के सर सुंदर लाल अस्पताल (Sir Sundar Lal Hospital) में बीते 6 महीनों से इस नई तकनीक के जरिए लोगों का उपचार किया जा रहा है। जिसके बेहतर नतीजे भी सामने आ रहे हैं।

इस तकनीक से उपचार करवाने वाले लोगों के सिर पर 90 प्रतिशत तक बाल उभर चुके हैं। अबतक इस तकनीक का प्रयोग 500 से अधिक मरीजों पर भी किया जा चुका है। सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट प्रोफेसर सत्येंद्र कुमार सिंह के मुताबिक, मरीजों को चार चरणों में यह उपचार दिया जा रहा है।
पहले चरण के तहत ओरल दवाएं (oral medications) दी जाती है। दूसरे चरण में लगाने वाली दवाएं दी जाती हैं, तीसरे चरण में लगाने वाली दवा के साथ पीआरपी और चौथी चरण में केवल पीआपी उपचार दिया जाता है। डॉक्टर के मुताबिक अंतिम चरण के उपचार के बाद मरीज काफी तेजी से रिकवर करता है। इस चरण में किसी भी तरह की खाने या लगाने वाली दवा नहीं दी जाती है।
ऐसे करते हैं पीआरपी तकनीक का प्रयोग
प्रोफेसर सत्येंद्र कुमार सिंह के मुताबिक, पीआरपी एक्टिवेटर थेरेपी के तहत गंजे मरीजों (bald patients) के सिर (Balding Head) के उस हिस्से में इंजेक्शन दिया जाता है, जहां के बाल गिर चुके होते हैं। पीआपी में एक्टिवेटर को मिक्स किया जाता है। जिससे प्लेटलेट्स (platelets) एक्टिवेट करने में मदद मिलती है।

रिसर्च में यह स्पष्ट हो चुका है कि एक्टिवेटर युक्त पीआपी थेरेपी बगैर एक्टिवेटर वाली पीआपी थेरेपी की तुलना में ज्यादा तेजी से फायदा पहुंचाता है। डॉक्टर के मुताबिक, एक्टिवेटर एक तरह का केमिकल है, जो रक्त कोशिकाओं को सक्रिय करता है। इस थेरेपी के प्रयोग से 3 से 4 गुना बाल की मोटाई बढ जाती है।
मरीज के ब्लड का थेरेपी में डॉक्टर ऐसे करते हैं इस्तेमाल
डॉ. सिंह के मुताबिक, आधे घंटे की थेरेपी में मरीज के शरीर से कुछ एमएल खून लिया जाता है। खून को सेंट्रीफ्यूज मशीन (centrifuge machine) में रखकर खराब प्लाजमा (bad plasma) को अलग कर दिया जाता है।
इसके बाद प्लेटलेट रिच प्लाजमा (platelet rich plasma) को जहां सिर में कम बाल होते हैं, वहां इंजेक्ट कर दिया जाता है। डॉक्टर के मुताबिक 6 महीने में मरीज के बाल घने हो जाते हैं।