भावनात्मक स्वास्थ्य का प्रतीक है खिलखिलाहट (Giggling)
Personality in Your Laughter, Giggling Benefits in Hindi : हंसी या खिलखिलाहट (Giggling) इंसानी व्यक्तित्व (human personality) का आईना है। यह किसी के व्यक्त्वि को समझने में आपकी मदद कर सकती है। मनोविज्ञान (Psychology) के मुताबिक, हंसी एक भावनात्मक प्रतिक्रिया (emotional response) होने के साथ व्यक्तित्व के कई पहलुओं को भी उजागर करती है। मनोविज्ञान के नजरिये से हंसी को सामाजिक व्यवहार (Social Behavior) के साथ भावनात्मक स्वास्थ्य (emotional health) का प्रतीक भी माना जाता है।
आत्मविश्वासी होते हैं खुलकर हंसने वाले
खुलकर हंसने वालों को आत्मविश्वास से भरपूर माना जाता है। ऐसे लोगों के बारे में मनोविज्ञान कहता है कि ये मजाकिया, मिलनसार और ऊर्जा से भरपूर व्यक्तित्व के धनी लोग होते हैं। जबकि, संकोच से भरी हंसी व्यक्ति के अंतर्मुखी (introvert) और संवेदनशील (Sensitive) होने के संकेत हैं।
ऐसे लोग विचारशील (thoughtful) होते हैं और जल्दी किसी के सामने खुलते नहीं हैं। बार-बार हंसने वाले लोग खुशमिजाज होते हैं और उन्हें तनावमुक्त रहना पसंद होता है। वहीं बिना आवाज किए मुस्कान बिखेरने वाले लोगों का व्यक्तित्व गंभीर और अत्मनियंत्रित (self controlled) होता है।
आपकी हँसी में छुपी है आपके व्यक्तित्व की झलक
आपके हंसने का तरीका आपके व्यक्तित्व, मानसिकता और सामाजिक व्यवहार के बारे में महत्वपूर्ण संकेत देता है। ऐसे में हंसी को समझना और उसके महत्व को जान लेना आत्म विकास (self development) और सामाजिक संबंधों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।

हंसी एक प्राकृतिक संवाद (Natural Dialogue) का माध्यम है। वहीं, यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है। ये हमारे सामाजिक संबंधों को मजबूत करने का रास्ता भी तैयार करता है। खासतौर पर हल्की हंसी आपके व्यक्त्तिव के कई पहलुओं को उजागर करती है। इसके पीछे कई मनोवैज्ञानिक पहलू (Psychological aspects) छिपे होते हैं।
हंसी और आपका व्यक्तित्व
Laughter and your personality
हंसने का तरीका किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व को समझने में सहायता कर सकता है। हंसने का तरीका हमारे मानसिक, शारीरिक और सामाजिक पहलुओं को भी प्रभावित करता है। इससे हमारी आंतरिक भावनाओं, दृष्टिकोण (Approach) के बारे में भी महत्वूपर्ण जानकारी उजागर होती है।
बोल्ड हंसी (Bold laughter)
खुलकर हंसने वाले लोगों का अत्मविश्वास बेहतर होता है और ये सामाजिक भी होते हैं।
संकोच भरी हंसी (shy laughter)
हल्की या धीमी हंसी व्यक्ति के अंतर्मुखी और सतर्क होने के संकेत हैं।
संवेदनशील हंसी (Sensitive Laugh)
बार-बार और छोटी-छोटी बातों पर भी हंसने वाले लोग अधिक संवेदनशील और भावनात्मक हो सकते हैं।
स्वाभाविक हंसी (Natural laughter)
स्वभाविक और सरल हंसी हंसने वाले लोग सहज और संतुष्ट होते हैं।
Giggling का न्यूरोसाइंस क्या है?
गिगलिंग एक छोटी और हल्की सी हंसी को कहते हैं। आमतौर पर ऐसी हंसी को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है लेकिन यह मजबूत सामजिक और भावनात्मक प्रतिक्रिया (emotional response) के संकेत होते हैं। ऐसी हंसी सामान्यतौर पर किसी मजेदार, चुलबुली या अप्रत्याशित स्थिति (unexpected situation) में प्रकट होती है। ऐसी हंसी हल्के स्वर वाली होती है। गिगलिंग को अक्सर बच्चों की हंसी से जोडकर देखा जाता है लेकिन वयस्कों में यह मजाक, शर्मिंदगी की भावना और हल्के मजे के कारण उत्पन्न होती है।
क्या कहता है अध्ययन?
न्यूरोसाइंस (Neuroscience) में जब गिगलिंग (Giggling) को लेकर अध्ययन किया गया तो कई रोचक जानकारियां सामने आई। अध्ययन में यह पाया गया कि यह न सिर्फ एक सामाजिक और भावनात्मक प्रतिक्रिया है, बल्कि मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों में जैविक और तंत्रिका तंत्र (Biological and nervous systems) संबंधी परिवर्तन भी उत्पन्न करती है। गिगलिंग का संबंध हमारे मानसिक, शारीरिक और सामाजिक स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। हंसी हमारे मस्तिष्क में एंडॉर्फिन (happiness hormones) को रिलीज करती है। इससे हमारा मूड बेहतर होता है।
मस्तिष्क के इन भागों से है गिगलिंग का संबंध :
एमिगडाला (Amygdala)
यह भावनाओ को नियंत्रित करता है।
प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (Prefrontal Cortex)
यह सामाजिक और कॉमिक स्थितियों को समझने में सहायता करता है।
डोपामाइन सिस्टम (Dopamine System)
इससे खुशी और संतुष्टि का अनुभव होता है।
गिगलिंग और सामाजिक प्रभाव
Giggling and social influence
मूड लिफ्ट करना (Mood Lifting)
गिगलिंग से मूड बेहतर होता है और सामाजिक संबंध भी मजबूत होते हैं।
सकारात्मक प्रभाव (Positive effects)
दूसरों के साथ गिगलिंग करने से आपसी विश्वास और नजदीकी बेहतर होती है।
सामाजिक जुड़ाव (Social bonding)
हल्की हंसी (गिगलिंग) अक्सर आकर्षण और फ्लर्टिंग का भी संकेत होता है।
मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है हंसी

हंसी, तनाव और चिंता (Stress and anxiety) को कम करने का एक बेहतर जरिया है। हंसने से तनाव हार्मोन (Cortisol) का स्तर कम होता है। इससे मानसिक शांति प्राप्त होती है। डिप्रेशन के लक्षणों (Symptoms of depression) को कम करने में हंसी मदद करती है। हसने से मस्तिष्क में नई ऊर्जा और रचनात्मकता (Creativity) बढती है। हंसने के दौरान मस्तिष्क में ‘एंडॉर्फिन (Endorphin)’ नामक खुशी के हार्मोन का स्राव होता है, जो तनाव और दर्द (stress and pain) को कम करने में मदद करता है।
इससे मन के नकारात्मक विचार (Negative thoughts) दूर होते हैं और सोच सकारात्मक होती है। आपकी हंसी (Giggling) दूसरों के साथ आपके भावनात्मक जुड़ाव का जरिया भी बन सकती है। इससे मानसिक स्थिरता मिलती है। इसलिए जिंदगी में चाहे कितने ही गम क्यों न हो हंसना छोडना नहीं चाहिए। हंसी आपकी वह ताकत है तो आपको भावनात्मक और मानसिक रूप से खुशहाल बनाती है। जो व्यक्ति हंसना भूल गया, उसका जीवन तनाव और नेगेटिविटी से भर जाता हैै।